UP में लगातार अस्थायी डीजीपी नियुक्ति के विरुद्ध याचिका

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मैटरनिटी बेनिफिट अवश्य दिया जाना चाहिए-सुप्रीम कोर्ट
मैटरनिटी बेनिफिट अवश्य दिया जाना चाहिए-सुप्रीम कोर्ट

उत्तरप्रदेश में लगातार अस्थायी डीजीपी नियुक्ति के विरुद्ध दायर अवमानना याचिका सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई। UP और पंजाब में कार्यवाहक DGP की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई से किया इंकार। CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि आप अवमानना याचिका की जगह DGP की नियुक्ति को चुनौती दे सकते हैं। CJI ने अवमानना याचिका खारिज करते हुए कहा कि कार्यवाहक DGP की नियुक्ति को चुनौती देते हुए आप हाईकोर्ट भी जा सकते है या फिर आप अवमानना के बजाय सुप्रीम कोर्ट मे भी रेगुलर याचिका दाखिल कर सकते है। UP में लगातार अस्थायी डीजीपी नियुक्ति के विरुद्ध याचिका

कोर्ट ने कहा आप ऐसे अवमानना याचिका नहीं दाखिल कर सकते क्योकि प्रकाश सिंह के मामले मे दिए फैसले मे आप पक्षकार नहीं थे। अगर आपकी अवमानना याचिका स्वीकार कर लिया गया तो अवमानना याचिकाएं दाखिल करने के लिए एक रास्ता बन जाएगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पंजाब और उत्तर प्रदेश में कार्यवाहक DGP नियुक्त किए जाने के मामले को य़ह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में प्रकाश सिंह और अन्य के मामले में दिए गए फैसले का उल्लंघन करते हुए लगातार कार्यवाहक DGP की नियुक्ति की जा रही है। सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़,जस्टिस जे.बी. परदीवाला तथा जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने की सुनवाई।

UP और पंजाब में कार्यवाहक DGP की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई से इनकार किया। CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि आप अवमानना याचिका की जगह DGP की नियुक्ति को चुनौती दे सकते हैं। इसके लिए आप हाई कोर्ट भी जा सकते हैं या फिर अवमानना की बजाय सुप्रीम कोर्ट मे भी रेगुलर याचिका दाखिल कर सकते हैं।सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पंजाब और उत्तर प्रदेश में कार्यवाहक DGP नियुक्त किए जाने के मामले को य़ह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में प्रकाश सिंह और अन्य के मामले में दिए गए फैसले का उल्लंघन करते हुए लगातार कार्यवाहक DGP की नियुक्ति की जा रही है। UP में लगातार अस्थायी डीजीपी नियुक्ति के विरुद्ध याचिका