हार के बाद भी सबक नहीं ले रहे…

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जिन नेताओं ने उम्मीदवार तय किए उन्हें अब हार की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए-कांग्रेस नेता महेन्द्र सिंह रलावता और हेमंत भाटी।नगर निगम चुनाव में बुरी हार के बाद भी सबक नहीं ले रहे अजमेर के कांग्रेसी।मेयर चुनाव से पहले भाजपा के उत्साही पार्षदों ने सालासर मंदिर में दर्शन किए।

एस0 पी0 मित्तल

अजमेर – नगर निगम के चुनाव में बुरी हार के बाद भी अजमेर में कांग्रेस के नेताओं ने कोई सबक नहीं लिया है। निगम चुनाव में पराजित हुए कांग्रेस के 27 प्रत्याशियों ने 4 फरवरी को जयपुर में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से मुलाकात की और आरोप लगाया कि महेन्द्र सिंह रलावता और हेमंत भाटी ने हमें हरवाया है। इन दोनों नेताओं ने कांग्रेस के बागी उम्मीदवार खड़े कर अधिकृत उम्मीदवारों को हराने का काम किया। पराजित उम्मीदवारों ने पायलट के समक्ष इसलिए शिकायत की कि रलावता और भाटी को पायलट का राजनीतिक संरक्षक माना जाता है।

पायलट ने ही गत विधानसभा के चुनाव में रलावता को अजमेर उत्तर और भाटी को दक्षिण से कांग्रेस का उम्मीदवार बनवाया था। पराजित उम्मीदवारों के आरोपों के संदर्भ में रलावता और भाटी का कहना है कि निगम चुनाव में जिन नेताओं ने उम्मीदवार तय किए उन्हें अब हार का भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने जिन कार्यकर्ताओं को टिकिट देने का प्रस्ताव किया, उनके टिकिट काट दिए गए। अजमेर कांग्रेस के नेताओं ने अपनी मर्जी से उम्मीदवार तय किए और अब हार का ठीकरा हमारे ऊपर फोड़ा जा रहा है।

पराजित उम्मीदवारों में वार्ड 25 के विजय नागौरा भी हैं। वार्ड 25 में कोई 3 हजार वोट डले लेकिन नागौरा का मात्र 242 वोट मिले। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह उम्मीदवारों का चयन हुआ है। समय आने पर हम बताएंगे कि हमारी सिफारिश से कितने उम्मीदवार तय किए गए हैं। रलावता ने कहा कि मैं कोरोना काल में संक्रमित रहा, लेकिन फिर भी मैंने निगम चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाई। जिन उम्मीदवारों ने मुझे प्रचार के लिए बुलाया मैं उनसभी के वार्डों में गया।

उन्होंने कहा कि वार्ड 3 से कांग्रेस प्रत्याशी मंजू सोनी को मात्र 500 वोट मिले हैं। जबकि इस वार्ड में साढ़े तीन हजार से भी ज्यादा वोट डले। उत्तर क्षेत्र में कांग्रेस के 10 उम्मीदवार अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। उन्होंने कहा कि टिकिट वितरण में पूर्व विधायक डॉ0 श्रीगोपाल बाहेती, डॉ0 राजकुमार जयपाल और शहर कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान अध्यक्ष विजय जैन की भूमिका रही है। लेकिन अब ऐसे लोग अपनी जिम्मेदारी दूसरों पर डाल रहे हैं। मैंने हमेशा कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया है। मैंने किसी भी वार्ड में बागी उम्मीदवार खड़ा नहीं किया।

वहीं हेमंत भाटी ने कहा कि दक्षिण क्षेत्र में भी टिकिटों का वितरण गलत तरीके से किया गया, इसी का परिणाम रहा कि कांगे्रस को हार का सामना करना पड़ा। भाटी ने कहा कि यदि इनके प्रस्ताव पर उम्मीदवार तय किए जाते तो आज नगर निगम में कांग्रेस का बोर्ड बनता। मुझे जिन वार्डों में प्रचार के लिए बुलाया मैं वहां गया। अजमेर की राजनीति के बारे में सचिन पायलट अच्छी तरह जानते हैं। भाटी ने कहा कि पायलट एक अनुभवी और जमीन से जुड़े नेता है।

हार से सबक नहीं:- नगर निगम के 80 वार्डों में से कांग्रेस को सिर्फ 18 में जीत मिली है, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस के नेता बुरी हार से कोई सबक नहीं ले रहे हैं। असल में कांग्रेस के टिकिटों को लेकर नेताओं में शुरू से ही खींचतान रही। नेताओं ने सामूहिक प्रयास के बजाए अपने अपने समर्थकों को टिकिट दिलवाए। प्राप्त जानकारी के अनुसार चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ जैसे नेताओं की सिफारिश से भी अजमेर में टिकिट दिए गए। ऐसे नेताओं के अधिकांश उम्मीदवार चुनाव में हार गए। चूंकि चुनाव प्रचार को लेकर नेताओं के बीच आपसी तालमेल नहीं था, इसलिए अधिकांश वार्डों में हार का सामना करना पड़ा। असल में अजमेर में कांग्रेस के नेता सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के गुटों में बंटे हुए हैं। पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती और डॉ. जयपाल को गहलोत गुटा का माना जाता है, वहीं रलावता और भाटी की पायलट गुट की पहचान है। निवर्तमान कांगे्रस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन का झुकाव निगम में चुनावों में गहलोत गुट के पक्ष में रहा है।

सालासर में दर्शन:- भाजपा के नवनिर्वाचित 48 पार्षद गत 1 फरवरी से ही जयपुर के रिसोर्ट में रह रहे हैं। पांच फरवरी को भाजपा पार्षदों ने सालासर स्थित बालाजी मंदिर में दर्शन किए और भगवान का आशीर्वाद लिया। इनमें मेयर पद की भाजपा उम्मीदवार श्रीमती बृजलता हाड़ा भी शामिल थीं। सभी पार्षद एक बस में जयपुर से सालासर तक पहुंचे। मेयर का चुनाव 7 फरवरी को होना है। सभी पार्षद वोट डालने के लिए 7 फरवरी को ही अजमेर आएंगे। कांग्रेस ने द्रौपदी कोली को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है। चूंकि डिप्टी मेयर के लिए भाजपा में कई दावेदार हैं, इसलिए माना जा रहा है कि सभी पार्षद 8 फरवरी तक रिसोर्ट में ही रहेंगे।