आधुनिक तकनीक मानव जीवन में उपयोगी सिद्ध हुई- मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री के समक्ष प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनाके अन्तर्गत ‘फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक’ का प्रस्तुतीकरण।लोक निर्माण विभाग को इस तकनीक काअध्ययन कर शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश।आधुनिक तकनीक मानव जीवन को सुगम बनाने में उपयोगी सिद्ध हुई।नई तकनीक को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपनाया जाना चाहिए।

भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज-।।। वर्ष 2020-21 बैच-। के अन्तर्गत लगभग 4,178 करोड़ रु0 लागत के 6,287 कि0मी0 से अधिकलम्बाई के 898 मार्ग एवं 05 सेतुओं के प्रस्ताव अब तक स्वीकृत।आई0आई0टी0 चेन्नई, आई0आई0टी0 रुड़की के विषय-विशेषज्ञों सहित अन्यविशेषज्ञों ने ‘फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक’ के सम्बन्ध में वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग द्वारा अपने विचार व्यक्त किए।


लखनऊ – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष आज यहां उनके सरकारी आवास पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत ‘फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक’ के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया। प्रस्तुतीकरण का अवलोकन करने के पश्चात उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक मानव जीवन को सुगम बनाने में उपयोगी सिद्ध हुई है। नई तकनीक को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को इस तकनीक का अध्ययन कर शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिए।इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आई0आई0टी0 चेन्नई, आई0आई0टी0 रुड़की के विषय-विशेषज्ञों सहित अन्य विशेषज्ञों ने भी ‘फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक’ के सम्बन्ध में अपने विचार व्यक्त किए।

     मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज श्री मनोज कुमार सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज-।।। वर्ष 2020-21 बैच-। के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा लगभग 4,178 करोड़ रुपए लागत के 6,287 कि0मी0 से अधिक लम्बाई के 898 मार्गों एवं 05 सेतुओं के प्रस्ताव अब तक स्वीकृत किए गए हैं।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि लगभग 3,046 करोड़ रुपए लागत के 2,416 कि0मी0 से अधिक की लम्बाई के 299 मार्गों का निर्माण ‘फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक’ के माध्यम से प्रस्तावित है। यह तकनीक टिकाऊ, मजबूत, किफायती, पर्यावरण अनुकूल है। इसके मेन्टेनेन्स की लागत भी कम है। इसमें पुरानी सड़क के सम्पूर्ण क्रस्ट का दोबारा इस्तेमाल हो जाता है तथा स्टोन एग्रीगेट की जरूरत नहीं पड़ती है। इस तकनीक से सड़क का निर्माण भी बहुत तेजी से होता है। इस अवसर पर ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोती सिंह), ग्राम्य विकास राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, संयुक्त सचिव केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय आशीष कुमार गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।