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मुख्यमंत्री जी द्वारा समस्त बाढ़ प्रभावित जनपदों में ड्रोन एवं स्थलीय पेट्रोलिंग के माध्यम से 24 घंटे निगरानी के निर्देश

जिलाधिकारी को बाढ़ राहत कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता पर लेने के निर्देश 

जनपदों के मध्य आपसी क्षेत्रों में स्थित विभिन्न बांधों/जलाशयों से पानी छोड़े जाने की सूचना की निरन्तर जानकारी रखने के साथ-साथ बाढ़ से बचाव हेतु समस्त तैयारी पूर्व से ही सुनिश्चित करने के निर्देश

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पशुओं का टीकाकरण एवं चारा/भूसा एवं उनके 

देखरेख की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश

प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित, कहीं भी 

किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं

बाढ़ प्रभावित जनपदों मंे सर्च एवं रेस्क्यू हेतुएन0डी0आर0एफ0 की 15 टीम  

एस0डी0आर0एफ0 तथा पी0ए0सी0 07 टीम कुल 22 टीमें तैनात

प्रदेश में 283 बाढ़ शरणालय तथा 715 बाढ़ चैकी स्थापित

बाढ़/अतिवृष्टि की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन 

के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी

बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट जिसमे 

17 प्रकार की सामग्री वितरित की जा रही है

प्रदेश में 178 पशु शिविर स्थापित तथा 6,10,688 पशुओं 

का किया गया टीकाकरण

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 1347 कुंतल भूसा वितरित किया गया 

वर्तमान में प्रदेश के 20 जनपद के 802 गांव बाढ़ प्रभावित

शारदा नदी, पलिया कला लखीमपुरखीरी, सरयू नदी, तुर्तीपार बलिया, राप्ती नदी बर्डघाट गोरखपुर व सरयू (घाघरा) नदी- एल्गिनब्रिज बाराबंकी और

 अयोध्या में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है

आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर 

आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी

बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होने पर जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 

पर फोन कर सम्पर्क करें

-श्री अनिल राजभर

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर ने आज यहां लोकभवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा समस्त बाढ़ प्रभावित जनपदों में ड्रोन एवं स्थलीय पेट्रोलिंग के माध्यम से 24 घंटे निगरानी के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि आवश्यक रिपेयर सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ.साथ किसी प्रकार की क्षति को होने के पूर्व ही उसे रोका जा सके। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी को बाढ़ राहत कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता पर लेने के निर्देश दिये गये हैं तथा जनपदों के मध्य आपसी क्षेत्रों में स्थित विभिन्न बांधोंध्जलाशय से पानी छोड़े जाने की सूचना निरन्तर जानकारी रखने के साथ.साथ बाढ़ से बचाव हेतु समस्त तैयारियां पूर्व से ही सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि पशुओं के आहार हेतु पर्याप्त चाराए भूसा आदि की पर्याप्त व्यवस्था रखने के निर्देश दिये गये हैं।-दइेचय

राजभर ने बताया कि जनपद बलिया ;तहसील.बैरियाद्ध में सरयू ;घाघराद्ध नदी के दायें तट पर स्थित बकुलहा संसार टोला तटबंध के कि0मी0 4ण्125 के मध्य निर्मित टी.स्पर के नोज भाग के अपस्ट्रीम में स्लोप क्षतिग्रस्त हो गया है। कटान को रोकने हेतु तुरन्त सीमेंट की खारी बारी में ब्रिक रोड़ा भर कर गैवियान रोप में डालकर फ्लट फाईटिंग का कार्य कराया जा रहा है। कटान स्थल पर जी0आई0 वायर क्रेट में बोल्डर डालकर कटर निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। दिनांक 08 अगस्तए 2020 की सूचना के अनुसार तटबंध एवं टी.स्पर की सतत निगरानी की जा रही है। स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि जनपद बलिया में ही ;तहसील.बैरियाद्ध में सरयू ;घाघराद्ध नदी के दांये तट पर स्थित कोटवा सुल्तानपुर रिंग बांध के कि0मी0 0ण्400 से किमी0 5ण्000 के मध्य स्थित ग्राम खादीपुरए कोटवाए सुल्तानपुर एवं ताहिरपुर जो बंधे से सटे हैं वहां घाघरा नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण रिंग बांध में जगह.जगह सीपेज हो रही है एवं बंधे पर पानी के अत्यधिक दबाव चलते कटान हो रही है। सीपेज को बन्द कराते हुए बाढ़ बचाव कार्य हेतु सीमेन्ट की खाली बोरी में ब्रिकरोरा तथा लोकल अर्थ नायलान क्रेट में डालकर बाढ़ बचाव का कार्य किया जा रहा है। स्थिति नियंत्रण में हैए जिसकी सतत निगरानी की जा रही है। वर्तमान में रिंग बांध एवं ग्राम सुरक्षित है।

राजभर ने बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश के वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। प्रदेश में बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों मंे सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0 की 15 टीमें तथा एस0डी0आर0एफ0 व पी0ए0सी0 की 07 टीमें इस प्रकार कुल 22 टीमें तैनाती की गयी है। 780 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़ध्अतिवृष्टि की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है।

राजभर ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें 10 किलो आटाए 10 किलो चावलए 10 किलो आलूए 05 किलो लाईए 02 किलो भूना चनाए 02 किलो अरहर की दालए 500 ग्रा0 नमकए 250 ग्रा0 हल्दीए 250 ग्रा0 मिर्चए 250 ग्रा0 धनियाए 05 ली0 केरोसिनए 01 पैकेट मोमबत्तीए 01 पैकेट माचिसए 10 पैकेट बिस्कुटए 01 ली0 रिफाइन्ड तेलए 100 टेबलेट क्लोरीन एवं 02 नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 40ए456 खाद्यान्न किट व 1ए82ए831 मी0 तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 253 मेडिकल टीम लगायी गयी है।

राजभर ने बताया कि बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 283 बाढ़ शरणालय तथा 715 बाढ़ चैकी स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 20 जनपद ;अम्बेडकरनगरए अयोध्याए आजमगढ़ए बहराइचए बलियाए बलरामपुरए बाराबंकीए बस्तीए गोण्डाए गोरखपुरए कुशीनगरए लखीमपुरखीरीए मऊए सिद्धार्थनगरए महाराजगंजए देवरियाए संतकबीरनगरए पीलीभीतए प्रतापगढ़ तथा सीतापुरद्ध के 802 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदीए पलिया कला लखीमपुरखीरीए सरयू नदीए तुर्तीपार बलिया राप्ती नदी बर्डघाट गोरखपुरए सरयू ;घाघराद्ध नदी.एल्गिनब्रिज बाराबंकी और अयोध्या में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 178 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 6ए10ए688 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में-दइेचय अब तक कुल 1347 कंुतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0.1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।