निहारिका साहित्य मंच ने महिलाएं को किया सम्मानित

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निहारिका साहित्य मंच ने महिलाएं को किया सम्मानित
निहारिका साहित्य मंच ने महिलाएं को किया सम्मानित

महिला दिवस पर निहारिका साहित्य मंच ने महिलाएं को किया सम्मानित।

लखनऊ। आज पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं पर मज़ाक बनाना आसान है,महिलाओं का उत्पीड़न करना आसान है महिलाओं को कमज़ोर समझना आसान है,महिलाओं को कैद में रखना आसान है।जबकि ज़रूरत है महिलाओं को महान समझना।क्योंकि महिलाएं हैं तो रौनक है,बरकत है, रहमत है, महिलाएं हैं तो मातृत्व है, समाज है,खानदान है,महिलाएं हैं तो करुणा है, हमदर्दी है और मुहब्बत है। इनके बिना या इनके सहयोग के बिना घर सिर्फ़ ईंट गारा है और पूरी दुनिया अधूरी है और जब समाज में इनका योगदान पुरुष के बराबर है या यों कहें पुरुष के योगदान के मुकाबले और ज़्यादा है तो कई स्तर पर इनकी उपेक्षा क्यों।

महिलाओं के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हुए,निहारिका साहित्य मंच तथा कंट्री ऑफ़ इण्डिया द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के पर जगत जननी स्वरूप मातृत्व व समाज के प्रति अपना बेहतरीन योगदान देने वाली कई महिलाओं को निहारिका साहित्य मंच तथा कंट्री ऑफ़ इण्डिया के तत्वधान में गोमती नगर स्थित होटल सौभाग्यंम में सम्मानित किया गया। इस भव्य कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एडीसीपी मध्य मनीषा सिंह, रहीं।कार्यक्रम की अध्यक्षता मशहूर साहित्यकार डॉक्टर सुल्तान शाकिर हाशमी ने की,अति विशिष्ट अतिथि के रूप में, डॉक्टर नीमा पंत,आरटीआई एक्टिविस्ट संजय शर्मा,उर्वशी शर्मा, प्रिंट मीडिया वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के मुख्य संरक्षक राष्ट्रपति पदक से सम्मानित आज़ाद हफीज,तथा समाजसेवी वी.बी पाण्डे, वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल वहीद,जुबेर अहमद,अनवर आलम,मुश्ताक बेग राकेश सिंह उपस्थित रहे।इनके आलावा प्रिंट मीडिया वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अज़ीज़ सिद्दीकी के साथ पूरी टीम तथा अन्य लोगों में कई गणमान्य शख्सियत उपस्थित रहीं।मुख्य अतिथि,एडीसीपी मनीषा सिंह ने कहा महिलाओं को चौका बर्तन और किचन के साथ साथ बाहर समाज में भी योगदान देने के लिए आगे आना चाहिए, साथ ही ये भी कहा कि किसी भी जगह पर किसी तरह का उत्पीड़न हो रहा हो उसका विरोध करने के साथ साथ तुरन्त पुलिस की मदद लेनी चाहिए।

अपने अभिभाषण में अज़ीज़ सिद्दीकी व रीमा सिन्हा ने कहा कि समाज में महिलाओं का योगदान पुरुष के मुकाबले कहीं ज़्यादा रहता है, फिर भी पुरुष प्रधान समाज होने के कारण इनको वो स्थान नहीं मिल पाता है, महिलाओं के प्रति पूरा आभार व्यक्त करते हुऐ हमारे संगठन और स्वंम हम लोग इनको सम्मानित करने का पूरा प्रयत्न करते हुए सामाजिक स्तर पर इनको ऊंचा मुकाम देने की कोशिश करते हैं।इसी के साथ प्रिंट मीडिया वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अज़ीज़ सिद्दीकी तथा निहारिका साहित्य मंच की संथापिका डॉक्टर रीमा सिन्हा तथा मनीषा सिंह व डॉक्टर सुल्तान शाकिर हाशमी के हाथों, समाज में अपना बेहतरीन योगदान देने वाली महिलाओं को स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया।कार्यक्रम के अन्त में बीते 1-मार्च 2024 को अब्दुल वहीद की दिवंगत हो चुकी माता जी के लिए उनकी आत्मा की शान्ति के 2 मिनट का मौन रखा गया।