गर्मी के मौसम में आग से अतिरिक्त सजगता बरतें: मुख्यमंत्री

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गर्मी के मौसम में आग लगने की दुर्घटनाओं को ध्यान मेंरखते हुए अतिरिक्त सजगता बरतें।
आग लगने की दुर्घटना होने पर प्रभावित लोगों को24 घण्टे में अनुमन्य मुआवजा राशि वितरित करने के निर्देश।सभी जनपदों में अग्निशमन केन्द्रों को पूरी तरह सक्रिय रखें।आग लगने की दुर्घटना होने पर प्रभावित लोगों कोअविलम्ब राशन सहित अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करायी जाए।गेहूं क्रय केन्द्र पूरी क्षमता से संचालित किए जाएं।सभी गेहूं क्रय केन्द्रों पर पर्याप्त संख्या में बोरोें की उपलब्धता रहनी चाहिए।कोविड प्रोटोकाॅल का पूर्ण पालन करते हुए गेहूं खरीद की जाए।गो-आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाए रखें।गो-आश्रय स्थलों में पर्याप्त मात्रा में भूसे की व्यवस्थाकरते हुए उसका भण्डारण करने के निर्देश।

लखनऊ। आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने सभी जनपदों में अग्निशमन केन्द्रों को पूरी तरह सक्रिय रखने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि आग लगने की दुर्घटना होने पर प्रभावित लोगों को अविलम्ब राशन सहित अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करायी जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि गर्मी के मौसम में आग लगने की दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त सजगता बरती जाए। उन्होंने आग लगने की दुर्घटना होने पर प्रभावित लोगों को 24 घण्टे में अनुमन्य मुआवजा राशि वितरित करने के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गेहूं क्रय केन्द्र पूरी क्षमता से संचालित किए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को अपनी उपज बेचने में अधिक समय तक इन्तजार न करना पड़े। सभी गेहूं क्रय केन्द्रों पर पर्याप्त संख्या में बोरोें की उपलब्धता रहनी चाहिए। साथ ही, क्रय किए गए गेहूं के सुरक्षित भण्डारण के भी समुचित प्रबन्ध होने चाहिए। उन्होंने गेहूं खरीद कार्य की नियमित माॅनिटरिंग करने के निर्देश दिए।


मुख्यमंत्री ने गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसानों के बैठने, पेयजल तथा छाया आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड प्रोटोकाॅल का पूर्ण पालन करते हुए गेहूं खरीद की कार्यवाही की जाए। इसके लिए यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी लोग अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग करें और सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाएं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनपदों के गो-आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाए रखा जाए। गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंश के लिए सभी जरूरी प्रबन्ध किए जाएं। वर्तमान में गेहूं की फसल की कटाई के दृष्टिगत संरक्षित गोवंश के लिए भूसे की व्यवस्था सुगमता से की जा सकती है। उन्होंने गो-आश्रय स्थलों में पर्याप्त मात्रा में भूसे की व्यवस्था करते हुए उसका भण्डारण करने के निर्देश दिए।