भाजपा सांसद का अल्पसंख्यकों के खिलाफ शर्मनाक बयान-प्रमोद तिवारी

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भाजपा सांसद का अल्पसंख्यकों के खिलाफ शर्मनाक बयान-प्रमोद तिवारी
भाजपा सांसद का अल्पसंख्यकों के खिलाफ शर्मनाक बयान-प्रमोद तिवारी

प्रमोद तिवारी ने संसद के विशेष सत्र में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के बसपा सांसद दानिश अली के विरूद्ध संसद के भीतर असंसदीय तथा अमर्यादित एवं अभद्र टिप्पणी और गाली गलौज पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि भाजपा सांसद ने जिस तरह से बसपा सांसद की आड में पूरे देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ शर्मनाक बयान दिया है वह भारतीय संसद के इतिहास में अब तक का सबसे काला अध्याय है। उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिधूड़ी जी का बयान इसलिए आश्चर्यजनक नही है कि नए संसद भवन में सरकार ने संविधान की जो प्रतियां बांटी उसमें से पहली बार पंथनिरपेक्ष तथा समाजवाद शब्द को स्वतः विलुप्त कर दिया। भाजपा सांसद का अल्पसंख्यकों के खिलाफ शर्मनाक बयान-प्रमोद तिवारी

संसद की अपनी गरिमा हुआ करती है और सभी मा. सदस्यों को संसदीय तथा असंसदीय शब्दों की सूची इसीलिए मिला करती है कि वह संसदीय भाषा और गरिमा को लोकतंत्र के पवित्र मंदिर में हर कीमत पर संरक्षित रख सकें। भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी की शर्मनाक टिप्पणी से देश के सर्वधर्म सम्भाव, सामुदायिक तथा राष्ट्रीय एकता व अखण्डता की अक्षुणता पर भी गहरा आघात पहुंचा है। एक तरफ भाजपा सांसद शर्मनाक शब्दों का खुली संसद में बेहिचक लज्जाजनक प्रदर्शन कर रहे थे तो दूसरी तरफ संसद की चिन्ताजनक तस्वीर यह भी दिखलायी पड़ी कि भाजपा के पूर्व केन्द्रीय मंत्रीगण रवि शंकर जी तथा हर्षवर्धन जैसे कददावर नेता ठीक उनकी बगल की सीटों पर बसपा सांसद के अपमान पर आश्चर्यजनक ढंग से खिलखिला रहे थे। भा.ज.पा के पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों का आचरण भी संसद में एक निर्वाचित मा. सांसद के अपमान पर भाजपा का चाल चरित्र व चेहरा बयां कर रहा है।

प्रमोद तिवारी ने केन्द्र सरकार से जानना चाहा है कि यदि जनगणना और परिसीमन को लेकर यह कानून 10 से 12 साल बाद प्रभावी होना है तो संसद का विशेष सत्र बुलाकर इसे पारित कराने की क्या आवश्यकता थी? उन्होनें कहा कि असलियत देश समझ रहा है कि पंचायतीराज कानून प्रभावी बनाकर कांग्रेस ने ही महिलाओं को देश में सबसे पहले निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में सशक्तीकरण की सौगात दी थी।

श्री तिवारी ने कहा कि जिस तरह से सत्तारूढ़ भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी जी ने सदन के एक सम्मानित निर्वाचित प्रतिपक्ष के सांसद के विरूद्ध अमर्यादित तथा असंसदीय बयान दिये और अभी तक इस गंभीर प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं की गयी वह भाजपा की विपक्षी दलों के साथ देश के अल्पसंख्यकों के प्रति बनी बनायी दूषित मानसिकता को प्रमाणित कर रही है, यह सत्तारूढ़ भाजपा के एक मा. सांसद का निदंनीय आचरण है। भाजपा को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि ऐसी दूषित भाषा के लिए न तो संसद में और न ही देश में कोई जगह है तथा न ही इस प्रकार की अमर्यादित भाषा भारत की जनता को स्वीकार्य है। उन्होनें कहा कि संसद के पिछले सत्र में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को मात्र राजनैतिक व्यवस्था के तहत उदाहरण देने के लिए निलंबित किया गया था।

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह तथा राघव चडढा जी को भी सरकार की नीतियों के खिलाफ असहमति जताने पर तो निलंबित कर दिया जाता है परन्तु सत्तारूढ़ भाज.पा. के सांसद के अभद्र आचरण को सिर्फ नोटिस के दायरे में सीमित कर गंभीर से गंभीर अभद्र टिप्पणी से किनारा कसने का सियासी हथकण्डा अपनाया जा रहा है। संसद के अंदर भा.ज.पा. सांसद की इस अभद्र टिप्पणी की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए माननीय प्रधानमंत्री जी तथा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को पूरे देश से क्षमा याचना करनी चाहिए ।संसद में महिला आरक्षण विधेयक में भाजपा की बदनीयती देश के सामने पर्दाफाश हो गयी है। इस विधेयक को चुनावी जल्दबाजी में पेश करते हुए भा.ज.पा. ने बडी ही चालाकी के साथ इसके क्रियान्वयन को फौरी तौर पर टाल दिया है। उन्होनें कहा कि कांग्रेस सहित संपूर्ण विपक्ष ने जिस महिला आरक्षण विधेयक को एक स्वर से संसद में समर्थन दिया हो तो सरकार बताये कि उसे फौरन प्रभावी बनाए जाने में अब उसे कौन सी अड़चन सामने आ रही है.? भाजपा सांसद का अल्पसंख्यकों के खिलाफ शर्मनाक बयान-प्रमोद तिवारी