फिफा फुटबॉल विश्वकप को कतर ने दिया धार्मिक रंग

138

हिन्दू जनजागृति समिति का ‘विशेष संवाद’।

अजय सिंह

लखनऊ। ‘फिफा फुटबॉल विश्वकप’ का आयोजन करनेवाले कट्टर इस्लामी देश कतर में सभी इस्लामी परंपराएं निभाई गयी । कतर ने इसबार के विश्वकप को धार्मिक रंग दिया है । विश्वकप आरंभ होने के पहले कतर में 500 से अधिक नागरिकों को इस्लाम में धर्मांतरित किए जाने का समाचार सामने आया है । भारत द्वारा आतंकवादी घोषित किए गए जाकिर नाईक को कोई भी देश आश्रय नहीं दे रहा, पर कतर ने उसे आश्रय दिया है । इसी कतर ने हिन्दू देवी देवताओं का अपमान करनेवाले विवादित चित्रकार मकबूल फिदा हुसेन को भी आश्रय दिया था । वैसे ही कतर ने नुपूर शर्मा प्रकरण में भारत को धमकाया था । भारत द्वारा पूछे जाने पर ‘जाकिर नाईक को हमने नहीं बुलाया है’, इस प्रकार से ‘राजनैतिक उत्तर’ कतर ने दिया है । जाकिर नाईक को आश्रय देने वाले कतर का भारत विरोधी इतिहास देखते हुए कतर को कैसे प्रतिउत्तर दें, यह भारत के लिए निश्चित करने का समय आया है, ऐसा स्पष्ट प्रतिपादन इतिहास व संस्कृति के अध्ययनकर्ता और लेखक अधिवक्ता सतीश देशपांडे ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘फिफा फुटबाल विश्वकप में जिहादी जाकिर नाईक क्यों आमंत्रित है?’ इस विषय के ‘ऑनलाईन’ विशेष संवाद में वह बोल रहे थे।

सुदर्शन न्यूज के ‘चैनल हेड’ मुकेश कुमार ने कहा कि, जाकिर नाईक को कट्टर इस्लामी देश कतर ने फिफा फुटबॉल विश्वकप के आयोजन कार्यक्रम में बुलाया है । ‘फुटबॉल खेल इस्लाम के अनुसार ‘हराम’ है !’ यह 4 वर्ष पूर्व डॉ. जाकिर नाईक ने कहा था; साथ ही उसने उस समय फुटबाल खेलना, देखना इसके लिए भी मना किया था । जाकिर नाईक द्वारा मलेशिया में आश्रय लेने के कारण 2017 से भारत सरकार उसे अपनी हिरासत में लेने के लिए प्रयास कर रही है । जाकिर नाईक के विरोध में 2019 को आरोप पत्र (चार्टशीट) प्रविष्ट किया गया है तथा उसके विरोध में ‘रेड कॉर्नर नोटिस’ जारी किया जाए, इसके लिए भारत प्रयास कर रहा है । अभी जाकिर नाईक द्वारा मलेशिया से कतर में स्थानंतरण करने पर, कतर ने उसे बचाने का प्रयास किया, तो भी वह अधिक समय तक उसे बचा नहीं सकता।

हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता सतीश कोचरेकर ने कहा कि, जाकिर नाईक ने विविध कार्यक्रमों में अत्यंत हीन स्तर पर हिन्दू देवी देवताओं पर टिप्पणी कर उनका अपमान किया है । हिन्दू जनजागृति समिति और अन्य हिन्दू संगठनों द्वारा विरोध किए जाने के कारण जाकिर नाईक को भारत के बाहर पलायन करना पडा । ‘इसिस’ समान आतंकवादी संगठनों के अनेक आतंकवादियों को जाकिर के भाषणों से प्रेरणा मिली, यह उसने खुलेआम स्वीकार किया है । इस अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी को फिफा फुटबॉल विश्वकप में बुलानेवाले कतर का भारतीय नागरिकों की ओर से हम धिक्कार करते हैं।