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जल-संरक्षण को जन-अभियान बनाने में जुटे स्वतंत्र देव सिंह, बच्चों के साथ जल संवाद में हुए शामिल.सेंट जोसेफ कॉलेज में छात्र-छात्राओं के साथ संवाद. शिक्षकों और अभिभावकों के बीच ‘शिक्षक’ की भूमिका में आ गये स्वतंत्र. प्रदेश में 16 से 22 जुलाई के बीच मनाया जा रहा है ‘भूजल सप्ताह’.

राजू यादव

लखनऊ- लखनऊ प्रदेश में भूजल के हालात को बेहतर करने के लिए जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी जी-जान से जुट गये हैं. आज शारदा नहर योजना के रूचि खण्ड 1 के सेंट जोसेफ कॉलेज में एक बड़े कार्यक्रम में स्वतंत्र देव सिंह ने शिक्षकों, छात्र-छात्राओं और अभिभावकों से सीधा संवाद किया.छात्र-छात्राओं से अपने संबोधन में जल मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने राजग की राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य पाल बनने के बाद वो किसी शहर की कोठी में नहीं रूकीं. सीधे अपने गांव गयीं. वहां बच्चों को पढ़ाना, घर में झाड़ू स्वयं लगाना और हर सोमवार शिव मंदिर में झाड़ू लगाना और जल संचयन की चिंता करना उनकी दिन चर्या थी. स्वतंत्र देव सिंह को 11 बजे लोकभवन में कैबिनेट बैठक और 12 बजे मंत्रिमण्डल की बैठक में शामिल होना था. सुबह 6 बजे से ही कैंप ऑफिस में भी भारी भीड़ जुटी थी, लेकिन इन कार्यक्रमों से पहले स्वतंत्र देव सिंह बच्चों के बीच पहुंच गये.


इन दिनों उत्तर प्रदेश में भूजल सप्ताह (16-22 जुलाई 2022) मनाया जा रहा है. गिरते भूजल को थामने के लिए विभागीय कोशिशों के साथ जन जागरूकता अभियान भी जोर शोर से जारी है. इस सिलसिले की शुरूआत मुख्यमंत्रीjalversha, ने हाल ही में 10 भूजल डिजिटल रथ को हरी झंडी दिखाकर की थी.यह भूजल रथ चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, झांसी, महोबा, ललितपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली और बागपत भेजे गए हैं. इनके जरिये जल-संरक्षण एवं संवर्धन के विभिन्न उपायों मसलन, फव्वारा टपक सिंचाई, वर्षा जल संरक्षण, तालाबों के जीर्णोद्धार आदि के बारे में तकनीकी ढंग से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जानकारों की टीम ग्राम पंचायतों, प्राथमिक स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, पंचायती राज संस्थाओं, ग्राम-पंचायत जल स्वच्छता समितियों तक पहुंच रही है और भूजल संवर्धन की जरूरतों के बारे में लोगों को समझा रही है.


गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार से पूर्व के कार्यकाल से अगर तुलना करें तो भूजल स्तर के क्षेत्र में बड़ा सुधार आया है. यह पहली बार है जब उत्तर प्रदेश में 35 जिलों का भूजल स्तर बढ़ा है. 82 विकास खण्ड जो डार्क जोन में माने जाते थे, उनमें से 25 विकास खण्ड डार्क जोन से बाहर आ चुके हैं. डिजिटल भूजल रथ के अलावा भी जन जागरूकता के लिए जागरूकता रैली, प्रतियोगिता, खेल, जल-शपथ, जन-सभा, गोष्ठी, कार्यशाला, नुक्कड़ नाटक सरीखे दूसरे आयोजन भी हो रहे हैं.मीडिया और सोशल मीडिया के भी सहारे लोगों को यह संदेश पहुंचाये जा रहे हैं कि अगर वो बेहतर प्रदेश देखना चाहते हैं तो पानी की चिंता करना उनकी भी जिम्मेदारी है. [/Responsivevoice]