नीरज जैन होंगे अजमेर के डिप्टी मेयर

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नीरज जैन होंगे अजमेर के डिप्टी मेयर। पार्टी का फैसला मंज़ूर-ज्ञान सारस्वत। केकड़ी में कांग्रेस पार्षद जुबीन खान ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए। अजमेर निगम चुनाव में अरुण चतुर्वेदी की रणनीति सफल रही।

एस0 पी0 मित्तल

भाजपा पार्षद नीरज जैन अजमेर नगर निगम के डिप्टी मेयर होंगे। हालांकि भाजपा के नवनिर्वाचित 48 पार्षदों में डिप्टी मेयर के पद के लिए कई दावेदार थे, लेकिन आपसी सहमति से नीरज जैन को उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया गया। कांग्रेस ने बनवारी लाल शर्मा को डिप्टी मेयर पद का उम्मीदवार बनाया। लेकिन भाजपा के पास पूर्ण बहुमत है। इसलिए जैन ही डिप्टी मेयर की शपथ ले रहे हैं। डिप्टी मेयर पद के प्रबल दावेदार ज्ञान सारस्वत ने कहा है कि पार्टी ने किया है वह मंजूर है। मैं भाजपा का अनुशासित कार्यकर्ता हूँ, इसलिए अब नीरज जैन की उम्मीदवारी के साथ खड़ा हंू। यहां यह उल्लेखनीय है कि 7 फरवरी को मेयर के पद पर भाजपा की बृजलता हाड़ा का चुनाव हुआ था। 80 पार्षदों में से हाड़ा को 61 पार्षदों के वोट मिले थे।

डिप्टी मेयर के पद को लेकर विधायक वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल ने भी पार्टी के फैसले का स्वागत किया है। मंत्री पर आरोप:केकड़ी में नगर पालिका के उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव के दौरान कांग्रेस के पार्षद जुबीन खान ने क्षेत्रीय विधायक और प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। खान ने कहा कि उन्होंने पालिका चुनाव में कांग्रेस को बहुमत दिलवाने के लिए जबरदस्त मेहनत की। उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि पालिका का अध्यक्ष बनाया जाएगा। लेकिन चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने उनके साथ धोखा किया। मुझे न तो अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया और न ही उपाध्यक्ष पद का।

07 फरवरी को जब मैं रघु शर्मा की कैद से भाग कर नामांकन दाखिल करने पालिका कार्यालय जा रहा था, तब पुलिस ने मुझे रास्ते में रोक लिया। पुलिस की यह कार्यवाही मंत्री के इशारे पर हुई। पुलिस के रोके जाने के कारण मैं उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने से वंचित हो गया। खान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सिर्फ मुसलमानों को वोट के लिए इस्तेमाल करती है। रघु शर्मा ने अपने मंत्री पद के प्रभाव में आज जो मेरे साथ किया है उसका बदला विधानसभा के चुनाव में लिया जाएगा। केकड़ी नगर पालिका के उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की ओर से रमाकांत दाधीच और संपत देवी ने नामांकन दाखिल किया था, लेकिन दाधीच ने अपना नाम वापस ले लिया।

अब संपत देवी ही उपाध्यक्ष बनेंगी। यहां भाजपा ने नंदकिशोर जयसवाल को उम्मीदवार बनाया। अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस के कमलेश साहू को 40 पार्षदों में से 24 पार्षदों के वोट प्राप्त हुए थे। कांग्रेस के 21 पार्षद हैं। केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में आने वाली सरवाड़ नगर पालिका के उपाध्यक्ष पद के चुनाव में कांग्रेस के आरिफ नेब उपाध्यक्ष बनेंगे। यहां भाजपा ने प्रहलाद रैगर को उम्मीदवार बनाया है। चतुर्वेदी की रणनीति सफल:अजमेर नगर निगम के चुनाव में भाजपा के चुनाव प्रभारी और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी की रणनीति सफल रही है। 80 वार्डों के उम्मीदवारों के चयन और फिर चुनाव प्रचार से लेकर 8 फरवरी को डिप्टी मेयर के चुनाव तक चतुर्वेदी सक्रिय रहे। पार्षदों को एकजुट रखने के लिए सभी नवनिर्वाचित पार्षदों को जयपुर स्थित एक रिसोर्ट में रखा गया।

मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के समय चतुर्वेदी स्वयं पार्षदों के साथ जयपुर से अजमेर आए। पार्षदों को भले ही एक सप्ताह तक अलग रहना पड़ा हो, लेकिन सभी ने चतुर्वेदी की कार्यकुशलता की प्रशंसा की है। चतुर्वेदी ने प्रत्येक पार्षद के साथ संपर्क बनाए रखा। मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर सर्वसम्मति बनाने में भी चतुर्वेदी की भूमिका महत्वपूर्ण रही। पार्षदों की राय शुमारी से भाजपा के विधायक वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल को भी दूर रखा गया। चतुर्वेदी ने पार्षदों को स्वयं पर्चियां दी और अपने पसंदीदा उम्मीदवार का नाम लिखने को कहा। पॢचयों के परिणाम के बारे में भी चतुर्वेदी को ही जानकारी रही।

चतुर्वेदी की रणनीति को सफल बनाने में शहर के दोनों विधायक और पूर्व मेयर धर्मेंद्र गहलोत व पूर्व डिप्टी मेयर संपत सांखला का भी सहयोग रहा। चतुर्वेदी ने अजमेर के भाजपा नेताओं की टीम बनाकर नगर निगम चुनाव की रणनीति बनाई। जबकि कांग्रेस में निगम चुनाव को लेकर बिखरा देखा गया। कांग्रेस कई गुटों में विभाजित नजर आई। जिला प्रमुख चुनाव से सबक:नगर निगम के चुनाव में भाजपा ने पिछले दिनों हुए जिला प्रमुख के चुनाव से सबक लिया। जिला प्रमुख के चुनाव में भाजपा सदस्य श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा ने बगावत की इसलिए निगम चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने चतुर्वेदी को खासतौर से जिम्मेदारी दी। जिला परिषद के सदस्यों के चुनाव के बाद सदस्यों को एकजुट करने में भाजपा के नेता विफल रहे। लेकिन इस बार भाजपा ने मतदान के बाद ही पार्षद उम्मीदवारों को एकजुट कर लिया।