पीएचसी व सीएचसी पर डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं और प्रतिदिन उपस्थित चिकित्सकों का ब्यौरा उन पर लिखा जाए। उन्होंने हेल्थ वेलनेस सेंटर व संजीवनी एप के
पीएचसी व सीएचसी पर डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं और प्रतिदिन उपस्थित चिकित्सकों का ब्यौरा उन पर लिखा जाए। उन्होंने हेल्थ वेलनेस सेंटर व संजीवनी एप के

देश में नंबर वन होंगी यूपी की स्वास्थ्य सेवाएं, तकनीक से जोड़े जा रहे अस्पताल। 100 आकांक्षी विकास खंडों के प्रभारी चिकित्साधिकारियों के राज्य स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम में डिप्टी सीएम ने किया आह्वान। चिकित्सा-स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, नियोजन, साचीस, यूनिसेफ के अफसरों ने की कार्यशाला में शिरकत।

अजय सिंह

लखनऊ। यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं को देश में नंबर वन बनाने का सपना हमें साकार करना है। इस मुहिम में हमें आपकी जरूरत है। आपके सहयोग के बिना यह संभव नहीं। आज उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में संचालित योजनाओं से हर वर्ग लाभांवित हो रहा है। प्रदेश के अस्पतालों को तकनीक से जोड़ा जा रहा है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के छोटे चिकित्सालयों में उपचार की व्यवस्था को और बेहतर करने की जरूरत है। छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर रोगियों को उपचार मुहैया करा सकते हैं। उन्हें बड़े चिकित्सालय की दौड़ लगाने से भी बचा सकते हैं। इससे रोगियों का समय और पैसा बचेगा। समय पर उपचार मिल सकेगा।

बड़े चिकित्सालयों में गंभीर रोगियों के इलाज की राह भी आसान होगी। मंगलवार को गोमतीनगर अंसल एपीआई स्थित होटल में 100 आकांक्षी विकास खंडों के प्रभारी चिकित्साधिकारियों का राज्य स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य उपकेंद्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर जैसे छोटे अस्पतालों का मकसद रोगियों को घर के नजदीक उपचार मुहैया कराना है। लिहाजा यहां की व्यवस्था को दुरुस्त रखा जाए।

देश में नंबर वन होंगी UP की स्वास्थ्य सेवाएं


उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि राज्य स्तर पर 100 आकांक्षी जनपदों का चयन किया गया है। इन जिलों में 75 बिंदुओं के तहत स्वास्थ्य व्यवस्था सुधार संबंधी कार्य कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पीएचसी व सीएचसी स्तर पर जब अच्छा काम होता है तो जिला स्तरीय अस्पतालों पर बोझ कर पड़ता है। हमें लोकल स्तर पर ही काम करना है। डिप्टी सीएम ने अधीनस्थों को निर्देशित किया कि सभी पीएचसी व सीएचसी पर डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं और प्रतिदिन उपस्थित चिकित्सकों का ब्यौरा उन पर लिखा जाए। उन्होंने हेल्थ वेलनेस सेंटर व संजीवनी एप के भी प्रभावी तरीके से संचालन के निर्देश दिए। डिप्टी सीएम ने कहा कि साल 2025 तक हमें देश को टीबी मुक्त करना है। उन्होंने कोरोनाकाल में लगातार कार्य करने वाले चिकित्सकों का प्रदेश की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया।

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सीएचओ की अतिरिक्त ड्यूटी न लगाई जाये-


अस्पतालों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। हेल्थ एटीएम लगाए गए हैं। टेलीमेडिसिन, टेलीरेडियोलॉजी समेत दूसरी सुविधाओं से अस्पतालों को जोड़ा जा रहा है। संजीवनी एप शुरू किया गया है। ताकि रोगियों को तकनीक के साथ बेहतर व आधुनिक इलाज मिल सके। उन्होंने कहा कि कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर(सीएचओ) व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाते समय ध्यान रखें। ड्यूटी की दौरान दूसरे स्थानों पर तैनात न किया जाएगा। ड्यूटी के वक्त डॉक्टर-कर्मचारियों को मीटिंग में न बुलाया जाए। इससे रोगियों को उपचार हासिल करने में दिक्कत होती है।

सीएचसी में गंभीर मरीज तुरंत भर्ती करें-


उप मुख्यमंत्री ने कहा अभी 30 बेड की सीएचसी में सिर्फ प्रसव के लिए महिलाओं को भर्ती किया जा रहा है। दूसरी बीमारी से पीड़ितों को भर्ती नहीं किया जाएगा। इस व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। इसके अलावा प्रसव के बाद शिशु को पहले चक्र का टीकाकरण के बाद ही डिस्चार्ज किया जाये। भले ही छुट्टी के लिये कितना ही दबाव क्यों न आये?

सर्वे के आधार पर डाटा एकत्र किया। इन ब्लॉक को मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि चयनित ब्लॉक में स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं समाज की रीढ़ हैं। विपरीत परिस्थितियों में आप सभी काम करते हैं। कोविड में आप सबने करके दिखाया। जब लोग हवा से डर रहे थे तब आपने मरीजों की सेवा की। जिंदगियां बचाई।

इन्होंने की शिरकत– कार्यक्रम में राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव योजना आलोक कुमार, एनएचएम की महानिदेशक डॉ. रेनू श्रीवास्तव, यूनिसेक के यूपी फील्ड ऑफिस के प्रमुख जकारी एडम सहित संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

फैक्ट फाइल

सरकारी अस्पतालों में रोजाना डेढ़ लाख रोगियों को मिल रहा इलाज।12 से 13000 घायलों को हर दिन उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है।आठ से नौ हजार गंभीर रोगी अस्पतालों में भर्ती किए जा रहे हैं।पांच हजार ऑपरेशन हर दिन अस्पतालों में हो रहे।

दिये गए निर्देश

मीटिंग में ड्यूटी के दौरान डॉक्टर-कर्मचारियों को न बुलाया जाए। चिकित्सालय में डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं। बोर्ड पर डॉक्टर के नाम, मोबाइल नम्बर व ड्यूटी के दिनों का उल्लेख हो। टीबी रोगियों को गोद लें। पोर्टल पर टीबी रोगियों को दर्ज करें। टीबी रोगियों को पोषण की रकम मुहैया कराये। चिकित्सालयों का रख-रखाव दुरुस्त रखें,आवास यदि गड़बड़ हैं तो उनका प्रस्ताव भेजे उन्हें ठीक कराया जाएगा।