इन्टीग्रेटेड टाउनशिप नीति-2014 के प्रस्तर-14.8 में संशोधन का प्रस्ताव अनुमोदित

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…..योगी मंत्रिपरिषद के निर्णय …..

इन्टीग्रेटेड टाउनशिप नीति-2014 (लाइसेन्स आधारित प्रणाली )के प्रस्तर-14.8 में संशोधन का प्रस्ताव अनुमोदित। 


मंत्रिपरिषद ने इन्टीग्रेटेड टाउनशिप नीति-2014 (लाइसेन्स आधारित प्रणाली) के प्रस्तर-14.8 में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में निजी पूंजी निवेश के माध्यम से आवासीय योजनाओं के लिये उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद तथा समस्त विकास प्राधिकरणों हेतु इन्टीग्रेटेड टाउनशिप नीति-2014 (लाइसेन्स आधारित प्रणाली) निर्गत की गयी है। इस नीति के अन्तर्गत इन्टीग्रेटेड टाउनशिप का न्यूनतम क्षेत्रफल 25 एकड़ एवं विस्तार सहित अधिकतम क्षेत्रफल 500 एकड़ होना चाहिए।

इन्टीग्रेटेड टाउनशिप नीति के अनुसार परियोजना की स्वीकृत डी0पी0आर0 के अन्तर्गत चरणबद्ध रूप से ले-आउट प्लान की स्वीकृति और सम्बन्धित अभिकरण के साथ विकास अनुबन्ध की कार्यवाही की जाएगी।इन्टीग्रेटेड टाउनशिप नीति के प्रस्तर 14.8 के अनुसार विकासकर्ता द्वारा परियोजना की डी0पी0आर0 स्वीकृति के समय नगरीय विकास शुल्क देय होगा। नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 एवं नगरीय विकास प्रभार नियमावली, 2014 में भी विकास परमिट प्राप्त किए जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किए जाने पर ही नगरीय विकास प्रभार उद्ग्रहीत किए जाने का प्राविधान है।


उ0प्र0 नगर नियोजन और विकास अधिनियम, 1973 एवं नगरीय विकास प्रभार नियमावली, 2014 इन्टीग्रेटेड टाउनशिप नीति, 2014 पर अध्यारोही प्रभाव रखते हैं। अतः किसी इन्टीग्रेटेड टाउनशिप के प्रकरण में नगरीय विकास प्रभार की वसूली डी0पी0आर0 के स्थान पर ले-आउट प्लान के आधार पर किये जाने हेतु इन्टीग्रेटेड टाउनशिप नीति-2014 के प्रस्तर-14.8 में नगर योजना और विकास अधिनियम-1973 एवं नगरीय विकास प्रभार नियमावली, 2014 के प्राविधानों के अनुरूप संशोधन का प्रस्ताव है।इस संशोधन से रियल स्टेट क्षेत्र में विकासकर्ताओं को सहूलियत प्राप्त होगी। लम्बित इन्टीग्रेटेड टाउनशिप परियोजनाएं शीघ्रता से पूर्ण हो सकेंगी। रियल स्टेट क्षेत्र में निवेश हेतु विकासकर्ताओं को प्रोत्साहन प्राप्त होगा तथा नियोजित विकास एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।