अब वन रैंक वन पेंशन

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वन रैंक वन पेंशन के रिवीजन को सीएम योगी ने बताया अभिनंदनीय, पीएम मोदी के प्रति जताया आभार। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वन रैंक वन पेंशन में रिवीजन को दे दी है मंजूरी।

केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से ‘वन रैंक, वन पेंशन’ के तहत रक्षा बलों के कर्मचारियों और पारिवारिक पेंशनरों की पेंशन में रिवीजन को मंजूरी मिल गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे अभिनंदनीय बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले से 25 लाख से अधिक पूर्व सैनिकों व उनके परिवारों को लाभ मिलेगा। बता दें कि मोदी कैबिनेट ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए वन रैंक वन पेंशन योजना को रिवाइज कर दिया है। पहले इस योजना में 20.60 लाख पेंशनरों को लाभ मिलता था, लेकिन अब रिवीजन के बाद 25 लाख लोगों को फायदा होगा, जिसमें ओआरओपी का लाभ परिवार पेंशनधारकों के साथ युद्ध में शहीद होने वाले जवानों की विधवाओं एवं दिव्यांग पेंशनधारकों को भी मिलेगा।

अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया कि इसका लाभ परिवार पेंशनधारकों के साथ युद्ध में शहीद होने वाले जवानों की विधवाओं और दिव्यांग पेंशनधारकों को भी मिलेगा. उन्होंने बताया कि इसके कारण सरकारी कोष पर प्रति वर्ष 8450 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। ठाकुर ने कहा कि इसे एक जुलाई, 2019 से लागू किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसके तहत जुलाई 2019 से जून 2022 तक की अवधि का एरियर या बकाया भी दिया जायेगा, जिससे कुल 23,638.07 करोड़ रुपये की राशि बनती है। उन्होंने कहा इसका लाभ सभी रक्षा बलों से सेवानिवृत होने वाले और परिवार पेंशनधारकों को मिलेगा।

क्या है वन रैंक-वन पेंशन योजना….?

वन रैंक-वन पेंशन (ORAP) का सामान्य अर्थ सशस्त्र बलों के कर्मियों को समान रैंक और समान अवधि की सेवा के लिए समान पेंशन का भुगतान है, इसमें सेवानिवृत्ति की तिथि का कोई मतलब नहीं होता। इसका मतलब यह है कि अगर किसी अधिकारी ने 1985 से 2000 तक 15 साल तक सशस्त्र बलों में सेवा दी और एक अन्य 1995 से 2010 तक सेवा में रहे, तो दोनों अधिकारयों को समान ही पेंशन मिलेगी।