‘सबल लोकतंत्र: मजबूत सरकार या मजबूत विपक्ष’ विषयक वर्चुअल संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ने ‘नरेन्द्र मोहन व्याख्यान माला’ के अन्तर्गत ‘सबल लोकतंत्र: मजबूत सरकार या मजबूत विपक्ष’ विषयक वर्चुअल संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त किए।
लोकतंत्र शासन की सबसे अच्छी व्यवस्था, इसमें गरीब से गरीब और अमीर से अमीर व्यक्ति की भागीदारी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता संवाद लोकतंत्र की सबसे बड़ी विशेषता।
लोकतंत्र में संवेदनशील सरकार और मजबूत विपक्ष का होना आवश्यक संवेदनशील सरकार को मजबूत सरकार भी होना चाहिए, जिससे वह राष्ट्र की आन्तरिक व वाह्य सुरक्षा, जनाकांक्षाओं की पूर्ति तथा लोककल्याणकारी कार्यों को बिना किसी हिचक के पूरा कर सके।
मजबूत सरकार जनाकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बनती है, राष्ट्र की सीमाओं को सुरक्षित रखती है, प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में वर्ष 2014 से हम ऐसी ही मजबूत सरकार को कार्य करते हुए देख रहे हैं।
वर्तमान समय में कोई भी देश भारत की सीमाओं का अतिक्रमण और सम्प्रभुता को चुनौती नहीं दे सकता,प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज दुनिया में भारत की गौरवशाली संस्कृति और परम्परा को महत्वपूर्ण स्थान मिला,मजबूत और संवेदनशील सरकार जाति, भाषा, मत, मजहब के भेदभाव के बिना कार्य करती है।
वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना साकार करने के उद्देश्य से कार्य कर रही, नरेन्द्र मोहन जी में साहित्य, धर्म, संस्कृति, अध्यात्म की गहन समझ के साथ-साथ सरलता तथा अहंकार से शून्य सहजता थी,लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ के रूप में श्री नरेन्द्र मोहन जी ने दैनिक जागरण समाचार पत्र को घर-घर पहुंचाया।


लखनऊ,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकतंत्र शासन की सबसे अच्छी व्यवस्था मानी जाती है। इस व्यवस्था में गरीब से गरीब और अमीर से अमीर व्यक्ति की भागीदारी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होती है। लोकतंत्र की सबसे बड़ी विशेषता इसमें संवाद का होना है। लोकतांत्रिक प्रणाली में हर स्तर पर संवाद के लिए स्थान होता है। इसलिए लोकतंत्र में संवेदनशील सरकार और मजबूत विपक्ष का होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील सरकार को मजबूत सरकार भी होना चाहिए, जिससे वह राष्ट्र की आन्तरिक व वाह्य सुरक्षा, जनाकांक्षाओं की पूर्ति तथा लोककल्याणकारी कार्यों को बिना किसी हिचक के पूरा कर सके।

आज यहां स्व0 नरेन्द्र मोहन जी की 86वीं जयन्ती पर आयोजित ‘नरेन्द्र मोहन व्याख्यान माला’ के अन्तर्गत ‘सबल लोकतंत्र: मजबूत सरकार या मजबूत विपक्ष’ विषयक वर्चुअल संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोहन जी एक अच्छे चिन्तक, उत्कृष्ट लेखक तथा प्रखर वक्ता थे। उन्होेंने लोकतंत्र के मूल्यों और आदर्शों का सदैव समर्थन किया। लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ के रूप में उन्होंने दैनिक जागरण समाचार पत्र को घर-घर पहुंचाया और शिखर पर स्थापित किया।

स्व0 नरेन्द्र मोहन जी को जानने के लिए 1990 के दशक के दैनिक जागरण समाचार पत्र से गुजरना होगा। इससे उनकी संस्कृति, भारतीयता, भारत की सनातन संस्कृति एवं महापुरुषों के प्रति उनके भाव तथा ज्ञान की गहराई का पता चलता है। उनमें साहित्य, धर्म, संस्कृति, अध्यात्म की गहन समझ थी। साथ ही, सरलता तथा अहंकार से शून्य सहजता भी थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 02 दशकों में हमने मजबूत और मजबूर दोनों तरह की सरकार देखी है। मजबूर सरकार जनाकांक्षाओं को धूलधूसरित करती है। स्वार्थ के लिए देश की परम्परा व संस्कृति पर प्रहार करती है। वर्ष 2004 से वर्ष 2014 तक हमने ऐसी सरकार देखी है। उन्होंने कहा कि हमने यह भी देखा है कि मजबूत सरकार जनाकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बनती है। राष्ट्र की सीमाओं को सुरक्षित रखती है।

वैश्विक मंच पर देश की परम्परा व संस्कृति को प्रतिष्ठा दिलाती है। लोककल्याणकारी योजनाओं को पूरा करती है। उन्होंने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वर्ष 2014 से हम ऐसी ही मजबूत सरकार को कार्य करते हुए देख रहे हैं। कमजोर और मजबूर सरकार देश के हितों के साथ समझौता कर लेती है। वर्तमान समय में कोई भी देश भारत की सीमाओं का अतिक्रमण और सम्प्रभुता को चुनौती नहीं दे सकता। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज दुनिया में भारत की गौरवशाली संस्कृति और परम्परा को महत्वपूर्ण स्थान मिल रहा है। विश्व में आज कोई ऐसा मंच नहीं है, जहां भारत की प्रतिष्ठा न हो, भारत शक्ति संतुलन न स्थापित कर रहा हो।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के यशस्वी नेतृत्व में मजबूत केन्द्र सरकार जनाकांक्षाओं की पूर्ति का कार्य प्रभावी ढंग से सम्पन्न कर रही है। स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से साफ-सफाई से सम्बन्धित सरोकारों के प्रति जनजागरूकता पैदा की है। मिशन के अन्तर्गत 10 करोड़ से भी अधिक गरीब परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय सुलभ कराया गया है। मजबूत केन्द्र सरकार ने गरीब परिवारों को 03 करोड़ से भी अधिक आवास, 04 करोड़ से अधिक विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा की सुविधा दी गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत देश के 12 करोड़ किसानों को लाभान्वित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उपलब्धियां घोषणापत्र का अंग हो सकती हैं, किन्तु प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में वैश्विक महामारी कोविड-19 के विरुद्ध भारत ने जिस तरह संघर्ष किया, वह अद्वितीय और मजबूत तथा संवदेनशील सरकार की विशेषता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में कोविड-19 की पाॅजिटिविटी दर सबसे कम तथा रिकवरी दर सर्वाधिक है। देश में सी0एफ0आर0 की दर भी विश्व में सबसे कम है। यह सब प्रधानमंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन एवं निरन्तर प्रयास से सम्भव हुआ।

प्रधानमंत्री जी ने कोरोना काल में निरन्तर प्रदेश सरकारों से संवाद बनाया। जनता से संवाद किया। उचित समय पर लाॅकडाउन का निर्णय लिया। अनलाॅक की प्रक्रिया को संवाद के माध्यम से आगे बढ़ाया। कोविड-19 के विरुद्ध बचाव और उपचार के लिए प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की। इसके अन्तर्गत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को तेजी से विकसित किया गया। टेस्टिंग व सर्विलांस से सम्बन्धित कार्यों को व्यापक और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया गया।

कोविड-19 और लाॅकडाउन से उत्पन्न स्थितियों में गरीब परिवारों को कठिनाई न हो, इसके लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को मूर्तरूप दिया गया। इसके तहत 80 करोड़ लोगों के लिए निरन्तर निःशुल्क राशन की व्यवस्था की गई। वृद्धजन, निराश्रित महिलाओं, दिव्यांगजन को अग्रिम पेंशन उपलब्ध करायी गई। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत कृषकों के खाते में धनराशि अन्तरित की गई। छोटे व्यापारियों, स्ट्रीट वेण्डर्स, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए प्रधानमंत्री आर्थिक पैकेज की व्यवस्था की गई।

कोविड-19 के उपचार के लिए अभी तक कोई दवा तथा इससे बचाव के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एक मजबूत सरकार ने निरन्तर व प्रभावी प्रयास करके कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के विरुद्ध उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि अभी तक महामारी आने पर लोग छिप जाते थे। लगभग 100 वर्ष पूर्व प्लेग की महामारी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय बड़े पैमाने पर जनहानि हुई थी। गांव के गांव साफ हो गए थे। क्योंकि तत्कालीन सरकार न तो चुनी हुई सरकार थी, न ही संवेदनशील सरकार थी। आज मजबूत और संवेदनशील सरकार के कारण देश सुरक्षित है।

मजबूत और संवेदनशील सरकार जाति, भाषा, मत, मजहब के भेदभाव के बिना कार्य करती है। वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना साकार करने के उद्देश्य से कार्य कर रही हैं। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ है। देश के संसाधनों पर देश की 125 करोड़ जनता का अधिकार है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बिना भेदभाव सभी योजनाओं को व्यापक रूप से आम जनता तक पहुंचाने का कार्य किया है। प्रदेश में 02 करोड़ 61 लाख शौचालय बनाए गए हैं। बड़ी संख्या में गरीब परिवारों को आवास उपलब्ध कराया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी कहते हैं कि राष्ट्र सबसे पहले है, इसके बाद पार्टी है, इसके बाद परिवार है, इसके पश्चात स्वयं का हित आता है। उन्होंने कहा कि नेशन फस्र्ट को ध्यान में रखते हुए विपक्ष को जिम्मेदारी का परिचय देना चाहिए, लेकिन समय-समय पर विपक्ष की नकारात्मक भूमिका को हम सबने देखा है। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक समृद्धि के लिए विपक्ष को भी सकारात्मक सुझाव देना चाहिए। किन्तु एक गैर जिम्मेदार विपक्ष के रूप में कुछ नेताओं के वक्तव्य सामने आते हैं। गैर जिम्मेदार विपक्ष का मजबूत होना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

विपक्ष को सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए। यदि सरकार लोक कल्याण, देश की सुरक्षा आदि के लिए कार्य न करे, तो सरकार का विरोध करना चाहिए, किन्तु विपक्ष ऐसा नहीं कर रहा है। राम और कृष्ण को मिथक मानने वाले देश की परम्परा को आगे नहीं बढ़ा सकते। देश की परम्परा और संस्कृति पर जिन्हें गौरव की अनुभूति नहीं है, वह उसकी रक्षा कैसे कर सकेंगे? उन्हांेने कहा कि नकारात्मकता न विपक्ष, न समाज तथा न लोकतंत्र के हित में है। देश और प्रदेश में विपक्ष नकारात्मक रूप से काम कर रहा है।

लोकतंत्र में असली ताकत जनता के पास है। वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में देश की जनता ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के भारत में लोकतंत्र को सुदृढ़ करने, वैश्विक मंच पर देश को सम्मान दिलाने, लोक कल्याणकारी योजनाओं को बिना भेदभाव के प्रभावकारी ढंग से लागू करने, आन्तरिक व वाह्य सुरक्षा को सुदृढ़ करने आदि कार्यों को मान्यता दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने देश की परम्परा और संस्कृति को पूरे विश्व में सम्मान दिलाया है। ऋषि परम्परा के प्रसाद योग को आज दुनिया के 200 देशों में मान्यता मिली है। कोविड-19 के संक्रमण के बचने के लिए प्रधानमंत्री जी ने अभिवादन के लिए हाथ मिलाने के स्थान पर हाथ जोड़कर नमस्कार करने की बात कही। जर्मनी सहित कई देशों के प्रमुखों ने इसे स्वीकार किया। प्रधानमंत्री जी के प्रयास से कुम्भ को यूनेस्को ने ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर’ के रूप में मान्यता दी। 100 से अधिक देशों के राजदूत प्रयागराज कुम्भ-2019 में आए, 187 देशों ने इसमें भागीदारी की। वर्ष 2019 में प्रयागराज में स्वच्छ, सुरक्षित, सुव्यवस्थित तथा दिव्य व भव्य कुम्भ सम्पन्न हुआ।