भू-सम्पदा अपीलीय अधिकरण को ई-गवर्नेंस पुरस्कार हेतु चयनित

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भू-सम्पदा अपीलीय अधिकरण को ई-गवर्नेंस पुरस्कार हेतु चयनित
भू-सम्पदा अपीलीय अधिकरण को ई-गवर्नेंस पुरस्कार हेतु चयनित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा अपीलीय अधिकरण के “ऑनलाइन जस्टिस डिलीवरी सिस्टम” को स्मार्ट गवर्नेंस की नवीन प्रोद्यौगिकी के लिए कम्प्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा ई-गवर्नेंस इनिशिएटिव-2022 पुरस्कार हेतु चयनित किया गया है। अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (डा.) डी. के. अरोड़ा ने दाखिल वाद को ई-मेल के माध्यम से आदान-प्रदान किये जाने तथा उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा अपीलीय अधिकरण एवं उससे संबंधित स्टेक होल्डर को सशक्त बनाने एवं अधिक विकसित किये जाने की परियोजना का आरम्भ किया है, जिससे कि आई सी टी सक्षम प्रणाली के साथ पेपरलेस न्याय वितरण समय पर किया जाये, जो कि केवल डिजिटलीकरण प्रक्रिया तक सीमित न रहकर पूर्ण रूप से पेपरलेस कोर्ट चलाने एवं कोर्ट केस के निस्तारण में लगने वाले सौ दिन से अधिक समय को अधिनियम में निर्धारित 60 दिनों में समय के अनुसार किया जा सके।पारंपरिक न्याय प्रणाली की मुख्य चुनौती विशेष रुप से नोटिस की तामील, मैनुअल सबमिशन, दाखिल वादों आदि के दस्तावेजों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया में लगने वाले समय को इस डिजिटल पहल के द्वारा 24 घंटे विभिन्न ई-सेवाओं और लोवर कोर्ट के साथ एकीकरण की सुविधा प्रदान की गयी है, जिससे समस्त हितधारकों के लिए नोटिस देने व वाद से संबंधित दस्तावेजों के आदन-प्रदान में लगने वाला समय अत्यधिक हो जाता है।

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एन.आई.सी. दिल्ली द्वारा उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा अपीलीय अधिकरण के “ऑनलाइन जस्टिस डिलीवरी सिस्टम” के माध्यम से ग्रीन गवर्नेंस के अनुपालन के लिए अग्रसर पेपर लेस न्याय प्रणाली विकसित की है। जिसके परिणाम स्वरुप लगभग 100 करोड रुपये की वार्षिक बचत होने की सम्भावना व्यक्त की गयी है।“ऑनलाइन जस्टिस डिलीवरी सिस्टम” में ऑनलाइन पंजीकरण, ई-फाइलिंग, धारा 43(5) के अन्तर्गत डिजिटल भुगतान, ई-री-फाइलिंग, यू.पी.रेरा एकीकरण, डिजिटल प्रमाणित प्रति, वादों में होने वाली प्रगति को देखने की सुविधा (केस स्टेटस ट्रैकर), पुराने वादों का डिजिटलीकरण, वाद पंजीकरण एवं स्वतः आवंटन, ऑनलाईन वाद सूची बनाना व प्रकाशित करना, डिजिटल नोटिस/सम्मन निर्गत करना, ई-हस्ताक्षर और आदेश निर्गत करना, ई-सुनवाई, डिजिटल संचार आदि सुविधाए निहित है।

इसके अतिरिक्त अधिकरण द्वारा माननीय उच्च न्यायालय/न्यायालयों/ न्यायाधिकरणों/सरकारी विभागों के साथ एकीकृत करने का प्रयास किया जा रहा है जिससे वादी की जानकारी और वाद से सम्बन्धित अन्य प्रासंगिक सूचना का सत्यापन हो सके। ऑनलाइन जस्टिस डिलीवरी सिस्टम का विकास एन.आई.सी. दिल्ली द्वारा अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (डा.) डी.के.अरोड़ा व सदस्य तकनीकी कमलकान्त जैन के मार्गदर्शन में किया गया है।‘‘ऑनलाइन जस्टिस डिलीवरी सिस्टम” की टीम के सदस्यों में सदस्य तकनीकी कमलकान्त जैन, एन.आई.सी. महानिदेशक मनोज के. आर. मिश्रा व मनोज तुली, तहरीम खान, रजिस्ट्रार, उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा अपीलीय अधिकरण श्रीकृष्ण कुमार यादव, प्रभारी ई-कोर्ट, उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा अपीलीय अधिकरण, पंकज अग्रवाल, सलाहकार (एन.आई.सी.) आदि हैं। भू-सम्पदा अपीलीय अधिकरण को ई-गवर्नेंस पुरस्कार हेतु चयनित