महिला दिवस पर पत्रकार गुड्डू गुप्ता ने नारी सुरक्षा सम्मान के लिए दिया जोर

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सुनील कुमार पाण्डेय

महराजगंज/ नौतनवा। भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी दुर्गा व लक्ष्मी आदि सम्मान दिया गया । माँ भगवान के समान होती है । जो हर सुख दुख को अपने सर पर लेकर फिर भी उसकी चहरे पर मुस्कान देकर सब की दुख सुख को हरती है । इंसान को यह नही भूलना चाहिए कि नारी द्वारा जन्म दिए जाने पर ही वह दुनिया मे अस्तित्व बना पाया है और हर मार्ग तक पहुचाया है । जिससे ठुकराना , अपमान शोषण करना ठीक नही है । हमारे समाज में महिला अपने जन्म से लेकर मृत्यु तक एक अहम किरदार निभाती है। अपनी सभी भूमिकाओं में निपुणता दर्शाने के बावजूद आज के आधुनिक युग में महिला पुरुष से पीछे खड़ी दिखाई देती है। पुरुष प्रधान समाज में महिला की योग्यता को बहुत ज्यादा देखा जाता है। सरकार द्वारा नारी शक्ति सम्मान के लिए जागरूक किया जा रहा है । तब भी महिला की जिंदगी के काफी जटिल हो गयी है। सब को ठानना है कि महिला सम्मान को लेकर हम सब को आगे आना होगा । ताकि जगह जगह महिलाओं पर शोषण अत्याचार कम हो सके । तब फिर महिला अपनी जिंदगी का लक्ष्य का ख्वाब देख सके । वह पूरी जिंदगी बेटी, बहन, पत्नी, माँ, सास, और दादी जैसे रिश्तों को ईमानदारी से निभाती है। इन सभी रिश्तों को निभाती रहती है । जन्म देने वाली माँ के रूप में नारी का सम्मान अनिर्वाय रूप से होना चाहिए ।