बसपा के पतन का जिम्मेदार कहीं पंडित जी तो नही ?

92

कांशीराम जी ने दल‍ितों को एक राजनीत‍िक सूत्र में बांधने के लि‍ए बसपा का गठन क‍िया था.अपनी मेहनत लगन के बलबूते पर बसपा को खड़ा करने में सफल हो पाए थे.उस दौर में बसपा का एक नारा हुआ करता था .तिलक तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार.

ये नारा काफ़ी लोकप्रि‍य हुआ था. इसके बाद यूपी की स‍ियासत का चेहरा ही बदल गया था ज‍िसके पीछे कांशीराम और मायावती की अहम भूम‍िका रही नतीजतन बसपा और मायावती ने यूपी के स‍िंंहासन पर राज क‍िया. मायावती को दोबारा सत्‍ता तक पहुंचाने के ल‍िए बसपा के सोशल इंजीन‍ियरि‍ंग फार्मूले दलित+ब्राह्मण की अहम भूमि‍का रही और इस फार्मूले को यूपी की स‍ियासत में लाने वाले और सफल बनाने वाले सतीश चंद्र म‍िश्रा माने जाते रहे ,यूपी की स‍ियासत में बसपा भी फर्श से अर्श और फ‍िर अर्श से फर्श तक सफर तय कर चुकी है और कई पुराने बसपाई अन्‍य राजनीत‍ि‍क दलों में शाम‍िल हो चुके हैं, लेक‍िन सतीश चंद्र म‍िश्रा बसपा के चाणक्‍य माने जाते रहे.


बसपा से निष्कासित होकर निकले कई बड़े चेहरों ने जो आरोप लगाए वो सतीश मिश्र पर आज सही होते दिख रहे हैं .दबी जुबां कहा जाता रहा है कि सतीश चन्द मिश्र ने ही कट्टर बहुजन विचारधारा वाले बड़े चेहरों को निशाने पर लाकर पार्टी से बाहर करवाने का काम किया.निष्कासित नेता आज बसपा की इन स्थितियों का जिम्मेदार मिश्र को मानती हैं इनके रहते हुए बसपा को पुनः संजीवनी मिलना संभव नही मानती.