नीति आयोग ने भाजपा सरकार फिसड्डी घोषित किया-पूर्व मुख्यमंत्री

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    भाजपा ने किसानों, नौजवानों के भविष्य को रौंदने का काम किया है। वह भ्रमजाल फैलाने में माहिर है। विकास समाजवादी सरकार ने किया, भाजपा बिना कुछ काम किए अपने झूठे दावे कर रही है। मुख्यमंत्री जी के पास गिनाने को अपना एक काम नहीं है। उनके रिपोर्ट कार्ड में ध्वस्त कानून व्यवस्था, महिलाओं के साथ दुष्कर्म की बढ़ती घटनाएं, स्वास्थ्य क्षेत्र की बदहाली, शिक्षा में अव्यवस्था, महंगाई और भ्रष्टाचार है। नीति आयोग भाजपा सरकार को कई क्षेत्रों में फिसड्डी घोषित किया है।इसमें दो राय नहीं कि सन् 2022 का विधानसभा चुनाव लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है। संवैधानिक संस्थाओं को भाजपा सरकार ने जानबूझकर कमजोर किया है। समाजवादी सरकार ने बुनियादी ढांचों के विस्तार देने का काम किया। भाजपा सरकार झूठे विज्ञापनों में कभी चीन, कभी कलकत्ता के दृश्य दिखाकर अपनी वाहवाही की है।
 

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा ऐसा राजनीतिक दल है जो सिर्फ चुनाव लड़ता है, विकास तथा जनहित से उसका तनिक भी लेना देना नहीं है। भाजपा की रणनीति चुनाव को जटिल बनाने और सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर चुनाव की निष्पक्षता को प्रभावित करने की है। लोकतंत्र में भाजपा का आचरण हर तरह से अमर्यादित और लोकलाज से परे है।राजधानी लखनऊ में आयोजित एक आज तक चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा, माना जाता है कि जो भी अपने शासनकाल में नोएडा जाता है दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनता है।हमारे बाबा मुख्यमंत्री भी नोएडा गए थे,वह भी इस बार मुख्यमंत्री नहीं बनने वाले हैं। जब एंकर ने कहा कि यह तो अंधविश्वास है, इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि कभी-कभी धर्म भी अंधविश्वास होता है।

अखिलेश यादव अक्सर इस दावे पर सवाल उठाते रहते हैं।आजतक पंचायत में भी अखिलेश ने योगी के ‘दंगामुक्त प्रदेश’ के दावे पर सवाल उठाए. अखिलेश ने कहा कि एन0सी0आर0बी0 के आंकड़े देख लीजिए।जब हमने एन0सी0आर0बी0 यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़े उठाए तो देखा कि योगी सरकार के पहले साल में तो दंगों की घटनाएं दर्ज हुईं लेकिन उसके बाद ये आंकड़ा शून्य ही रहा ।  एन0सी0आर0बी0 पर 2020 तक का आंकड़ा मौजूद है । 2018, 2019 और 2020 में उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक सांप्रदायिक दंगे की एक भी घटना दर्ज नहीं की गई । जबकि उससे पहले 2017 में घटनाएं दर्ज हुईं।अखिलेश यादव मार्च 2012 से मार्च 2017 तक मुख्यमंत्री रहे। इस दौरान (2012 से 2016 तक) यूपी में 815 सांप्रदायिक दंगे हुए। इन दंगों में 192 लोगों की मौत हुई । मार्च 2017 से योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं । उत्तर प्रदेश में दंगों की 195 घटनाएं हुई थीं, उन घटनाओं में 44 लोग मारे गए थे। इसके बाद 2018, 2019 और 2020 में एक भी सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए।2018 के बाद से एनसीआरबी ने सांप्रदायिक दंगों में मरने वालों का आंकड़ा देना बंद कर दिया, एनसीआरबी के मुताबिक, 2020 में 62 लोगों की हत्या सांप्रदायिक कारणों से हो गई थी।

  भाजपा की रैलियों में सरकारी साधनों का पूरी तरह दुरुपयोग करने के बाद भी समाजवादी विजय रथ यात्रा का भाजपा मुकाबला नहीं कर सकी। सपा की सफल रैलियों से डरी भाजपा अब साजिशों में जुट गई है। एक समाजवादी रथ छह भाजपाई रथों पर भारी पड़ गया है। जनता का प्रबल समर्थन समाजवादी पार्टी को मिला है।अब समाजवादी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों सभी की जिम्मेदारी है कि बिना समय गंवाएं घर-घर दर-दर पर समाजवादी पार्टी के लिए दस्तक दें। समाजवादी प्रत्येक से निवेदन करेंगे कि 2022 का चुनाव लोकतंत्र के साथ विकास के लिए भी हो रहा है। समाजवादी पार्टी की जीत से ही खुशहाली और समृद्धि के रास्ते खुलेंगे।