प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना रूपांतरित होगा सपना

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विशिष्ट जनजातीय जनसंख्या वाले गांवों को आदर्श ग्राम में रूपांतरित करना ‘प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना’ का उद्देश्य है।

दिल्ली। जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 2021-22 से 2025-26 के दौरान कार्यान्वयन के लिए ‘प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (पीएमएजीवाई)’ नामकरण के साथ ‘जनजातीय उप-योजना (एससीए से टीएसएस) के लिए विशेष केंद्रीय सहायता’ की मौजूदा योजना को नया रूप दिया है। इसका उद्देश्य 4.22 करोड़ (कुल जनजातीय आबादी का लगभग 40 फीसदी) की जनसंख्या को कवर करने वाले महत्वपूर्ण जनजातीय आबादी वाले गांवों को मॉडल गांव (आदर्श ग्राम) में रूपांतरित करना है। इसके तहत अधिसूचित जनजातियों के साथ राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में कम से कम 50 फीसदी अनुसूचित जनजाति आबादी और 500 अनुसूचित जनजाति वाले 36,428 गांवों को कवर करने की परिकल्पना की गई है।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य सम्मिलन दृष्टिकोण के माध्यम से चयनित गांवों के एकीकृत सामाजिक- आर्थिक विकास को प्राप्त करना है। इसमें जरूरतों, क्षमता और आकांक्षाओं के आधार पर ग्राम विकास योजना तैयार करना शामिल है। इसके अलावा इसमें केंद्र/राज्य सरकारों की व्यक्तिगत/पारिवारिक लाभ योजनाओं के कवरेज को अधिकतम करना और स्वास्थ्य, शिक्षा, कनेक्टिविटी (संपर्क) व आजीविका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे में सुधार करना भी शामिल हैको

प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना विकास के 8 क्षेत्रों में प्रमुखता से कमियों को कम करने की परिकल्पना करती है। ये क्षेत्र हैं- सड़क संपर्क (आंतरिक और अंतर गांव/प्रखण्ड), दूरसंचार संपर्क (इंटरनेट/मोबाइल),आंगनबाड़ी केंद्र,विद्यालय,पेयजल सुविधा,स्वास्थ्य उप-केंद्र,जल निकासी और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन। पीएमएएजीवाई के तहत प्रशासनिक खर्चों सहित अनुमोदित गतिविधियों के लिए ‘अंतर भरण (गैप फीलिंग)’ के रूप में प्रति गांव 20.38 लाख रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को पीएमएएजीवाई के तहत चिन्हित गांवों में बुनियादी ढांचे व सेवाओं की संतृप्ति के लिए केंद्रीय और राज्य अनुसूचित जनजाति घटक फंड (एसटीसी) निधि व उसके पास उपलब्ध उपलब्ध अन्य वित्तीय संसाधनों के रूप में संसाधनों के सम्मिलन के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान कुल 16,554 गांवों को शामिल किया गया है। अब तक राज्यों को 1927 करोड़ रुपये की धनराशि पहले ही जारी की जा चुकी है और 6264 गांवों के संबंध में ग्राम विकास योजना को कार्यान्वयन के लिए मंजूरी दी जा चुकी है। वहीं, गुजरात में पीएमएएजीवाई के तहत कुल 3764 गांवों को चिन्हित किया गया है। इनमें से 1562 गांवों के लिए ग्राम विकास योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत राज्य को कुल 35318.54 लाख रुपये जारी किए गए हैं। यह जानकारी जनजातीय कार्य राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरूता ने आज लोक सभा में एक प्रश्न के उत्तर में दीं।