फाइलेरिया से बचने के लिए एमडीए राउंड के दौरान दवा का सेवन जरूरी-डॉ. वी.पी.सिंह

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फाइलेरिया से बचने के लिए एमडीए राउंड के दौरान दवा का सेवन जरूर करें। इंटौजासीएचसी पर एमएमडीपी किट वितरण व अभिमुखीकरण कार्यक्रम आयोजित। कार्यक्रम में 75 फाइलेरिया मरीजों को प्रदान की गयी किट। फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्यों ने रोग प्रबन्धन से मिली राहत के बारे में साझा किये अनुभव।


लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में मंगलवार को इटौंजा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर फाइलेरिया मरीजों का रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता प्रबंधन(एममडीपी) पर अभिमुखीकरण किया गया एवं एममडीपी किट वितरण कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस मौके पर 75 फाइलेरिया मरीजों को किट प्रदान की गयी।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नेशनल वेक्टर बार्न डिजीजकंट्रोल प्रोग्राम- उत्तर प्रदेश के अपर निदेशक डा. वी. पी.सिंह ने कहा कि जागरूकता की कमी, लापरवाही या अनजाने में दवा सेवन न करने से इस बीमारी से आप लोग फाइलेरिया ग्रसित हुए हैं। अब आप सभी को इस बारे में जागरूक किया जा रहा है, इसलिए इस बीमारी से अपने बच्चों व अन्य को सुरक्षित बनाने के लिए सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम(एमडीए) के दौरान पांच साल तक लगातार साल में एक बार फाइलेरिया की दवा का सेवन जरूर कराएं, इसके साथ ही पड़ोसियों और दोस्तों को भी दवा सेवन के लिए प्रेरित करें।


डॉ.सिंह ने कहा कि फ़ाइलेरिया से बचाव ही इसका सही उपचार है,यदि यह बीमारी हो गई तो यह पूरी तरह से ठीक नहीं होती है,उचितप्रबंधन से प्रभावित अंगों की देखभाल की जा सकती है और रोजमर्रा के काम किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसीलिए फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट दिए जाने का प्रावधान है ताकि उन पर किसी भी प्रकार का आर्थिक बोझ न पड़े । किट में तौलिया, मग, टब, साबुन और एंटी सेप्टिक क्रीम होती है । इनका उपयोग करके फाइलेरिया रोगी अपने प्रभावित अंगों को सही से देखभाल करें और बीमारी का प्रबंधन करें।


इस अवसर पर राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. बिमल बैसवार ने कहा कि फाइलेरिया बीमारी मच्छर के काटने से होती है । इसके लक्षण पाँच से 15 साल बाद दिखाई देते हैं और तब तक बहुत देर हो चुकी होती है । इसलिए मच्छरों से बचें औरजब आशा कार्यकर्ता दवा खिलाने के लिए आएं तो खुद भी खाएं और घर के सदस्यों और आस-पास के लोगों को भी दवा का सेवन करने के लिए कहें।


जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव ने कहा कि जनपद में फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्यों द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन में सराहनीय काम किया जा रहा है । वह खुद अपनी देखभाल तो कर ही रहे हैं, साथ में आस- पास के लोगों को भी इस बीमारी से बचने के बारे में बता रहे हैं तथा सामूहिक दवा सेवन के लिए प्रेरित कर रहे हैं।इस मौके पर फाइलेरिया रोगियों को प्रभावित अंगों की साफ-सफाई और देखभाल के बारे में प्रदर्शन करके समझाया गया। इस अवसर पर इटौंजा क्षेत्र के मदारीपुर, पहाड़पुर, नगुआमऊ, मझगवां, जलालपुर, नवरंगपुर, अमानीगंज,मरपा गाँव के अनिल, मालती, आनंद कुमार, रामकली, रेखा अग्निहोत्री, रामलली सहित लगभग 75 लोगों को एमएमडीपी किट का वितरण किया गया।


फाइलेरिया रोगी नेटवर्क गुरु कृपा फ़ाइलेरिया उन्मूलन समिति की सदस्य मनोरमा और राजकुमारी ने कहा कि हम नेटवर्क से लगभग 10 माह से जुड़े हैं। नेटवर्क से जुड़ने के बाद हमें फ़ाइलेरिया की दवा के सेवन और पैरों की देखभाल के लिए व्यायाम करने व साफ-सफाई रखनेके बारे में बताया गया था। हमने वैसा ही किया, जिससे पैरों की सूजन में काफी कमी आई है।आज हमें जो तौलिया, क्रीम आदि सामान मिले हैं, उसका उपयोग हम पैरों की देखभाल में करेंगे।इस अवसर पर जिला सर्विलांस अधिकारी डा.निशांत निर्वाण, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, सीएचसी अधीक्षक डा. ए.के.दीक्षित, जिला मलेरिया इकाई के सदस्य, सीएचसी के अधिकारी और कर्मचारी व सीफॉर की टीमतथा पाथ संस्थाके प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इसी क्रम में मोहनलालगंज ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्र टिकरा सानी में आयोजित अन्नप्राशन दिवस पर फ़ाइलेरिया रोगी नेटवर्कअंगारमती मैया के सदस्यों ने हिस्सा लेकर वहाँ आए लोगों को फाइलेरिया रोग से बचाव के बारे में बताया।