जानें कपालभाति प्राणायाम के अचूक लाभ 

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जानें कपालभाति प्राणायाम के अचूक लाभ 
जानें कपालभाति प्राणायाम के अचूक लाभ 

योगाचार्य कृष्ण दत्त मिश्रा

कपालभाति एक तरह से क्लेजिंग टेक्नीक है जिसे योग में कपालभाति प्राणायाम कहा गया है और योग में शामिल किया गया है। जिन्हें नियमित रूप से किया जाए, तो शरीर से 60% विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। यह क्रिया सांस के साथ की जाती है। इसलिए इसे प्राणायम कहते हैं। यदि इस आसन को सही तरीके से किया जाता है, तो यह आपके दिमाग को शांत रखने के साथ 100 से भी ज्यादा बीमारियों से छुटकारा दिलाता है। जानें कपालभाति प्राणायाम के अचूक लाभ 

योग में कपालभाति प्राणायाम एक साँस लेने की तकनीक है जिसमें ज़ोरदार छोटी साँस छोड़ना और अपेक्षाकृत धीरे से साँस लेना शामिल है। कपालभाति प्राणायाम तकनीक विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाकर श्वसन प्रणाली को साफ और दुरुस्त करती है। साथ ही यह सांस लेने की तकनीक शरीर के साथ-साथ मन को भी शुद्ध और पुनर्जीवित करती है। योग शरीर को स्वस्थ रखने का एक लाभकारी तरीका है। योगासन के नियमित अभ्यास से न केवल शरीर बल्कि मानसिक सेहत भी दुरुस्त रहती है। यानी योगासन शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत के लिए लाभदायक माना जाता है। कई तरह की बीमारियां हमारे शरीर और मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं। जानें कपालभाति प्राणायाम के अचूक लाभ 

योगाचार्य कृष्ण दत्त मिश्रा ने निष्पक्ष दस्तक सम्पादक से कहा कि योग आपके मन और शरीर को स्वस्थ रखने का बेहतरीन विकल्प है। इसे करने से पुराने से पुराना रोग भी चुटकियों में सही हो जाता है।अगर आप भी बीमारियों से बचना चाहते हैं,तो कपालभाति जरूर कीजिए।यह आसन स्वयं में परिपूर्ण है।अगर इसे कर लिया जाए तो शायद ही कोई और आसन करने की जरूरत पड़े।इसके ढेरों फायदे भी है।अपने इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए नियमित रूप से कपालभाति करना फायदेमंद साबित होता है।

आप अगर रोजाना कपालभाति करते है, तो इसे करने से लिवर के साथ किडनी से जुड़ी समस्या ठीक होती है। शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखने के लिए यह आसन बहुत फायदेमंद होता है। साथ ही इसे नियमित रूप से करने से आंखों के नीचे के काले घेरों की समस्या भी खत्म हो जाएगी। आपके ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखने और मेटाबॉलिज्म में सुधार करने के लिहाज से कपालभाति बहुत फायदेमंद है। इसके साथ ही गैस और एसिडिटी की समस्या में ये बहुत लाभदायक है। खास कर इसमें सांस छोड़ने की प्रक्रिया करने से फफेड़े लंबे समय तक ठीक से काम करते हैं। कपालभाति करने से हमारी याददाश्त बढ़ती है एवं दिमाग भी तेजी से काम करता है। इस प्राणायाम को करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।

कपालभाति प्राणायाम करते हुए 78 वर्ष के राधेश्याम चौरसिया

कपालभाति करने के लिए पद्मासन में बैठकर दोनों हाथों से चित्त मुद्रा बना लें। गहरी सांस अंदर की ओर लेते हुए झटके से सांस छोड़ें। इस दौरान पेट को अंदर की ओर खींचें। अगर आप कपालभाति करने की शुरुआत कर रहे हैं तो 5-10 मिनट ही अभ्यास करें और समय के साथ अभ्यास को बढ़ाएं। कपालभाति प्राणायाम को जीवन की संजीवनी कहा जाता है योगासनो में यह सबसे कारगर प्राणायाम माना जाता है जो शरीर के अलग-अलग अंगों पर प्रभारी ढंग से कार्य करता है। कपालभाति के निमित्त अभ्यास से गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं को कम करने में भी मदद मिलती है।

एक व्यक्ति जो ध्यान मुद्रा में है वह एक हाथ से नाक गुहा के एक तरफ को बंद करके दूसरे नासिका छिद्र से सांस खींचता है। फिर नाक को दोनों तरफ से बंद करके तुरंत सांस छोड़ें।जब आप पीछे बैठें तो अपनी रीढ़ की हड्डी सीधी रखें। आपका सिर स्वर्ग की ओर होना चाहिए।अपनी श्वास को गहरा करें।सांस अंदर लें और अपने पेट को अंदर की ओर खींचें। आपका पेट रीढ़ की हड्डी को छूना चाहिए। जितना संभव। संकुचन महसूस करने के लिए अपने पेट पर हाथ रखें। नाभि को अंदर की ओर खींचना चाहिए।जब आप पेट की मांसपेशियों को छोड़ते हैं तो सांस अपने आप आपके फेफड़ों तक पहुंचती है।कपालभाति प्राणायाम का एक चक्र पूरा करने के लिए 20 साँसें छोड़ें। प्राणायाम से अपने शरीर में उत्तेजना महसूस करें।

कपालभाति प्राणायाम के फायदे

कपालभाति प्राणायाम का रोजाना अभ्यास शरीर को निरोगी बनाने और विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए बहुत फायदेमंद होता है। कपालभाति का रोजाना अभ्यास करने से आपके फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होता है और किडनी में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। शरीर से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों को दूर करने के लिए भी कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है। कपालभाति डाइजेस्टिव सिस्‍टम को मजबूत बनाकर गैस, एसिडिटी, कब्‍ज जैसी समस्याओं में भी राहत देता है। कपालभाति प्राणायाम फेफड़ों, स्प्लीन, लीवर, पैनक्रियाज के साथ-साथ दिल के कार्य में सुधार करता है।

कब्ज की समस्या में फायदेमंद है कपालभाति

कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास करने से कब्ज की समस्या में बहुत फायदा मिलता है। इसका अभ्यास पाचन तंत्र को मजबूत करने का काम करता है। कपालभाति प्राणायाम करने से पेट में पाचन को बढ़ावा देने वाले एंजाइम बढ़ते हैं और पाचन तंत्र दुरुस्त होता है। रोजाना 3 से 5 मिनट तक इसका अभ्यास करने से कब्ज की समस्या दूर होती है।

बाल झड़ने की समस्या में फायदेमंद है कपालभाति

कपालभाति प्राणायाम का नियमित रूप से अभ्यास करने से बाल झड़ने की समस्या में फायदा मिलता है। इसका अभ्यास करने से स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और बाल की जड़ें मजबूत होती हैं। रोजाना 5 मिनट कपालभाति का अभ्यास कुछ दिनों तक करने से आपको असर दिखने लगता है।

किडनी से जुड़ी परेशानियों में फायदेमंद है कपालभाति

किडनी से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए रोजाना कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है। आज के समय में असंतुलित खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़े कारणों की वजह से किडनी स्टोन की समस्या तेजी से बढ़ रही है ऐसे में कपालभाति का अभ्यास जरूर करना चाहिए। रोजाना कुछ देर तक कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास करने से आपको किडनी की पथरी में फायदा मिलता है।

हार्ट से जुड़ी बीमारियों में बहुत फायदेमंद है कपालभाति

हार्ट से जुड़ी बीमारियों को दूर करने के लिए कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास बहुत उपयोगी होता है। कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को बेहतर बनाने और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करने के लिए भी कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास बहुत फायदेमंद है। कपालभाति का अभ्यास करने से शरीर में ब्लड की सप्लाई बढ़ती है और हार्ट ब्लॉकेज की समस्या में भी फायदा मिलता है।

नर्वस सिस्टम से जुड़ी परेशानियों में फायदेमंद है कपालभाति

नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र से जुड़ी परेशानियों में कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है। कपालभाति का अभ्यास करने से ब्रेन सेल्स में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ती है। ब्रेन सेल्स को बेहतर बनाने के लिए और मेमोरी की क्षमता बढ़ाने के लिए कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास जरूर करना चाहिए। माइग्रेन, स्टेस और डिप्रेशन की समस्या में कपालभाति के अभ्यास बहुत फायदा मिलता है।

जानें कपालभाति प्राणायाम के अचूक लाभ 

त्वचा को सेहतमंद और चमकदार बनाने के लिए भी कपालभाति लाभकारी है। जिन लोगों को अस्थमा और साइनस की समस्या है, उन्हें इन बीमारियों से छुटकारा दिलाने के लिए भी कपालभाति का नियमित अभ्यास फायदेमंद है। पेट की कई दिक्कतों जिसमें पाचन संबंधी समस्याओं में सुधार भी शामिल है, को दूर करने में कपालभाति का अभ्यास लाभदायक हो सकता है। कपालभाति का नियमित अभ्यास पित्त के स्तर को नियंत्रित रखने और मेटाबाॅलिज्म दर को बढ़ाने में सहायक है। मस्तिष्क की कोशिकाओं को सक्रिय करने और स्मृति व एकाग्रता शक्ति में सुधार के लिए ये योगासन लाभकारी है। कपालभाति के अभ्यास से चिंता और तनाव दूर होता है। इस योग के अभ्यास से रक्त में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है। सांस के इस योग से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और फेफड़े मजबूत होते हैं। शरीर में विषाक्त और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को निकालने में कपालभाति मदद करता है।

कपालभाति प्राणायाम से दांतों और बालों के सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं। शरीर की अतिरिक्‍त चर्बी कम होती है खासकर पेट की, यानी यह वजन कम करने में भी कारगर आसन है। इसे अलावा इसके नियमित अभ्‍यास करने से कब्ज, गैस, एसिडिटी जैसी पेट से संबंधित समस्या भी दूर हो जाती है। कपालभाती प्राणायाम का सबसे ज्याद प्रभाव पड़ता है शरीर और मन पर, क्‍योंकि यह मन से नकारात्‍मक तत्‍वों को दूर कर सकारात्‍मकता लाता है। थायराइड, चर्म रोग, आंखों की समस्‍या, दांतों की समस्‍या, महिलाओं की समस्‍या, डायबिटीज, कैंसर, हीमोग्‍लोबिन का स्‍तर सामान्‍य करना, किडनी को मजबूत बनाने जैसे सभी तरह की समस्‍याओं को दूर करने की क्षमता होती है। यानी यह एक ऐसा आसन है जो सभी तरह की समस्‍याओं का उपचार करता है।

कपालभाति में बरतें सावधानियां

अगर आप कपालभाति करते है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। कपालभाति करते समय अपनी सांस लेने की स्पीड को घटाए या बढ़ाए नहीं। सांस को एक समान रखें। इसके साथ ही इसे करते समय हमारा पूरा ध्यान पेट के मूवमेंट पर होना चाहिए। हमारी सांसों पर नहीं। साथ ही कपालभाति करते समय कंधे को हिलने नही चाहिए। आप सांस अंदर लेते समय पेट बाहर की ओर एवं सांस छोड़ते वक्त पेट अंदर की ओर होना चाहिए। इसके साथ ही अगर आपको हार्निया,अल्सर,सांस की बीमारी या हाइपरटेंशन हो, तो इसे करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लीजिए। जानें कपालभाति प्राणायाम के अचूक लाभ