मुख्यमंत्री के समक्ष सामाजिक सुरक्षा सेक्टर का प्रस्तुतीकरण

107


[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”इस समाचार को सुने”] प्रथम चरण में मण्डल स्तर पर कम से कम एक महिलासंरक्षण गृह और महिला शरणालय की स्थापना करायी जाए।विकासखण्ड स्तर पर स्वावलम्बन कैम्पों के माध्यम से राज्य सरकारद्वारा संचालित योजनाओं के फॉर्म भरवाए तथा स्वीकृत करवाए जाएं उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड एवं सामान्य) योजना के सहज,पारदर्शी एवं प्रभावी क्रियान्वयन एवं सतत मॉनिटरिंग के लिएएम0आई0एस0 पोर्टल तैयार कराया जाए।योजना के तहत 9वीं या उससे उच्च कक्षाओं मेंअध्ययनरत् समस्त पात्र बच्चों को लैपटॉप प्रदान किया जाए।महिला संरक्षण एवं बाल देख-रेख संस्थाओं में आवासित महिलाओं तथा 16 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों की अभिरुचि की मैपिंग करते हुए कौशल विकासप्रशिक्षण कराया ।जाए, इन्हें सेवा मित्र पोर्टल व ऐसे अन्य रोजगार प्लेटफार्म से लिंक करें राज्य सरकार ने एक अभिनव प्रयास के तहत किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया।आगामी 100 दिनों में निराश्रित उभयलिंगी व्यक्तियों की पहचान करउनका परिचय पत्र बनाया जाए, इनके लिए वृद्धाश्रम की सेवा भी प्रारम्भ की जाए।राज्य सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली 51 हजार रु0 की सहायता राशि को बढ़ाकर 01 लाख रु0 किए जाने के लिए संकल्पबद्ध।मदरसा शिक्षा के पाठ्यक्रमों में भारतीय स्वाधीनता संग्राम के महानायकों,भारतीयता के प्रतीक महापुरुषों की जीवन गाथा को समाहित किया जाए।

लखनऊ। आज यहां शास्त्री भवन में सामाजिक सुरक्षा सेक्टर के 08 विभागों के प्रस्तुतीकरण के अवसर पर मुख्यमंत्री अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। सामाजिक सुरक्षा सेक्टर के अन्तर्गत महिला कल्याण, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, पिछड़ा वर्ग कल्याण, श्रम एवं सेवायोजन, खाद्य एवं रसद तथा उपभोक्ता संरक्षण एवं बाट-माप विभागों का प्रस्तुतीकरण किया गया। महिलाओं व बच्चों से संबंधित विषयों पर प्रभावी नीतियों के निर्माण एवं योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के माध्यम से उनके सर्वागीण विकास के प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में मण्डल स्तर पर कम से कम एक महिला संरक्षण गृह और महिला शरणालय की स्थापना करायी जाए। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत 11.57 लाख बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है। इस योजना के प्रति व्यापक जागरूकता के लिए कार्य किया जाए। अभियान चलाकर मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत अधिक से अधिक पात्र बालिकाओं को आच्छादित कराया जाए। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के सरलीकरण व अधिक प्रभावी संचालन हेतु गाइडलाइन्स में आवश्यक संशोधन किया जाए।


    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण और बच्चों के सुपोषण के लिए समर्पित भाव से काम कर रही है। विगत 05 वर्षों में निराश्रित महिला पेंशन योजना की धनराशि 500 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रतिमाह की गयी है। साथ ही, योजना के साथ 13.69 लाख लाभार्थी जोड़े गए हैं। पीड़ित महिलाओं को एक ही छत के नीचे पुलिस, चिकित्सा, आश्रय एवं विधिक सहायता के लिए प्रदेश के सभी जनपदों में वन स्टॉप सेण्टर संचालित हैं। इनके माध्यम से 01 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता प्रदान की गयी है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अंतर्विभागीय समन्वय से योजनाओं के क्रियान्वयन की क्षमता बढ़ती है। मिशन शक्ति के तृतीय चरण को ग्राम पंचायत स्तर तक ले जाने के लिए अंतर्विभागीय समन्वय के माध्यम से कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों द्वारा संचालित निर्माण कार्यों को गुणवत्तापरक एवं समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने का प्रयास होने चाहिए। विभागीय स्तर पर कार्यों की भौतिक समीक्षा और सत्यापन होते रहने चाहिए, जिससे कोई भी निर्माण कार्य लम्बित न रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन विकास योजना की परियोजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए भौतिक परीक्षण किया जाए। विगत 05 वर्षों में राज्य सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन की धनराशि में लगभग तीन गुने की वृद्धि की है। इससे निराश्रित महिलाओं, वृद्धजनों एवं दिव्यांगजनों को बड़ा आर्थिक संबल मिला है। उन्होंने कहा कि विकासखण्ड स्तर पर स्वावलम्बन कैम्पों के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के फॉर्म भरवाए तथा स्वीकृत करवाए जाएं। कोविड काल में निराश्रित हुए बच्चों की शिक्षा-सुरक्षा और व्यवस्थित जीवन यापन के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना लागू की गयी है। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड एवं सामान्य) योजना के सहज, पारदर्शी एवं प्रभावी क्रियान्वयन एवं सतत मॉनिटरिंग के लिए एम0आई0एस0 पोर्टल तैयार कराया जाए। इस योजना के तहत 9वीं या उससे उच्च कक्षाओं में अध्ययनरत् समस्त पात्र बच्चों को लैपटॉप प्रदान किया जाए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। प्रदेश के राजकीय व स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित समस्त महिला एवं बाल देखरेख संस्थाओं में सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाए जाएं। महिला संरक्षण एवं बाल देख-रेख संस्थाओं में आवासित महिलाओं तथा 16 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों की अभिरुचि की मैपिंग करते हुए कौशल विकास प्रशिक्षण कराया जाए। इन्हें रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने हेतु विभिन्न शासकीय योजनाओं व रोजगार प्रदाता कम्पनियों व संगठनों से समन्वय श्रम विभाग द्वारा संचालित सेवा मित्र पोर्टल व ऐसे अन्य रोजगार प्लेटफार्म से लिंक करें। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना तथा बाल सेवा योजना की तय राशि त्रैमासिक किस्तों में समय से पात्र लोगों के बैंक खाते में अंतरित की जाए।प्रस्तुतीकरण के उपरान्त मंत्रिमण्डल के सदस्यों द्वारा अपने सुझाव भी दिए गए। प्रमुख सचिव महिला कल्याण अनीता मेश्राम ने महिला कल्याण विभाग, प्रमुख सचिव समाज कल्याण हिमांशु कुमार ने समाज कल्याण विभाग एवं अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ, प्रमुख सचिव दिव्यांगजन सशक्तीकरण सुभाष शर्मा ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चन्द्रा ने श्रम एवं सेवायोजन विभाग तथा प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद वीना कुमारी मीना ने खाद्य एवं रसद विभाग तथा उपभोक्ता संरक्षण एवं बाट-माप विभाग के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिए।इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक सहित मंत्रिमण्डल के सदस्यगण, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

[/Responsivevoice]