अखिलेश यादव ने किया बड़ा खुलासा….?

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लखनऊ,  समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान नेता राकेश टिकैत से बातचीत  के बाद बड़ा खुलासा किया है।किसान नेता टिकैत से हुई बातचीत के बाद, अखिलेश यादव ने किया बड़ा खुलासा?

राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद कमजोर लग रहा किसान आंदोलन एक बार फिर से जोर पकड़ रहा है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता नेता राकेश टिकैत की आंखों से गिरे आंसुओं के बाद आंदोलन में यू टर्न लेता हुआ दिख रहा है। उधर, दिल्ली-हरियाणा सीमा स्थित सिंघू बॉर्डर पर आंदोलनकारियों ने SHO को तलवार से कर घायल कर दिया।

अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘अभी राकेश टिकैत जी से बात करके उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। भाजपा सरकार ने किसान नेताओं को जिस तरह आरोपित व प्रताड़ित किया है, वो पूरा देश देख रहा है। आज तो भाजपा के समर्थक भी शर्म से सिर झुकाएं और मुंह छिपाए फिर रहे हैं। आज देश की भावना और सहानुभूति किसानों के साथ है।

राहुल गांधी ने कहा कि दूसरे कानून से व्यवसायी मनमर्जी अनाज इकट्ठा कर पाएंगे, उन्होंने दिल्ली हिंसा पर सवाल उठाते हुए कहा कि लाल किले के अंदर किसने आंदोलनकारियों को जाने दिया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री यह बताएं कि किसने अंदर जाने का आदेश दिया। राहुल गांधी ने कहा कि नए कृषि कानूनों से मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी। उन्होंने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि अगर सरकार नहीं मानी और आंदोलन को वापस नहीं लिया तो आने वाले दिनों में यह आंदोलन और बढ़ेगा।

इससे पहले अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘सबका पेट भरनेवाले किसानों को भाजपा भूखा-प्यासा रखकर व झूठे आरोप लगाकर हराना चाहती है लेकिन चंद भाजपाइयों को छोड़कर सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानी आज भी किसानों के साथ खड़े हैं। सपा किसानों के साथ है!’ अपने दूसरे ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा, ‘आज जिस तरह छल-बल का प्रयोग कर भाजपा सरकार किसानों के आंदोलन को कुचल रही है, उससे किसानों के साथ-साथ हर सच्चे भारतीय की आत्मा रो रही है। किसान अगले चुनाव में सरकार की क्रूरता का जवाब वोट से देंगे। आज भाजपा जिन किसानों को सड़क से उठा रही है, वो कल भाजपा को ही सड़क पर ले आएंगे।’

राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि अगर कल हम यहां से जाते तो सिख साथियों के साथ 84 दंगे से ज़्यादा बुरा हाल होता। जब मुझे पता चला तो मैंने जाने से मना कर दिया, उन्होंने कहा कि कल कल हम चले जाते तो फिर भविष्य में कोई किसान आंदोलन नहीं होता। सरदार के साथ जितना बुरा होता उसका अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता था। इसी वजह से हमने कहा कि पानी लेकर आओ और आंदोलन खत्म करने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि अब हमने मुजफ्फरनगर के लोगों से कहा है कि अभी न आएं।

किसान आंदोलन 26 जनवरी के बाद ठंडा पड़ता दिख रहा था और पुलिस भी गाजीपुर बॉर्डर पर डटे किसानों को हटाने की तैयारी में थी। लेकिन राकेश टिकैत के रोने के बाद रातोंरात एक बार फिर माहौल बदल गया है।  राकेश टिकैत ने भी आंदोलन खत्म करने से साफ इनकार कर दिया। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गुरुवार की शाम को यहां से प्रदर्शनकारियो को संबोधित करते हुए कहा कि वह धरनास्थल को नहीं छोड़ेंगे। इस दौरान भावुक टिकैत रो पड़े और उनका रोने का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा, जिसके बाद बड़ी संख्या में हरियाणा से किसान प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने लगे।