चुनावों में कानून बड़ा मुददा

124
चुनावों में कानून बड़ा मुददा
चुनावों में कानून बड़ा मुददा

कुख्यातों के आतंक की दुनिया अलग है तो उनसे मुकाबले को खाकी का बड़ा साहस भी। बीते वर्षों में अपराधियों के विरुद्ध शासन के बदले रुख ने पुलिस कार्यवाई के दायरे को बढ़ाया है। माफिया की फेहरिस्त भी बदली है। लंबे समय से माफिया की सूची में ऊपर रहा अतीक अहमद का नाम उसकी मौत के साथ ही खुद-ब-खुद बाहर हो गया है।

चुनावों में कानून बड़ा मुददा

वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार आने के बाद प्रदेश की कानून और व्यवस्था लगातार सुधर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और पुलिस प्रशासन तथा सरकारी मशीनरी को भी लगातार चेतावनी देते रहते हैं, कई आपराधिक मामालें में वह स्वतः संज्ञान लेकर कड़ी कार्यवाही करने का आदेश भी जारी करते हैं। प्रदेश के अपराधियों व भू -माफिया पर बेधड़क बुलडोजर चल रहा है और कुख्यात अपराधियों का एनकाउंटर हो रहा है जिसका परिणाम है कि आज प्रदेश के कई नामी- गिरामी माफिया व अपराधी जेल कि सलाखों के पीछे हैं और कुछ स्वयं आत्मसमर्पण करने के लिए गले में तख्ती टांगकर थानों में पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव प्रचार के दौरान कानून व्यवस्था को एक बड़ा मुददा बनाया था और लगातार कहते थे कि प्रदेश के सभी अपराधी या तो सुधर जाएं या फिर प्रदेश छोड़कर चले जाएं। आज उसी का परिणाम है कि प्रदेश के अपराधी दूसरे राज्यों में शरण लेने के लिए भाग रहे हैं। वहीं यूपी पुलिस भी अब इतनी फुर्तीली हो गयी है कि वह अपराधी को चाहे जहां छिपा हो पकड़ ला रही है।

2022 के विधानसभा चुनावों में भी कानून व्यवस्था एक बड़ा मुददा बना और प्रदेश की नारी शक्ति ने प्रदेश में बन रहे सुरक्षित वातावरण को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी को ही वोट किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सतत प्रयासों का ही परिणाम है कि राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि उत्तर प्रदेश लगभग दंगा मुक्त हो गया है।आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि यूपी में योगीराज आने के बाद बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था बहाल हुई है और एक मिसाल कायम की है। प्रदेश में सभी धर्मो के पर्व व त्यौहार शांति पूर्वक संपन्न हो रहे हैं। विगत सरकारों की तुलना में प्रदेश में अपराध कम हुआ है लेकिन कई क्षेत्र अभी भी बहुत चिंताजनक है। प्रदेश दलितों के प्रति अपराध अभी भी हो रहे हैं तथा महिला अपराधों के प्रति नवाबों का शहर कहा जाने वाला लखनऊ अभी भी एक खतरनाक जंक्शन बना हुआ है। चुनावों में कानून बड़ा मुददा