कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

84

भाग-01

  • सतत प्रयासों से प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीव्रता, मंद हो रही है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर अब 90.6 प्रतिशत हो गई है। विगत 24 घंटो में राज्य में कोरोना संक्रमण के कुल 8,727 मामले आए हैं। यह संख्या 24 अप्रैल को आए 38055 मामलों से लगभग 29 हजार कम है। पिछले 24 घंटों में 21,108 संक्रमित व्यक्ति उपचार के बाद डिस्चार्ज हुए हैं। वर्तमान में राज्य में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 1,36,342 है, जो 30 अप्रैल, 2021 की अधिकतम एक्टिव मामलों की संख्या 3,10,783 से 1.74 लाख कम है। इस प्रकार 30 अप्रैल के सापेक्ष वर्तमान में अधिकतम एक्टिव मामलों की संख्या में 56 फीसदी की कमी आई है।
  • एग्रेसिव टेस्टिंग की नीति उत्तर प्रदेश ने शुरुआत से ही अपनाई है। 17 मई को हमने साढ़े चार करोड़ कोविड टेस्ट की सीमा को भी पार कर लिया। यह किसी भी प्रदेश में हुआ सर्वाधिक टेस्ट है। अब तक प्रदेश में 4,52,31,090 टेस्ट हो चुके हैं। विगत दिवस में कुल 2,79,581 कोविड टेस्ट किये गये। इसमें से 1,14,066 टेस्ट केवल आरटीपीसीआर के माध्यम से हैं।
  • होम आइसोलेशन के मरीजों को निगरानी समितियों के माध्यम से मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए। ग्रामीण इलाकों में संचालित स्क्रीनिंग के वृहद अभियान में लक्षणयुक्त अथवा संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को निगरानी समिति द्वारा तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध करायी जा सके, इसके लिए निगरानी समितियों को पर्याप्त संख्या में मेडिकल किट उपलब्ध करायी जाए। लक्षणयुक्त एवं संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को मेडिकल किट निगरानी समिति द्वारा ही उपलब्ध करायी जाए, क्योंकि संक्रमित व्यक्ति के पास सबसे पहले निगरानी समिति ही पहुंचती है।
  • आपदाकाल में कतिपय निजी अस्पतालों द्वारा कोविड संक्रमित मरीजों से ओवरचार्जिंग की शिकायत प्राप्त हो रही है। यह व्यवस्था का उल्लंघन तो है ही, मानवता के विरुद्ध भी है। सभी जिलों में ऐसी गतिविधियों पर सतत दृष्टि रखी जाए। शिकायतों का तत्काल संज्ञान लेते हुए इनके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।
  • रेमेडेसीवीर सहित किसी भी जीवनरक्षक दवा की कालाबाजारी में संल्पित लोगों के खिलाफ एनएसए जैसे कठोर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाए। यदि इन गतिविधियों में किसी मेडिकल या पैरामेडिकल स्टाफ की संलिप्तता हो, तो उनकी प्रोफेशनल डिग्री को निलंबित भी किया जाना चाहिए।
  • जिलाधिकारी व सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि कोविड और नॉन कोविड मरीजों के निधन के उपरांत उनके परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई न हो। यदि मृत्यु कोविड संक्रमण से हुई है तो मृत्यु प्रमाण पत्र पर स्पष्ट उल्लेख किया जाए। इस संबंध में आवश्यकतानुसार शासनादेश भी जारी कर दिया जाए।
  • प्रत्येक जनपद में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की व्यवस्था को टीम लगाकर चुस्त-दुरुस्त बनाया जाए। इसके अन्तर्गत स्वास्थ्य केन्द्रों पर मेडिकल उपकरणों को कार्यशील स्थिति में रखा जाए तथा साफ-सफाई की व्यवस्था को प्रभावी बनाया जाए। स्वास्थ्य केन्द्रों की पेंटिंग भी करायी जाए।साथ ही, आवश्यक मैनपॉवर, पेयजल, शौचालय, बिजली आदि की व्यवस्था को भी दुरुस्त रखा जाए। यह कार्य आगामी एक सप्ताह में पूर्ण कर लिया जाए।
  • ग्रामीण क्षेत्रों के सीएचसी व पीएचसी में मैन पावर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग और सम्बन्धित जिलाधिकारी स्तर से कार्यवाही होनी है, जबकि मेडिकल कॉलेजों में प्राचार्य इसकी कार्यवाही करते हैं। शासन से सहयोग की जरूरत हो तो बताएं, अन्यथा चयन प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जाए।
  • सभी जनपदों में उपलब्ध सभी वेंटिलेटर्स व आक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर क्रियाशील अवस्था में रहने चाहिए। वेंटिलेटर्स के संचालन के लिए एनेस्थेटिक्स व टेक्नीशियन भी उपलब्ध रहने चाहिए।
  • सभी कोविड और नॉन कोविड मरीजों के सुव्यवस्थित उपचार हेतु मांग के अनुसार ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। बीते 24 घंटे में 935 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण किया गया। इसमें 560 एमटी केवल रीफिलर के माध्यम से वितरित हुआ। ऑक्सिजन ऑडिट के अच्छे परिणाम मिले हैं, बीते कुछ दिनों में ऑक्सीजन की मांग में 10 से 15 फीसदी की कमी आई है। अधिकांश मेडिकल कॉलेजों में 2-3 दिवसों का बैकअप हो गया है। कतिपय मेडिकल कॉलेजों में खाली सिलिंडर की जरूरत है, इसकी पूर्ति तत्काल कराई जाए। 5,000 सिलिंडर क्रय करने की प्रक्रिया जारी है, इसके अलावा विभिन्न औद्योगिक संगठनों द्वारा सीएसआर के माध्यम से लगभग 3500 सिलिंडर और प्राप्त हो रहे हैं। इनका समुचित वितरण/आवंटन कराया जाए।
  • निगरानी समिति द्वारा लक्षणयुक्त तथा संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति को मेडिकल किट उपलब्ध कराने के साथ ही, ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार की जाए। यह सूची इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को उपलब्ध कराई जाए। आईसीसीसी इन व्यक्तियों के एंटीजन टेस्ट के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम को भेजे। साथ ही, सम्बन्धित को मेडिकल किट उपलब्ध कराये जाने का सत्यापन भी करे। निगरानी समिति द्वारा तैयार की गयी सूची जिलाधिकारी द्वारा सम्बन्धित जनप्रतिनिधि को भी उपलब्ध करायी जाए, जिससे वे भी संक्रमित व्यक्ति से संवाद स्थापित करते हुए फीडबैक प्राप्त कर सकें।
  • सभी जनपदों में ‘108’ सेवा की 75 प्रतिशत एम्बुलेंस का प्रयोग कोविड कार्यों में किया जाना चाहिए। समस्त जिलों में कोविड बेड की उपलब्धता में निरन्तर वृद्धि किये जाने के साथ ही, इनके लिए आवश्यक मैन पावर की भर्ती की जाए।