गुजिया एवं थ्रिप्स कीट एवं खर्रा रोग के प्रकोप की दशा में नियंत्रण हेतु कीटनाशक दवा

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लखनऊ। मुख्य उद्यान विशेषज्ञ मलिहाबाद लखनऊ ने सूचित किया कि 1-आम-आम में भुनगा, मिज, गुजिया एवं थ्रिप्स कीट एवं खर्रा रोग के प्रकोप की दशा में नियंत्रण हेतु कीटनाशक दवा कार्बरिल 50 डब्लूपी, 0.2 प्रतिशत 4 ग्राम प्रति ली0 पानी या क्वीनालफास 25 ईसी0, 0.05 प्रतिशत, 2मिली0 या प्रोपेनेफास 2 मिली0 ली0 पानी यदि खर्रा रोग हो तो साथ में कैलेक्सीन या हेक्साकोनोजोल 1 मिली0 प्रति पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें।
2-गुम्मा से ग्रसित मंजरियों की कटाई कर  गड्ढों में दबा कर नष्ट करें।
3- फलों को गिरने से रोकने हेतु नेप्थलहन एसिटिक अम्ल (एन0ए0ए0) 20 पी0पी0एम0 (प्लेनोफिक्स 90 मिली0 प्रति 200 ली0 पानी) की दर ये छिड़काव करें तथा बागों की सिंचाई करें।
4- आम फलों पर फलभेदक (आटोचैरिस) कीट के नियंत्रण हेतु फल विकास की प्रारम्भिक अवस्था में लैम्डा साहलोथ्रिन 1 मिली0 अथवा क्वानीलफास 1.5 मिली0 प्रति ली0 पानी की दर से छिड़काव करें। दूसरा छिड़काव प्रथम छिड़काव के 15 दिन बाद किया जाये।
5-आम फल मक्खी की रोकथाम हेतु 8-10 फेरोमेनट्ेप (मिथाइल यूजीनाल ल्यूर) प्रति हे0 की दर से  बागों में टांगे।


केलाः-50-60 ग्राम यूरिया तथा 200 से 250 ग्राम म्यूरेट आफ पोटश प्रति पेड़ की दर से गुड़ाई के बाद मिट्टी में मिला दें। 10-12 दिन के अन्तराल पर सिंचाई करें तथा पुतियों की कटाई करे।
अमरुदः- थालों की गुड़ाई। फल नियंत्रण हेतु यूरिया का छिड़काव। अनावश्यक सूखी टहनियों की काट-छाॅट।
पपीताः- पपीते में आवश्यकनुसार सिंचाई करें। फलों की तुड़ाई एवं विपणन।
लीचीः- बाग की 15 दिन के अन्तराल पर सिंचाई करें। थालों की सफाई। फ्रूट बोरर की रोकथाम हेतु डाईक्लोरोवास 0.05 प्रतिशत (आधा मिली0 प्रति ली0 पानी) या डाइमेथोऐट 2 मिली0/ली0 पानी के साथ किसी एक दवा का फल बननें के पश्चात एक माह के अन्तर पर पर्णीय छिड़काव करे।
टमाटरः- टमाटर की फसल में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।
बैंगनः- बैंगन की फसल में रोगिंग आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई एवं सिंचाई। तैयार फल तोड़ना। लहसुन तथा प्याज में आवश्यकतानुसार सिंचाई निराई, गुड़ाई। लहसुन प्याज की फसल पक रही हांे तो 20 दिन पहले पानी बन्द कर दें। नेक फाल के बाद लहसुन प्याज की खुदाई कर शुन्क कन्दों को छाये में सुखा करें।
मिर्चः- मिर्च की निराई-गुड़ाई व सिंचाई। तैयार फल तोड़ना।
गुलाबः- में आवश्यकतानुसार क्यारियों की गुड़ाई, सिंचाई तथा गेकार फुनगियों की तुड़ाई। दमिष्क गुलाब में फुलों की तुड़ाई एवं प्रोसेसिंग हेतु शीघ्र निपटान।
ग्लैडियोलस के स्पाइक काटनें के 40 दिन बाद घनकन्दों की खुदाई, छाये में सुखाना, सफाई ग्रेडिंग के बाद 5 प्रतिशत एलसान धूल तथा 0.2 प्रतिशत मैंकोजेब पाउडर से शुष्क उपचारित कर उसी दिन शीतगृह में भण्डारण करें, इसमें देर न करें, अन्यथा कन्द सड़ जायेंगे। रजनीगंधा में एक सप्ताह के अन्तर पर सिंचाई तथा निराई-गुड़ाई।