प्रदेश की जेलों में धूमधाम से मना रक्षाबंधन

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जेल प्रशासन ने आगंतुक महिलाओं के लिए किए व्यापक इंतजाम।प्रदेश की जेलों में धूमधाम से मना रक्षाबंधन।राजधानी की जिला जेल में महिलाओं को धूप में करना पड़ा घंटो इंतजार।

राकेश यादव

लखनऊ। प्रदेश की जेलों में शुक्रवार को रक्षाबंधन का पर्व धूमधाम से मनाया गया। महिलाओं ने जेल पहुचकर अपने बन्दी भाइयों की कलाइयों पर रक्षासूत्र बांधा। जेल प्रशासन के अधिकारियों ने आगंतुक महिलाओं को किसी प्रकार की दिक्कतें नहीं होने पाए इसके लिए व्यापक इंतजाम किए थे। राजधानी की जिला जेल में कुछ अव्यवस्थाये भी देखने को मिली। इस जेल में महिलाओं को राखी बांधने के लिए घंटो कड़ी धूप में खड़ा रहना पड़ा।

प्रदेश की राजधानी लखनऊ, बाराबंकी, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, अलीगढ़, रायबरेली, सीतापुर, हरदोई समेत अन्य जेलों में रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया है। सुबह 7 बजे से ही कारागार के मुख्य द्वार पर बाहर से आने वाली महिलाओं की भीड़ लगना शुरू हो गई। व्यवस्था को संभालने के लिए तथा किसी भी बहन को मिलने में कोई असुविधा न हो, इसकी कारागार के सभी स्टाफ को प्रशिक्षित कर तदनुसार कार्य करने के निर्देश दिए गए थे। मुख्य द्वार के बाहर रोड पर किसी तरह की अव्यवस्था अथवा जाम न लग जाए। इसके व्यापक इंतजाम किए गए थे।

महिला मुलाकातियो को संभालने तथा उन्हें कोई समस्या न हो, इसके लिए कारागार के पुरुष व महिला सुरक्षा कर्मी तथा पुलिस व होमगार्ड के महिला व पुरूष कर्मियों को तैनात किया गया। सभी महिला-पुरुष व बच्चों के लिए गर्मी से राहत देने व प्यास बुझाने के लिए कई जेलों में शीतल पेय व शर्बत की व्यवस्था की गई। शाहजहांपुर जेल में दोपहर 2 बजे तक 1250 महिलाऐं व उनके साथ छोटे छोटे 600 बच्चे कारागार में निरुद्ध अपने भाइयों से मिलकर उन्हें रक्षा सूत्र बांधकर व मुंह मीठा कर उनकी दीर्घायु की कामना की तथा भाई ने भावविभोर होकर बहन की रक्षा करने का प्रण किया। प्रतिदिन की जाली की मुलाकात से अलग हटकर आज सभी बहनों को खुली मुलाकात की अनुमति दी गई ताकि सभी बहनें शुकुन के साथ भाई के पास बैठकर राखी बांधकर मुंह मीठा कर सकें व बात कर सकें।


महिला मुलाकात खत्म होने के बाद बाहर से आए भाइयों को भी जेल में बंद उनकी बहनों से मिलने की अनुमति दी जायेगी।जिन बहनों के भाई नहीं हैं अथवा आ न सके होंगे उनसे जेल अधीक्षक व अन्य अधिकारी अपनी कलाई पर राखी बंधवायेगे ।तथा जिन बंदियों की बहनें नहीं हैं अथवा नहीं आयेंगी ,उन बंदियों को बह्म कुमारी बहनें राखी बांधकर त्योहार मनायेंगी। मुलाकात के बाद सायंकाल सभी महिला बंदियों व बच्चों को जेल प्रशासन की तरफ से फल भेंट किए जायेंगे।सभी बंदियों के लिए त्योहार को देखते हुए विशेष भोजन- पूडी, हलवा व विशेष सब्जी तैयार की गई है। बाराबंकी, मुरादाबाद, अलीगढ़, सीतापुर जेल में बंदियों को राखी बांधने आई बहनों का स्वागत कारागार द्वारा जलपान की व्यवस्था एवम उनके बैठने की उचित व्यवस्था द्वारा किया गया।


स्वतंत्रता की 75 वी वर्षगाठ के अवसर पर कारागार के बंदियों के जेल में उनके बनाए गए तिरंगा झंडा अपनी बहनों को राखी की रिटर्न गिफ्ट के तौर पर एक एक तिरंगा दिया गया। बताया गया है कि राजधानी की जिला जेल में राखी बांधने आई महिलाओं को घंटो धूप में खड़ा रहना पड़ा। कई महिलाएं व बच्चे पीने के पानी के लिए इधर उधर भटकते देखा गया। उधर जेलमंत्री धर्मवीर प्रजापति का दावा है कि जेलों में रक्षाबंधन का पर्व धूमधाम से मना।