मोदी अब ‘युगपुरुष’ बन गए हैं….!

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श्याम कुमार

स्वर्गीय चन्द्रभानु गुप्त द्वारा स्थापित बुद्धिजीवियों की पुरानी एवं प्रतिष्ठित संस्था ‘विचार मंच’ द्वारा ‘ बाबा विश्वनाथ धाम का पुनरुद्धार’ विषय पर फोन-संगोष्ठी का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिस प्रकार अपने मात्र सात साल के कार्यकाल में देश को विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ाने का चमत्कार किया है, उसी प्रकार काशी में बाबा विश्वनाथ धाम को अद्भुत नया कलेवर प्रदान करने का चमत्कार भी कर दिखाया है। हमारे देश के इतिहास में मोदी अब ‘युगपुरुष’ का रूप धारण कर चुके हैं तथा हिंदी को यह मुहावरा मिल गया है- ‘मोदी है तो मुमकिन है’। उत्तर प्रदेश में मोदी के स्वप्न को साकार करने का जबरदस्त श्रेय मुख्यमंत्री योगी को है। मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार राजेश राय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बाबा विश्वनाथ धाम के नए रूप का लोकार्पण किए जाने का कार्यक्रम जिन्होंने प्रत्यक्ष अथवा टीवी पर देखा है, वे लोकार्पण- कार्यक्रम के उन दृश्यों को जीवनभर नहीं भूल सकेंगे। उन समस्त दृश्यों का आनंद अनिवर्चनीय था।

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए ‘समाचार वार्ता’ के संपादक श्याम कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी की बदौलत पूरे विश्व में हिंदू धर्म तथा उसके हिंदुत्व तत्व की प्रतिष्ठा बहुत बढ़ी है। आज हिंदू अपने हिंदू होने पर गर्व कर रहा है। जिस प्रकार बाबा केदारनाथ धाम का उद्धार हुआ तथा काशी, विंध्याचल, मां शाकुंभरी धाम का उद्धार किया जा रहा है, उसी प्रकार देश में हिंदुओं के सभी महान तीर्थ- स्थलों का उद्धार किया जाना चाहिए प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी को तीर्थों के राजा प्रयागराज का भी उद्धार और अपेक्षित विकास करना चाहिए। पीबी वर्मा, राजीव अहूजा, डॉ• हरिराम त्रिपाठी आदि वरिष्ठ पत्रकारों तथा हरि प्रकाश ‘हरि’, कुमार अशोक, कुमार अशोक शांडिल्य, डॉ• अजय दत्त शर्मा आदि विश्लेषकों ने कहा कि मोदी ने कड़ाके की ठंड में गंगाजी में पांच डुबकियां लगाकर तथा जल में आधा शरीर डुबोए हुए लगभग आधे घंटे तक जो कठिन साधना की, वह बहुत कम लोगों के बस की बात थी। उसके बाद पूरे विधिविधान से उन्होंने बाबा विश्वनाथ धाम के नए दिव्य परिसर का लोकार्पण किया। जो लोग इसे मोदी की नौटंकी कह रहे हैं, उन्हें अपनी घटिया हिंदूविरोधी सोच पर शर्म आनी चाहिए।

पत्रकार शेखर पंडित तथा समाजसेवी सुशीला मिश्र व पासी विनोद राजपूत ने कहा कि जिन्होंने पूर्व में पतली-पतली गंदी गलियों से गुजरकर विश्वनाथ बाबा के दर्शन किए हैं, उन्हें मंदिर का नया विशाल परिसर देखकर घोर आश्चर्य होगा। लेकिन सच है – ‘मोदी है तो मुमकिन है’! वरिष्ठ नेता एवं विश्लेषक सर्वेशचन्द्र द्विवेदी, सुविख्यात अर्थशास्त्री प्रोफेसर अंबिका प्रसाद तिवारी एवं कवि अनुराग मिश्र ने कहा कि मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त नहीं किया जाना चाहिए, अन्यथा वहां स्वार्थी तत्व अपना वर्चस्व स्थापित कर मंदिरों की पुनः दुर्दशा कर डालेंगे। विश्लेषक महर्षि इंद्रप्रकाश, युवा नेता गोपाल कौशल एवं विचारक मुरलीधर सोनी ने भी कहा कि मंदिरों पर सरकार का नियंत्रण रहने से वहां दशा में निरन्तर सुधार होता रहेगा। सरकारी नियंत्रण में आने से पहले बाबा विश्वनाथ धाम की बहुत बुरी दशा थी। बाराबंकी जनपद में पांडवों के समय का महत्वपूर्ण स्थल महादेवा धाम है, जिस पर वर्चस्व के लिए स्वार्थी तत्वों की लड़ाई चलने के कारण उसका विकास नहीं हो पा रहा है। सरकार को महादेवा धाम का अधिग्रहण कर उसे अतिभव्य रूप में विकसित करना चाहिए।