उत्तर प्रदेश में 25 करोड़ जनता की सत्ता-मुख्यमंत्री

99


राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा समाप्त की गई 54 पी0ए0सी0 कम्पनियों को बहाल किया, इसके माध्यम से दंगामुक्त प्रदेश का लक्ष्य प्राप्त किया जा सका।राज्य सरकार ने मातृशक्ति का सम्मान करते हुए प्रदेश मेंपहली बार 03 महिला पी0ए0सी0 बटालियन का गठन किया,वर्तमान में प्रदेश के युवा के सामने पहचान का संकट नहीं, प्रदेश का युवा जहां भी जाता है, सम्मान प्राप्त करता है, यह ही नए भारत का नया उत्तर प्रदेश।वर्तमान राज्य सरकार ने रमाला, मुण्डेरवा एवं पिपराइच में नई चीनीमिल लगाकर उसका संचालन प्रारम्भ कराया, कोरोना कालखण्डमें भी प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलों का संचालन कराया।प्रदेश में इस समय एथेनॉल का उत्पादन बढ़कर 107.21 करोड़ लीटर हो गया, एथेनॉल के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता राज्य के रूप में प्रदेश स्थापित हुआ।जो धनराशि पहले पेट्रो डॉलर के रूप में गल्फ देशों को जाती थी, अब प्रदेश के किसानों के खातों में जा रही, इससे किसानों की आमदनी कई गुना बढ़ी राज्य सरकार ने विगत 05 वर्षों में गन्ना किसानों को 01 लाख 73 हजार करोड़ रु0 से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान कराया, जो पूर्ववर्ती सरकार के द्वारावर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य गन्ना किसानों को कराए गए गन्नामूल्य के भुगतान से 78,000 करोड़ रु0 से अधिक।वर्ष 1990 में गोरखपुर का खाद कारखाना बन्द हो गया था,इसे प्रारम्भ करने के लिए पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा कोई पहलनहीं की गई, वर्तमान में यह कारखाना पुनः चालू हो गया।


लखनऊ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान सभा में राज्यपाल जी द्वारा समवेत सदनों में दिए गए अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के समर्थन में बोलते हुए कहा कि प्रदेश की 25 करोड़ जनता की सत्तापक्ष, प्रतिपक्ष तथा हर जनप्रतिनिधि से आकांक्षाएं हैं। अलग-अलग दल के लोग प्रदेश की अलग-अलग विधान सभा क्षेत्रों से निर्वाचित होकर विधान सभा में आए हैं। प्रदेश में हर किसी की अपनी अपेक्षाएं तथा विकास की आकांक्षाएं हैं। राज्यपाल जी का अभिभाषण इसी का प्रतिनिधित्व कर रहा है। अभिभाषण में राज्यपाल जी ने किसी दल की नहीं, पूरे प्रदेश के विकास की बात की है। राज्य सरकार की विगत 05 वर्षों की उपलब्धियां तथा भावी कार्ययोजना बतायी है। उन्हांेने कहा कि प्रदेश के विकास की लम्बी यात्रा को सत्तापक्ष व प्रतिपक्ष को मिलकर आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। इससे ही प्रधानमंत्री जी के विकास के विजन के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।राज्यपाल जी के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में 117 सदस्यों ने भाग लेकर लोकतंत्र के इस पवित्र मन्दिर की गरिमा को बढ़ाने का कार्य किया है। सदन में चर्चा में अधिक से अधिक सदस्य का प्रतिभाग करना लोकतंत्र के लिए अच्छा है। चर्चा के दौरान हर सदस्य ने जो कुछ नया कहा है, राज्य सरकार उस पर विचार करेगी। उन्होंने विधान सभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि राज्यपाल जी के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव तथा बजट पर होने वाली चर्चा के कार्यवृत्त को अंग्रेजी व हिन्दी में संकलित करवाकर इसकी प्रति देश के अन्य विधान मण्डलों और संसद के पुस्तकालय को प्रेषित की जाए।


रामराज्य कोई धार्मिक व्यवस्था नहीं है। रामराज्य सार्वकालिक, सार्वदेशिक, सार्वभौमिक तथा काल-परिस्थिति से अप्रभावित एक शाश्वत व्यवस्था है, जो हर परिस्थिति में कार्य करने की क्षमता रखती है। कोरोना आए या जाए, प्रदेश की जनता का बाल-बांका नहीं होने दिया जाएगा। वर्तमान में पूरा प्रदेश रामराज्य का पक्षधर बन चुका है। उन्होंने कहा कि अभिमान तब होता है जब आपको लगता है कि आपने कुछ किया है। और सम्मान तब होता है जब लोग कहें कि आपने कुछ किया है। जनता-जनार्दन ने वर्तमान राज्य सरकार को 05 साल के कार्यकाल के बाद पुनः सत्ता में आने का अवसर दिया है। 37 वर्षों के बाद यह पहली बार हुआ है। यह जनादेश सरकार के कार्यों के प्रति सम्मान तथा जनता-जनार्दन का आशीर्वाद है। उत्तर प्रदेश, देश की सबसे बड़ी आबादी का राज्य है। पूर्व में हर सरकार ने प्रयास किया होगा, लेकिन वह प्रदेश की आवश्यकता के अनुसार जनाकांक्षाओं का प्रतीक नहीं बन पा रही थीं। वर्ष 2017 में सत्ता में आने के पश्चात् हमारी सरकार ने स्थानीय निकाय, वर्ष 2019 में 07 चरणों में सम्पन्न लोक सभा के आम चुनाव, वर्ष 2021 में पंचायत चुनाव, वर्ष 2022 के विधान सभा के आम चुनाव शान्तिपूर्वक सम्पन्न कराए। प्रदेश में हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई। यह प्रदेश की बेहतर कानून व्यवस्था का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हमारा मिशन सत्ता प्राप्त करना नहीं, देश हित में कार्य करना है। भारत में संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था है। हम सभी को इसका सम्मान करना होगा।


वर्ष 2017 में प्रदेश में सरकार बनने के बाद डबल इंजन की सरकार ने डबल-ट्रिपल स्पीड में कार्य किया। ‘ईज़ ऑफ डुईंग बिजनेस’ रैंकिंग में सुधार हुआ तथा ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ में उल्लेखनीय कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से पहले दुनिया के सबसे बड़े सिविल पुलिस बल में 1.5 लाख पद रिक्त थे। हमारी सरकार ने निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से पुलिस बल में 1.54 लाख भर्ती सम्पन्न करायी। साथ ही, ट्रेनिंग की क्षमता में तीन गुना विस्तार किया गया। प्रदेश पुलिस बल में व्यापक सुधार किए गए। प्रदेश में पहली बार 04 पुलिस कमिश्नरेट बनाए गए। एस0डी0आर0एफ0, यू0पी0एस0एस0एफ0 का गठन किया गया। पहले यू0पी0 में 02 साइबर थाने थे। हमारी सरकार ने प्रत्येक रेंज में साइबर थाने बनाए। सभी नगर निगमों को आई0टी0एम0एस0 से जोड़ते हुए सेफ सिटी की कार्यवाही की गई। लखनऊ में उ0प्र0 इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरंेसिक साइंसेज की स्थापना की कार्यवाही हो रही है।


कानून व्यवस्था बनाए रखने में पी0ए0सी0 की बड़ी भूमिका रही है। हमारी सरकार ने पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा समाप्त की गई 54 पी0ए0सी0 कम्पनियों को बहाल किया। इसके माध्यम से दंगामुक्त प्रदेश का लक्ष्य प्राप्त किया जा सका। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मातृशक्ति का सम्मान करते हुए प्रदेश में पहली बार 03 महिला पी0ए0सी0 बटालियन का गठन किया है। पुलिस बल में 20 प्रतिशत महिलाओं की भर्ती की गई। पुलिस के लिए अवस्थापना सुविधाएं बढ़ाने का कार्य किया गया। पुलिस रिफॉर्म तथा पुलिस बल को तकनीकी से जोड़ने के अच्छे नतीजे आए हैं। प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने में मदद मिली है।जब कोई कुछ उपलब्धि हासिल करता है, तब उसका सम्मान होता है। आज उत्तर प्रदेश का कोई व्यक्ति कहीं जाता है, तो उसे सम्मान मिलता है। वर्तमान में प्रदेश के युवा के सामने पहचान का संकट नहीं है। प्रदेश का युवा जहां भी जाता है, सम्मान प्राप्त करता है। यह ही नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है।

मुख्यमंत्री ने विधान सभा में राज्यपाल जी द्वारा समवेत सदनों में दिए गए अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में विचार व्यक्त किए।प्रदेश की 25 करोड़ जनता की सत्तापक्ष, प्रतिपक्ष तथाहर जनप्रतिनिधि से आकांक्षाएं, प्रदेश के विकास यात्रा को सत्तापक्षव प्रतिपक्ष को मिलकर आगे बढ़ाने की आवश्यकता। राज्यपाल जी के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में 117 सदस्यों ने भाग लेकर लोकतंत्र के इस पवित्र मन्दिर की गरिमा को बढ़ाने का कार्य किया।रामराज्य कोई धार्मिक व्यवस्था नहीं, रामराज्य सार्वकालिक, सार्वदेशिक,सार्वभौमिक तथा काल-परिस्थिति से अप्रभावित एक शाश्वत व्यवस्था।जनता-जनार्दन ने वर्तमान राज्य सरकार को 05 साल के कार्यकाल के बादपुनः सत्ता में आने का अवसर दिया, 37 वर्षों के बाद यह पहली बार हुआयह जनादेश सरकार के कार्यों के प्रति सम्मान तथा जनता-जनार्दन का आशीर्वाद।वर्ष 2017 में प्रदेश में सरकार बनने के बादडबल इंजन की सरकार ने डबल-ट्रिपल स्पीड में कार्य किया।प्रदेश सरकार एक परिवार कार्ड जारी करने जा रही,इसके माध्यम से प्रत्येक परिवार के एक नौजवान को नौकरी यारोजगार अथवा स्वरोजगार से जोड़ने का कार्य किया जाएगा।पुलिस बल में व्यापक सुधार, प्रदेश में पहली बार 04 पुलिसकमिश्नरेट, एस0डी0आर0एफ0, यू0पी0एस0एस0एफ0 का गठन किया गया।


वर्तमान में उत्तर प्रदेश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। राज्य सरकार द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर उपाधियां प्राप्त 01 करोड़ युवाओं को निःशुल्क टैबलेट/स्मार्टफोन प्रदान किया जा रहा है। अब तक प्रदेश के 12.5 लाख युवाओं को टैबलेट/स्मार्टफोन वितरित किए जा चुके हैं। सेमी कण्डक्टर की कमी के कारण टैबलेट/स्मार्टफोन के उत्पादन में समस्या है। लेकिन जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ रहा है, प्रदेश सरकार उसे युवाओं को उपलब्ध करा रही है। राज्य सरकार ने 05 लाख नौजवानों का योग्यता के आधार पर पारदर्शी रीति से चयन कर सरकारी नौकरियों मे नियुक्ति प्रदान की है। 01 करोड़ 61 लाख को निजी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त हुआ है। 60 लाख युवा स्वरोजगार से जोड़े गए हैं।राज्य सरकार युवाओं तथा उनके भविष्य के प्रति पूरी तरह सजग है। हमारी सरकार एक परिवार कार्ड जारी करने जा रही है। इसके माध्यम से प्रत्येक परिवार के एक नौजवान को नौकरी या रोजगार अथवा स्वरोजगार से जोड़ने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के युवा प्रतिभाशाली हैं। प्रदेश के युवा की प्रतिभा का लाभ प्रदेश लेगा तथा प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप राज्य की अर्थव्यवस्था 01 ट्रिलियन डॉलर की बनेगी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2004 से वर्ष 2016 के बीच सर्वाधिक अन्नदाता किसान आत्महत्या को विवश हुए। वर्ष 2017 में सत्ता में आने के बाद हमारी सरकार ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों का फसली ऋण माफ किया। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा आढ़तियों से खरीददारी की जाती थी, जिससे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल पाता था। वर्तमान राज्य सरकार ने धान और गेहूं क्रय के लिए पारदर्शी व्यवस्था लागू कर किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीददारी प्रारम्भ की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के बीच किसानों से 94 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद करके 12,800 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 तक 219.12 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर 40,159 करोड़ रुपए का किसानों को भुगतान किया गया। इसी प्रकार, पूर्ववर्ती सरकार के वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के कार्यकाल में 123 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद कर 17,190 करोड़ रुपए धान मूल्य का भुगतान किया गया। इसके सापेक्ष वर्तमान सरकार ने वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 तक की अवधि में किसानों से 280.09 लाख मीट्रिक टन धान क्रय कर 50,420 करोड़ रुपए का भुगतान किया। पूर्ववर्ती सरकारों के समय चीनी मिलें बन्द हुई अथवा औने-पौने दाम पर बेंच दी जाती थीं। हमारी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि रमाला के साथ-साथ मुण्डेरवा एवं पिपराइच में नई चीनी मिल लगाकर उसका संचालन प्रारम्भ कराया। राज्य सरकार ने कोरोना कालखण्ड में भी प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलों का संचालन कराया। प्रदेश सरकार ने भारत सरकार से अनुरोध किया कि चीनी मिलों को एथेनॉल उत्पादन से जोड़ा जाए। प्रदेश में इस समय एथेनॉल का उत्पादन बढ़कर 107.21 करोड़ लीटर हो गया है। एथेनॉल के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता राज्य के रूप में प्रदेश स्थापित हुआ है। जो धनराशि पहले पेट्रो डॉलर के रूप में गल्फ देशों को जाती थी, अब प्रदेश के किसानों के खातों में जा रही है। इससे किसानों की आमदनी कई गुना बढ़ी है।


राज्य सरकार ने विगत 05 वर्षों में गन्ना किसानों को 01 लाख 73 हजार करोड़ रुपए से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है, जो पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य गन्ना किसानों को कराए गए गन्ना मूल्य के भुगतान से 78,000 करोड़ रुपए से अधिक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1967 में न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा हुई थी। किन्तु लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने का कार्य प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्ष 2018 में किया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1990 में गोरखपुर का खाद कारखाना बन्द हो गया था। इसे प्रारम्भ करने के लिए पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा कोई पहल नहीं की गई। वर्तमान में यह कारखाना पुनः चालू हो गया है। यह वर्तमान सरकार की कार्य पद्धति को दर्शाता है। वर्ष 2014 में भारत सरकार राज्य को कृषि विज्ञान केन्द्र प्रदान करना चाहती थी, किन्तु तत्कालीन राज्य सरकार ने इसमें रुचि नहीं ली। वर्ष 2017 में हमारी सरकार बनने के पश्चात् प्रदेश में 20 नए कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित किए गए। वर्तमान में प्रदेश में 89 कृषि विज्ञान केन्द्र सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। इनके माध्यम से किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक, प्रशिक्षण आदि उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश का किसान देश में सर्वाधिक खाद्यान्न एवं गन्ने का उत्पादन कर रहा है। प्रदेश की 125 मण्डियों को ई-नाम के साथ जोड़कर उनके आधुनिकीकरण एवं विस्तारीकरण की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया है।


यह प्रकृति और परमात्मा का प्रदेश है। प्रदेश की भूमि सर्वाधिक उपजाऊ है। यहां सर्वाधिक जल संसाधन भी उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में होड़ लगी रहती थी कि कितने ब्लॉकों को डार्क जोन घोषित कर लिया जाए। वर्तमान सरकार ने ब्लॉकों को डार्क जोन से बाहर लाने का काम किया है। दशकों तक लम्बित बाणसागर, अर्जुन सहायक और सरयू नहर सहित 20 सिंचाई परियोजना को पूरा किया गया। इससे प्रदेश में 21 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता बढ़ी है। 45 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं। बुन्देलखण्ड में ‘पर ड्राप मोर क्रॉप’ के अच्छे नतीजे मिले हैं। पूर्ववर्ती सरकार श्रमिकों को एक समस्या मानती थी। समस्या का एक ही समाधान होता है। ‘भाग लो-भाग लो’। एक ‘भाग लो’ का मतलब पलायन करने से तथा दूसरे ‘भाग लो’ का अर्थ चैलेंज को स्वीकार कर समस्या के समाधान से है। हमने समस्या के समाधान का रास्ता चुना है। प्रदेश के प्रवासी-निवासी सभी श्रमिकों को 02 लाख रुपए तक की सामाजिक सुरक्षा की गारण्टी दी गई है। 05 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर भी प्रत्येक श्रमिक को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया गया है। इसके लिए धनराशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। खेती-किसानी के साथ जुड़े बटाईदारों को 05 लाख रुपए के मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा कवर की गारण्टी प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार ने प्रत्येक श्रमिक को कोविड के दौरान भरण-पोषण भत्ता दिया।


वर्ष 2017 में हमारी सरकार बनने के पश्चात् प्रदेश में20 नए कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित किए गए, वर्तमान मेंप्रदेश में 89 कृषि विज्ञान केन्द्र सफलतापूर्वक कार्य कर रहे।दशकों तक लम्बित बाणसागर, अर्जुन सहायक और सरयू नहर सहित20 सिंचाई परियोजना को पूरा किया गया, इससे प्रदेश में 21 लाखहेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता बढ़ी, 45 लाख किसान लाभान्वित हुए।प्रदेश के प्रवासी-निवासी सभी श्रमिकों को 02 लाख रु0 तक कीसामाजिक सुरक्षा की गारण्टी दी गई, 05 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमाकवर भी प्रत्येक श्रमिक को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया गया।खेती-किसानी के साथ जुड़े बटाईदारों को 05 लाख रु0 केमुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा कवर की गारण्टी प्रदान की जा रही।श्रमिकों के बच्चों के लिए सभी 18 मण्डलों मेंअटल आवासीय विद्यालय स्थापित किये जा रहे।भारतीय संस्कृति में मातृशक्ति को सम्मान दिया गया, हमारी संस्कृति मेंजो कुछ भी शुभ, कल्याणकारी, मंगलकारी है, वह मातृशक्ति का परिचायक,राज्य सरकार ने आंगनवाड़ी, आशावर्कर के साथ-साथमध्यान्ह् भोजन योजना के रसोइयांे का मानदेय बढ़ाया।राज्य सरकार ने इंसेफेलाइटिस को रोकने के लिए अन्तर्विभागीयसमन्वय के माध्यम से समग्र प्रयास किए, परिणामस्वरूप इंसेफेलाइटिससे होने वाली मौतों में 95 प्रतिशत की कमी आ गई।जनपद गोण्डा, बहराइच, पीलीभीत, लखीमपुर आदि में वनटांगिया गांवके निवासियों को वोटिंग राइट नहीं था, आजादी के बाद से ही50-60 हजार की यह आबादी सिविल अधिकारों से वंचित थी,हमारी सरकार ने इन गांवों को राजस्व गांव का दर्जा दिया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महामारी में संकट के साथी के रूप में सरकार श्रमिकों के द्वार पर थी। प्रदेश सरकार द्वारा सबको मुफ्त राशन की सुविधा दी गई। ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ के अन्तर्गत राशन कार्डधारक श्रमिक देश में किसी भी सरकारी उचित दर की दुकान से राशन प्राप्त कर सकता है। उत्तर प्रदेश का प्रत्येक श्रमिक इसका लाभ प्राप्त कर रहा है। प्रदेश में निवास करने वाले दूसरे राज्यों के श्रमिकों को भी इस योजना का लाभ मिल रहा है। श्रमिकों के बच्चों के लिए सभी 18 मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किये जा रहे हैं। इन विद्यालयों में श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क पढ़ाई के साथ हर प्रकार का प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाएगा। भारतीय संस्कृति में मातृशक्ति को सम्मान दिया गया है। हमारी संस्कृति में जो कुछ भी शुभ, कल्याणकारी, मंगलकारी है, वह मातृशक्ति का परिचायक है। वर्ष 2017 में सत्ता में आने के बाद हमारी सरकार ने सबसे पहले एण्टी रोमियो स्क्वॉड का गठन करने के साथ ही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ सहित केन्द्र सरकार की योजनाएं प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू कीं। प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना प्रारम्भ की गई। इसके अन्तर्गत बेटी के जन्म से लेकर स्नातक में प्रवेश तक 06 चरणों में 15,000 रुपए की धनराशि प्रदान की जाती है। अब तक12.68 लाख बेटियों को इस योजना से आच्छादित किया गया है। राज्य सरकार ने कोविड महामारी के दौरान हेल्थ वर्कर्स के साथ मिलकर, जान जोखिम में डालकर प्रदेश की 25 करोड़ जनता की रक्षा का कार्य करने वाली आंगनवाड़ी, आशावर्कर के साथ-साथ मध्यान्ह् भोजन योजना के रसोइयांे का मानदेय बढ़ाया है।


पहले स्वच्छ भारत मिशन में सबसे बड़ी बाधा उत्तर प्रदेश माना जाता था। पूर्ववर्ती सरकार को ढाई साल का समय मिला था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। वर्तमान राज्य सरकार ने डेढ़ साल में 2.61 करोड़ शौचालयों का निर्माण कराया। शौचालय नारी गरिमा और सुरक्षा के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि शौचालयों एवं शुद्ध पेयजल की उपलब्धता से पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों में इंसेफेलाइटिस के प्रकोप को रोकने में मदद मिली। इस क्षेत्र में विगत 40 वर्षों में लगभग 50,000 बच्चों की मृत्यु इस बीमारी से हुई थी। इनमें से अधिकतर बच्चे अनुसूचित जाति वर्ग, मलिन बस्तियों तथा अल्पसंख्यक समुदाय के थे। पूर्ववर्ती सरकारें इंसेफेलाइटिस नियंत्रण के लिए केवल उपचारात्मक प्रयास ही करती थीं। हमारी सरकार ने इंसेफेलाइटिस को रोकने के लिए समग्र प्रयास किए। इसके लिए अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से कार्य किया गया। केन्द्र व राज्य ने मिलकर अस्पताल, पीकू बनवाए। चिकित्सक तैनात किए। साथ ही, पीने के साफ पानी और शौचालय की व्यवस्था भी कराई। इसके परिणामस्वरूप इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों में 95 प्रतिशत की कमी आ गई है। प्रधानमंत्री जी द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से देश में 10 करोड़ घरों में शौचालय बनवाए गए हैं, पूरा देश इसके लिए आभारी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 42 लाख 50 हजार आवास गरीब परिवारों को उपलब्ध कराए गए हैं। मुख्यमंत्री आवास योजना के माध्यम से 01 लाख 08 हजार गरीब परिवारों को आवास दिया गया है। इन परिवारों को आवास की यह सुविधा पहले भी मिल सकती थी। लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों की कोई नीति नहीं थी। प्रधानमंत्री जी ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से व्यक्ति को स्वावलम्बन की ओर अग्रसर किया।


जनपद गोण्डा, बहराइच, पीलीभीत, लखीमपुर आदि में वनटांगिया गांव के निवासियों को वोटिंग राइट नहीं था। आजादी के बाद से ही 50-60 हजार की यह आबादी सिविल अधिकारों से वंचित थी। हमारी सरकार ने इन गांवों को राजस्व गांव का दर्जा दिया। मुसहर, सहरिया, चेरो, कोल आदि का इतिहास उतना ही पुराना है, जितना धरती माता का है। किसी ने इनकी ओर ध्यान नहीं दिया। हमारी सरकार ने इन्हें आवास, सड़क, शौचालय, बिजली कनेक्शन, पानी, स्कूल, रसोई गैस कनेक्शन, राशन आदि की सुविधा उपलब्ध करायी। अब यह लोग पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि वे भी प्रदेश के नागरिक हैं। इन समुदायों का सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है। यह पिछली सरकारों में भी हो सकता था। राज्य सरकार ने 1.26 लाख भर्ती केवल बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में की है। नीति आयोग ने देश के 112 जिलों को आकांक्षात्मक जनपद के रूप में चिन्ह्ति किया है। इसमें प्रदेश के 08 जिले सम्मिलित हैं। ऐसे ही एक जिले श्रावस्ती में 120 विद्यालयों में एक भी शिक्षक नहीं था। पूर्ववर्ती सरकारों ने इस स्थिति को बदलने के लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से 1.38 लाख परिषदीय विद्यालयों में बुनियादी सुविधाएं यथा-पेयजल, शौचालय, फ्लोरिंग, डेस्क, बेंच, स्मार्ट क्लास आदि उपलब्ध कराकर इनकी तस्वीर बदल दी है।


वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल थीं। भारत सरकार प्रदेश को लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस प्रदान करना चाहती थी, किन्तु तत्कालीन राज्य सरकार ने इसमें रुचि नहीं ली। हमारी सरकार ने सत्ता में आते ही लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस प्राप्त कर संचालित कराया। वर्तमान में प्रदेश के बड़े जनपदों में 04 से 05 तथा छोटे जनपदों में 02 से 03 लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस संचालित हैं। इनका लाभ कोविड कालखण्ड में देखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से स्वास्थ्य सूचकांक में प्रदेश की स्थिति बेहतर हुई है। प्रदेश में लिंगानुपात की दर, संस्थागत प्रसव, मैटरनल एनीमिया, शिशु मृत्यु दर में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में केवल 12 मेडिकल कॉलेज खुल पाए थे। वर्ष 2017 के पश्चात् अब तक 33 मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कराया जा रहा है। हमारी सरकार ‘एक जनपद, एक मेडिकल कॉलेज’ के अभियान को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ा रही है। राज्य मे एम्बुलेंस के बेड़े को और सशक्त करने की कार्यवाही की जा रही है।


हमारी सरकार ने मुसहर, सहरिया, चेरो, कोल को आवास, सड़क, शौचालय, बिजली कनेक्शन, पानी, स्कूल, रसोई गैस कनेक्शन, राशन आदि की सुविधा उपलब्ध करायी।राज्य सरकार के प्रयासों से स्वास्थ्य सूचकांक में प्रदेश की स्थितिबेहतर हुई, प्रदेश में लिंगानुपात की दर, संस्थागत प्रसव,मैटरनल एनीमिया, शिशु मृत्यु दर में अभूतपूर्व सुधार हुआ।मुख्यमंत्री ने राज्य विधान सभा को ‘ई-विधान’ से जोड़ने के कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष के सम्मिलित होने पर उन्हें धन्यवाद दिया, इससे देश में अच्छा सन्देश गया।राज्य के हित और सम्मान के लिए दलगतमतभेदों से ऊपर उठकर कार्य किया जाना चाहिए।03 जून, 2022 को प्रदेश सरकार द्वारा 75,000 करोड़ रु0 के निवेश हेतु तृतीय ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों से किया जाएगा।इस वर्ष के अन्त तक ओबरा-सोनभद्र, जवाहरपुर-एटा, पनकी-कानपुर नगर, घाटमपुर-कानपुर देहात की विद्युत परियोजनाओं के प्रारम्भ हो जाने परप्रदेश में ऊर्जा उत्पादन वर्ष 2016 में हो रहे विद्युत उत्पादन से दोगुना हो जाएगा।उ0प्र0 05 इण्टरनेशनल एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा।वर्तमान में प्रदेश से 1.56 लाख करोड़ रु0 के उत्पाद का निर्यात होरहा, यह प्रदेश के परम्परागत उद्यम की ताकत को प्रदर्शित करता है।विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत 16 प्रकार के हस्तशिल्पियोंको प्रशिक्षण, टूलकिट तथा बैंक से ऋण तथा सब्सिडी सुलभकराकर आर्थिक स्वावलम्बन की ओर अग्रसर किया जा रहा।


कोरोना नियंत्रण के प्रदेश सरकार के प्रयासों की सर्वत्र सराहना हुई है। राज्य में आज कोरोना के 127 नए मामले सामने आए हैं। कोरोना कालखण्ड में 20 लाख 54 हजार 935 कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का सफल उपचार हुआ है। राज्य का रिकवरी रेट 98.8 प्रतिशत है। राज्य में पूरे कोरोना कालखण्ड के दौरान कोविड संक्रमण से 23,519 व्यक्ति की मृत्यु हुई है। इस दौरान अब तक कुल 11 करोड़ 40 लाख 53 हजार 968 कोरोना टेस्ट किए गए हैं। प्रदेश में अब तक 32 करोड़ 55 लाख 73 हजार 442 कोरोना वैक्सीन की डोज प्रदान की गई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 209 आर0टी0पी0सी0आर0 लैब स्थापित की गईं। वर्तमान में प्रदेश में प्रतिदिन 04 लाख कोरोना टेस्ट करने की क्षमता तथा 1.61 लाख बेड कोविड उपचार हेतु उपलब्ध हैं।


वर्ष 2017 में हमारी सरकार ने अवैध बूचड़खानों को प्रतिबन्धित किया। गोवंश की तस्करी पर रोक लगायी। निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए बड़ी संख्या में गो-आश्रय स्थलों की स्थापना करायी गई। वर्तमान में 09 लाख से अधिक निराश्रित गोवंश, गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित हैं। राज्य सरकार ने अन्नदाता किसानों की फसल का नुकसान करने वाले गोवंश की समस्या के समाधान के लिए सहभागिता योजना के अन्तर्गत इन्हें इच्छुक किसानों को उपलब्ध कराना प्रारम्भ किया। इसके लिए किसानों को प्रत्येक गोवंश के पालन-पोषण के लिए 900 रुपए प्रतिमाह दिए जाने की भी व्यवस्था की। इसके अलावा, पोषण मिशन के अन्तर्गत कुपोषित परिवारों को दुधारू गाय उपलब्ध करायी जा रही हैं। इनके पालन पोषण के लिए इन परिवारों को प्रति गोवंश प्रतिमाह 900 रुपए की धनराशि भी प्रदान की जा रही है। गोबरधन योजना के तहत वाराणसी में बायो गैस संयंत्र स्थापित किया गया है। प्रयागराज और कन्नौज में भी इस तरह का संयंत्र स्थापित किया जा रहा है।


राज्य विधान सभा को ‘ई-विधान’ से जोड़ने के कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष के सम्मिलित होने पर उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि इससे देश में अच्छा सन्देश गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के हित और सम्मान के लिए दलगत मतभेदों से ऊपर उठकर कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘यूपी इन्ेवस्टर्स समिट-2018’ में राज्य को 4.68 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इनमें से 03 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव जमीनी स्तर पर उतारे गए हैं। इससे प्रदेश के नौजवानों को बड़ी संख्या में रोजगार प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दंगामुक्त होने तथा सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था के बेहतर वातावरण के कारण निवेशक राज्य में निवेश से जुड़ रहे हैं। 03 जून, 2022 को प्रदेश सरकार द्वारा 75,000 करोड़ रुपए के निवेश हेतु तृतीय ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास से जुड़े इस कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष को भी सम्मिलित होना चाहिए। पहले प्रदेश की पहचान बिजली के अभाव में अंधेरे और सड़कों में गड्ढों से होती थी। वर्तमान में उत्तर प्रदेश ‘एक्सप्रेस प्रदेश’ के रूप में जाना जा रहा है। इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी को 4-लेन किया गया है। प्रधानमंत्री जी द्वारा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे राष्ट्र को समर्पित किया जा चुका है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे आगामी जून माह में पूरा होने जा रहा है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे पर युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की कार्यवाही प्रगति पर है। इसे एक लिंक के माध्यम से फर्रूखाबाद से जोड़ा जाएगा। संकिसा के उन्नयन का कार्य किया जाएगा।


राज्य सरकार द्वारा विद्युत उत्पादन बढ़ाने के लिए कार्य किया जा रहा है। इस वर्ष के अन्त तक ओबरा-सोनभद्र, जवाहरपुर-एटा, पनकी-कानपुर नगर, घाटमपुर-कानपुर देहात की विद्युत परियोजनाओं के प्रारम्भ हो जाने पर प्रदेश में ऊर्जा उत्पादन वर्ष 2016 में हो रहे विद्युत उत्पादन से दोगुना हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में हर जिला मुख्यालय को 24 घण्टे बिजली दी जा रही है। तहसील मुख्यालय को 20 से 22 घण्टे बिजली मिलने के प्रयास हो रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिना भेदभाव के विद्युत वितरण किया जा रहा है। यही सबका साथ, सबका विकास का भाव है। विकास सबका, भेदभाव किसी के साथ नहीं। सुरक्षा सबकी, सम्मान सबका, लेकिन तुष्टीकरण किसी का नहीं। अराजकता फैलाने की छूट किसी को भी नहीं। सी0एम0आई0ई0 के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में बेरोजगारी की दर 18 प्रतिशत थी, जो अप्रैल 2022 में घटकर 2.9 प्रतिशत रह गई। यह विगत 05 वर्ष में प्रदेश में हुए विकास कार्यों को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में प्रदेश में 18 किलोमीटर लम्बाई में मेट्रो रेल संचालित थी। वर्तमान में 90 किलोमीटर लम्बाई में मेट्रो रेल संचालित हो रही है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में वास्तविक रूप से मात्र 02 एयरपोर्ट-लखनऊ और वाराणसी कार्यशील थे। वर्तमान में कुल 09 एयरपोर्ट संचालित हैं। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों के तहत अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इन्टरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की कार्यवाही युद्ध स्तर पर चली रही है। जनपद गौतमबुद्ध नगर के जेवर में नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है। उत्तर प्रदेश 05 इण्टरनेशनल एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश में ऐसे अनेक कार्यक्रम संचालित हैं, जिन्हें लेकर देश व दुनिया में उत्सुकता है। परम्परागत उद्यम को प्रोत्साहित करने के लिए ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ संचालित की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा परम्परागत उद्यम से जुड़े उद्यमियों को तकनीक सहित अन्य अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश से 1.56 लाख करोड़ रुपए के उत्पाद का निर्यात हो रहा है। यह प्रदेश के परम्परागत उद्यम की ताकत को प्रदर्शित करता है। इससे राज्य के नौजवानों को कम लागत में अधिक रोजगार मिल रहा है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत 16 प्रकार के हस्तशिल्पियों को प्रशिक्षण, टूलकिट तथा बैंक से ऋण तथा सब्सिडी सुलभ कराकर आर्थिक स्वावलम्बन की ओर अग्रसर किया जा रहा है। यह कार्यक्रम माटी कला बोर्ड सहित अन्य माध्यमों से संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश की सम्भावनाओं को साकार करने के लिए अवसर उपलब्ध करा रही है। इससे ‘नए भारत के नए उत्तर प्रदेश’ की परिकल्पना भी साकार हो रही है।