नए संसद भवन की प्रधानमंत्री ने रखी आधारशिला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने आज नये संसद भवन की आधारशिला रखी। मोदी ने इस ऐतिहासिक मौके पर आयोजित एक समारोह में भूमि पूजन के बाद अपराह्न एक बजकर 11 मिनट पर नये संसद भवन की आधारशिला रखी। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई वरिष्ठ सदस्य तथा बड़ी संख्या में सांसद मौजूद थे। नए संसद भवन का निर्माण 2022 तक पूरा होना है। देश की आजादी के 75वें वर्ष में नये भवन में बैठक शुरू होगी। नया संसद भवन आधुनिक तकनीक से लैस होगा। इसमें सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक उपकरण लगे होंगे। साथ ही भविष्य को ध्यान में रखते हुये लोकसभा और राज्यसभा कक्षों में सदस्यों के लिए सीटों की संख्या भी बढ़ाई जायेगी। करीब 971 करोड़ रुपये की लागत से बनने जा रहे संसद के नए भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2022 तक पूरा हो जाएगा।

दुनियाभर से अगर तुलना करें तो भारत का संसद भवन अभी नया है और इसे बनाए 92 साल ही हुए हैं समारोह के दाैरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है और मील का पत्थर साबित होगा। देश में अब भारतीयता के विचारों के साथ नई संसद बनने जा रही है, हम देशवासी मिलकर संसद के नए भवन को बनाएंगे। जब भारत अपनी आजादी के 75वें साल का जश्न मनाएगा, तब संसद की इमारत उसकी प्रेरणा होगी।

दिल्ली में संसद भवन का निर्माण 12 फरवरी 1921 में शुरु हुआ था। इसे बनाने में 6 साल 83 लाख रुपये लगे थे। इस इमारत का शिलान्यास ड्यूक ऑफ कनॉट ने और उद्घाटन भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने किया था। संसद भवन की पहली मंजिल पर खुले बरामदे में 144 खंभों की कतार है। इनमें से हर एक की ऊंचाई 27 फीट है।

संसद में मौजूद लाइब्रेरी देश की दूसरी सबसे बड़ी लाइब्रेरी है। पहले नंबर पर कोलकाता की नेशनल लाइब्रेरी है। लाइब्रेरी में संविधान की हिंन्दी और अंग्रेजी में हाथ से लिखी प्रतिलिपि नाइट्रोजन गैस से भरे चैंबर में सुरक्षित रखी गई हैं। संसद भवन के बीच में सेंट्रल हॉल बना है। भारत की संविधान सभी की बैठकें 1946-49 इसी हॉल में हुईं थीं। 1947 में अंग्रेज सरकार से भारतीयों के हाथ में सत्ता का ऐतिहासिक हस्तांतरण इसी सेंट्रल हॉल में हुआ था। अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट की नई बिल्डिंग तैयार होने तक सेंट्रल हॉल में ही सुनवाई होती थी। 

 ऐसा होगा नया संसद भवन

  • सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत होगा निर्माण
  • पुराने संसद भवन के ठीक सामने होगा नया भवन
  • त्रिकोण आकार में होगा नया भवन
  • 64,500 स्क्वायर मीटर में होगा निर्माण1224 सांसदों के बैठने की व्यवस्था
  • लोकसभा में एक साथ 888 और राज्यसभा में 384 सांसद बैठ सकेंगे
  • नई बिल्डिंग में हर सांसद का अपना एक दफ्तर
  • बिल्डिंग की कुल लागत 971 करोड़ अनुमानित
  • अगस्त 2022 तक पूरा हो सकता है प्रोजेक्ट

मोदी ने कहा कि मैं वो पल कभी नहीं भूल सकता, जब पहली बार 2014 में पहली बार मैं संसद भवन में आया था तब मैंने सिर झुकाकर नमन किया था। मौजूदा संसद भवन ने आजादी का आंदोलन, स्वतंत्र भारत, आजाद सरकार की पहली सरकार, पहली संसद, संविधान रचा गया। इस दाैरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री गुरु नानक देव जी के विचारों का उदाहरण देते हुए कहा कि संवाद कभी खत्म नहीं होना चाहिए।

ये संवाद चाहे संसद के अंदर हो या संवाद के बाहर। उन्होंने कहा कि बेशक जितने मर्जी मतभेद हो लेकिन लोकतंत्र में संवाद होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र एक संस्कार है। भारत के लिए लोकतंत्र जीवन मूल्य है, जीवन पद्धति है, राष्ट्र जीवन की आत्मा है। भारत का लोकतंत्र, सदियों के अनुभव से विकसित हुई व्यवस्था है। भारत के लिए लोकतंत्र में, जीवन मंत्र भी है, जीवन तत्व भी है और साथ ही व्यवस्था का तंत्र भी है। आमतौर पर अन्य जगहों पर जब डेमोक्रेसी की चर्चा होती है चुनाव प्रक्रियाओं, शासन-प्रशासन की बात होती है। इस प्रकार की व्यवस्था पर अधिक बल देने को ही कुछ स्थानों पर डेमोक्रेसी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे हर फैसले में राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए।

फरवरी 2021 में मौजूदा संसद भवन को बने 100 साल पूरे हो रहे हैं, सरकार ने तर्क दिया है भवन पुराना हो रहा है। 2026 में लोकसभा सीटों का नए सिरे से परिसीमन होना है, इसके बाद सांसदों की संख्या बढ़ सकती है। बता दें अभी 25 लाख आबादी पर एक सांसद है, आजादी के बाद पहले चुनाव में 7 लाख पर एक सांसद था।