अयोध्या का सर्वांगीण विकास विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में करें-मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री के समक्ष ‘अयोध्या महायोजना-2031’ का प्रस्तुतीकरण। अयोध्या के सर्वांगीण विकास एवं विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के निर्देश। सभी अधिकारी पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हुए अयोध्या को विकास पथ पर अग्रसर करें। प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप धर्म नगरी अयोध्या का समग्र विकास प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता। अयोध्या महायोजना को 84 कोस की शास्त्रीय सीमा तक विस्तारित करने के निर्देश। महायोजना में ईज ऑफ लिविंग के महत्वपूर्ण संकल्प को आधार बनाया जाए। अयोध्या नगर के नियोजित विकास के दृष्टिगत महायोजना के प्रस्तावों के क्रियान्वयन हेतु जोनल प्लान तैयार किये जाएं। विकास को नियोजित दिशा में आगे बढ़ाया जाए, ताकि किसी भी दशा में अनियंत्रित, अनियोजित बसावट विकसित न हो। अयोध्या में चौराहों का नामकरण यहां की पौराणिक स्मृतियों व परम्पराओं से जुड़े महान चरित्रों के आधार पर किया जाए। श्रीराम जन्मभूमि परिसर के आसपास के क्षेत्र तथा पंचकोसी परिक्रमा मार्ग में ईको फ्रेण्डली वाहनों के संचालन को बढ़ावा दिया जाए, सरयू जी में चलने वाली बोट, स्टीमर इत्यादि ग्रीन फ्यूल पर आधारित हों।‘अयोध्या महायोजना-2031’ में नगर की यातायात एवं परिवहन की सुचारु एवं सुगम व्यवस्था हेतु मल्टीलेवल पार्किंग एवं टर्मिनल विकसित किये जाएं।


लखनऊ/अयोध्या। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप धर्म नगरी अयोध्या का समग्र विकास प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। अयोध्या महायोजना को 84 कोस की शास्त्रीय सीमा तक विस्तारित करने के उन्होंने निर्देश दिये। महायोजना में ईज ऑफ लिविंग के महत्वपूर्ण संकल्प को आधार बनाया जाए। श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र के आसपास कॉमन बिल्डिंग कोड लागू किया जाए। कॉमन बिल्डिंग कोड से भवनों के रंग संयोजन में एकरूपता आएगी। अयोध्या में चौराहों का नामकरण यहां की पौराणिक स्मृतियों व परम्पराओं से जुड़े महान चरित्रों के आधार पर किया जाए। मुख्यमंत्री योगी के समक्ष यहां उनके सरकारी आवास पर ‘अयोध्या महायोजना-2031’ का प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्यमंत्री जी ने अयोध्या के सर्वांगीण विकास एवं विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के निर्देश देते हुए कहा कि अयोध्या की तरफ पूरा देश व दुनिया देख रही है। इसलिए सभी अधिकारी पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हुए अयोध्या को विकास पथ पर अग्रसर करें।


अयोध्या नगर के नियोजित विकास के दृष्टिगत महायोजना के प्रस्तावों के क्रियान्वयन हेतु जोनल प्लान तैयार किये जाएं तथा विकास को नियोजित दिशा में आगे बढ़ाया जाए, ताकि किसी भी दशा में अनियंत्रित, अनियोजित बसावट विकसित न हो। उन्होंने अयोध्या को ग्रीन अयोध्या के रूप में विकसित किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि सरयू जी में चलने वाली बोट, स्टीमर इत्यादि ग्रीन फ्यूल पर आधारित हों। श्रीराम जन्मभूमि परिसर के आसपास के क्षेत्र तथा पंचकोसी परिक्रमा मार्ग में ईको फ्रेण्डली वाहनों के संचालन को बढ़ावा दिया जाए, जिससे यह क्षेत्र प्रदूषण रहित हो सकेगा। अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाए।


‘अयोध्या महायोजना-2031’ में नगर की यातायात एवं परिवहन की सुचारु एवं सुगम व्यवस्था हेतु मल्टीलेवल पार्किंग एवं टर्मिनल विकसित किये जाएं। अयोध्या में श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों के लिए ऑफ सीजन में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर से अधिकतम 02 किलोमीटर एवं पर्व एवं त्योहारों के अवसर पर अधिकतम 05 किलोमीटर पहले ही पार्किंग की व्यवस्था की जाए। तय मानकों के अनुरूप मार्गाें के चौड़ीकरण का कार्य किया जाए। प्रभावित लोगों के मुआवजे की कार्यवाही तेज की जाए। उन्होंने ‘अयोध्या विजन-2047’ की सभी योजनाओं को गुणवत्तायुक्त एवं तय समय में पूर्ण करने के निर्देश दिये।