श्रीश्याम चरित्र मानस महाकाव्य के रचयिता की द्वितीय पुण्यतिथि

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श्रीश्याम चरित्र मानस महाकाव्य के रचयिता माधव दास की द्वितीय पुण्यतिथि बनमई में समपन्न।

विनोद यादव

सुल्तानपुर । श्री श्याम चरित मानस महाकाव्य के रचनाकार माधव दास यादव ने समाज को साहित्य की एक अमूल्य थाती सौंप गये हैं जो बिरहा और लोकगीतों के माध्यम से उन्होंने समाज में जागृति लाने का काम किया तथा पूरे पूर्वांचल में लोकगीत एंव बिरहा को एक अलग पहचान देने वाले श्री दास के ऐसे तमाम शिष्य हैं जो उन्हीं के द्वारा रचित लोकगीत एंव बिरहा को गाते हैं।अवधी भाषा में लिखित असुरों के नायक भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित श्याम चरित मानस की रचना करना आज के समय में आसान नहीं था। लेकिन माधव दास ने नौ खण्डों में श्याम चरित मानस की रचना की।

श्री श्याम चरित मानस महाकाव्य के रचयिता माधव दास का 22 अगस्त 2021 को शाम 7:00 बजे गंभीर बीमारी के चलते निधन हो गया वे 74 वर्ष के थे। जिनका साहित्य के क्षेत्र में सराहनीय योगदान रहा। श्री सुभाष इंटर कालेज पलिया सुल्तानपुर में पुस्तकालय परिचारक के रूप में कार्य भी किए थें।माधव दास यादव का जन्म जनपद मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर रायबरेली टाण्डा हाइवेपर स्थित देवरार भटमई पावर हाउस के पास ग्राम बनमई ब्लॉक कूरेभार सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश में 11 नवंबर 1948 में एक मध्यमवर्गीय यादव परिवार राम बरन यादव के यहाँ हुआ।

आर्थिक परेशानियों के चलते उस समय में इनकी शिक्षा अधूरी रह गई थी। मात्र दूसरी कक्षा पास माधव दास की कलम लेखन कार्य में चलती अनवरत रही। पूर्वांचल में लोग गीत फरवाही, नटवरी नृत्य, बिरहा आदि अन्य विधाओं में लोक गीतों की रचना माधव दास ने की है। इनके प्रमुख शिष्यों में शास्त्री यादव, बिरहा सम्राट छविलाल पाल, हरिप्रसाद, शिवप्रसाद, परमानंद यादव ,चौधरी, राज करन निषाद,राज बहादुर राना, जयनारायण यादव,महंगू राम पाल,विजय बहादुर यादव,ज्ञान प्रकाश विश्वकर्मा,राम अभिलाष साईं, रायबहादुर यादव, हरिपाल, छविलाल पाल, भीम यादव,रामजस,पुद्दन,अजय यादव ,बलराम यादव,लल्लन निषाद , कल्लू आदि लगभग सैकड़ों कलाकारों द्वारा आज भी गाए जाते है।

श्री श्याम चरित्र मानस महाकाव्य के रचयिता माधवदास के आज द्वितीय पुण्यतिथि पर उनके निजी गांव बनमई में माधव समाधिस्थ पर मनाया गया जिसमें स्वर्गीय माधव दास जी के पुत्र पवन कुमार यादव ,सौरभ यादव, सभाजीत यादव, जय बहादुर यादव, बृजेश यादव, आदित्य यादव ,मानस कंज, शिवपूजन यादव, सत्यम यादव, विवेक यादव, प्रवेश यादव, दुर्गेश यादव एवं उनके प्रिय शिष्य बाबूलाल पाल ,जोखू राम यादव,बीके यादव प्रधान सहित तमाम शिष्यों ने स्मारक स्थल पर पहुंचकर गुरु जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।