वन ट्रिलियन डालर’ अर्थव्यवस्था की बैठक

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वन ट्रिलियन डालर’ अर्थव्यवस्था की बैठक
वन ट्रिलियन डालर’ अर्थव्यवस्था की बैठक

मुख्य विकास अधिकारी ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को ‘‘वन ट्रिलियन डालर’’ बनाये जाने के सम्बन्ध में की बैठक। आर्थिक गतिविधियों के वास्तविक आंकड़े उपलब्ध करायें जिससे जिला घरेलू उत्पाद का उचित मॅूल्यांकन हो सके। ‘वन ट्रिलियन डालर’ की अर्थव्यवस्था बैठक

प्रतापगढ़। मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को ‘‘वन ट्रिलियन डॉलर’’ बनाये जाने के विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे प्रयास के सम्बन्ध में बैठक की गयी। सर्वप्रथम जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राजेश कुमार सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि ‘‘वन ट्रिलियन डालर’’ अर्थव्यवस्था हेतु जनपद स्तर पर प्रत्येक माह 18 बिन्दुओं के सम्बन्ध में समीक्षात्माक टिप्पणी तैयार कर शासन को प्रेषित की जानी है। उन्होने बताया कि वर्ष 2021-22 में जनपद की डीडीपी (जिला घरेलू उत्पाद) में प्राथमिक क्षेत्र जैसे कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य का अंश 32.11 प्रतिशत है, द्वितीयक क्षेत्र जैसे विर्निमाण, निर्माण, विद्युत, गैस, जलापूर्ति का अंश 12.35 प्रतिशत जबकि तृतीयक क्षेत्र (सेवा क्षेत्र) का योगदान 55.53 प्रतिशत है। उन्होने बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य यह है कि जनपद में प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्र से सम्बन्धित आर्थिक गतिविधियों से उत्पादित उत्पादों (वस्तुओ ंएवं सेवाओं) के वास्तविक आंकड़े सम्बन्धित विभागों द्वारा उपलब्ध कराये जायें ताकि जनपद के जिला घरेलू उत्पाद (डीडीपी) का वास्तविक मूलयांकन किया जा सके।

इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुये प्राथमिक क्षेत्र की मुख्य आर्थिक क्रियाओं-कृषि एवं कृषि से सम्बद्ध क्रियायें, वनोउद्योग एवं लट्ठे बनाना, मत्स्य पालन से सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों से सम्बन्धित आंकड़ों को उपलब्ध कराने पर विस्तृत चर्चा हुई। इसी प्रकार द्वितीय चक्र की मुख्य आर्थिक क्रियाओं विर्निमाण, निर्माण तथा विद्युत, गैस एवं जलापूर्ति से सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों से वास्तविक आंकड़े उपलब्ध कराने हेतु विस्तृत चर्चा की गयी। इसी क्रम में जनपद के जिला घरेलू उत्पाद में सर्वाधिक योगदान देने वाले तृतीयक क्षेत्र (सेवा क्षेत्र) से सम्बन्धित महत्वपूर्ण आर्थिक क्रियाओं-व्यापार, होटल एवं रेस्टोरेन्ट, ट्रान्सपोर्ट, संचार सेवाओं, वित्तीय सेवाओं, प्रशासनिक सेवाओं एवं अन्य सेवाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं से सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों से वास्तविक आंकड़े उपलब्ध कराने पर भी विस्तृत चर्चा की गयी।

जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी द्वारा द्वितीयक क्षेत्र से सम्बन्धित सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि विर्निर्माण क्षेत्र के अपेक्षित योगदान न होने का तथ्य संज्ञान में लाते हुये विर्निमाण क्षेत्र की संगठित एवं असंगठित उद्यमों को जिला घरेलू उत्पाद की गणना में शामिल करते हुये जनपद की विर्निमाण क्षेत्र के वास्तविक योगदान को सम्मिलित करने पर उपायुक्त जिला उद्योग एवं सहायक निदेशक कारखाना का ध्यान आकृष्ट किया गया।

मुख्य विकास अधिकारी द्वारा विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से सम्बन्धित विभागों के उपस्थित अधिकारियों को यह सुझाव दिया गया कि वे अपने अपने विभाग से सम्बन्धित आर्थिक गतिविधियों के वास्तविक आंकड़े अर्थ एवं संख्याधिकारी कार्यालय को ससमय उपलबध करायें जिससे जिला घरेलू उत्पाद का उचित मॅूल्यांकन किया जा सके एवं इसमें हो रही वृद्धि का वास्तविक प्रदर्शन किया जा सके। बैठक में वरिष्ठ कोषाधिकारी दीपक बाबू, उप कृषि निदेशक विनोद कुमार यादव, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राजेश कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी अशोक कुमार, डीसी एनआरएलएम डा0 एन0एन0 मिश्रा, उपायुक्त उद्योग अजय कुमार त्रिपाठी, उपायुक्त वाणिज्य कर राम भवन, अपर सांख्यिकीय अधिकारी एस0पी0 सिंह, राकेश कुमार द्विवेदी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे। ‘वन ट्रिलियन डालर’ की अर्थव्यवस्था बैठक