भारत में स्टार्टअप्स की सफलता

113

भारत में स्टार्टअप्स की सफलता

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”इस समाचार को सुने”]

राजू यादव

‘स्टार्टअप’ यानि कि किसी चीज की नयी शुरुआत करना। जब कोई कंपनी साझेदारी या अस्थाई संगठन के रूप में शुरू करते हैं तो उस नए व्यापार को स्टार्टअप कहते हैं। यही स्टार्टअप आगे चलकर यूनिकॉर्न बन जाते हैं। यूनिकॉर्न का मतलब एक ऐसे स्टार्टअप से है जिसका बाजार मूल्य कम से कम 1 मिलियन डॉलर हो। आज भारत में वैश्विक लिहाज से स्टार्टअप की तीसरी सबसे बड़ी संख्या है। भारतीय स्टार्टअप जबरदस्त विचारों के साथ दखल दे रहे हैं और भविष्य को आकार देने में अपना वक्त और ऊर्जा लगा रहे हैं। हमारा मानना है कि स्टार्टअप अगले 20 वर्षों में भारत की जीडीपी ग्रोथ को आगे बढ़ाएंगे।

‘स्टार्टअप इंडिया’ की शुरुआत 16 जनवरी 2016 को हुई थी। भारत में स्टार्टअप्स की सफलता की सराहना करने के लिए राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस मनाया जाता है। देश में स्टार्टअप की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी 2016 को की थी। इस दिन देश में स्टार्टअप को मजबूती देने के लिए एक्शन प्लान की शुरुआत की गई थी। इसमें प्लान के तहत देश में इनोवेशन और स्टार्टअप इकोसिस्टम को सुदृढ़ बनाया जाना है। यह दिन भारत के युवाओं के नवाचारों और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान पर चर्चा करने के लिए स्टार्टअप उद्यमियों को एक मंच प्रदान करने के लिए भी याद किया जाता है। यह स्टार्टअप पहलों के महत्व को बढ़ावा देने और उन्हें मुख्यधारा के हिस्से के रूप में बनाए रखने के लिए भी जाना जाता है। युवाओं को शुरुआती करियर विकल्प के रूप में उद्यमिता अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना भी इस पहल के पीछे का एजेंडा है। आज का समय स्टार्टअप का समय है। आज के समय में हमारे देश का युवा भी स्टार्टअप की ओर बढ़ रहा है जो समय की जरुरत है

भारत में पिछले कुछ सालों में स्टार्टअप्स को काफी समर्थन मिला है। यही कारण है कि देश में अब 100 से अधिक स्टार्टअप यूनिकॉर्न्स बन चुके हैं। नवप्रवर्तन पर आधारित किसी व्यवसाय का विचार आने से लेकर उसे वास्तविक रूप से स्थापित करने तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया को स्टार्टअप कहा जाता है। स्टार्टअप कम्पनी का उद्देश्य नवप्रवर्तन करते हुए लोगों की समस्याओं का समाधान करना होता है। कम्पनियों का उद्देश्य ही नए विचारों के साथ बाजार में आना होता है। एक यूनिक सोच का मतलब एक ऐसे सोच से नहीं है कि आप बाजार की स्थिति और प्रतिस्पर्धा के बारे में बिना अध्ययन किए कम्पनी की शुरूआत कर देते हैं। एक स्टार्टअप कम्पनी शुरू करने से पहले आप को पूरी योजना और इसकी क्षमता का आंकलन करना होता है। भारत में इन दिनों स्टार्टअप कम्पनियों की सफलता की कहानियां सामने आ रही हैं। कहते हैं जब एक रास्ता बंद होता है तो दूसरा अपने आप सामने आ जाता है। इसका मतलब जब आप हिम्मत नहीं हारते तो मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियां भी आप को नहीं झुका सकतीं हैं। यह पंक्तियां उन युवाओं,महिलाओं और अन्य प्रतिभा सम्पन्न लोगों पर स्टीक बैठती हैं जिन्होंने विषम परिस्थिति में नौकरियां खोने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी। जिसकी कई कहानियां हमारे सामने हैं कि कुछ युवतियों ने ​मिलकर हस्तशिल्प के उत्पादों को लेकर हस्तशिल्प शुरू किया तो किसी ने खानपान का ​बिजनेस शुरू किया आज वे लाखों का कारबार कर रही हैं।

READ MORE -वसुधैव कुटुम्बकम से आगे बढ़ेगी डिजिटल इकॉनमी

भारत में स्टार्टअप्स की सफलता

“भारतीय स्टार्टअप 2021 में 3.10 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने में कामयाब रहा। 2016 तक भारत में 504 स्टार्टअप थे जो बढ़कर वर्ष 2022 में 87000 से ज्यादा स्टार्टअप हैं। सोचिए 504 से ये संख्या अब 87000 हजार हो चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया का हर 13वां यूनिकॉर्न भारत में पैदा हुआ है। अमेरिका में 487 स्टार्टअप कंपनियां यूनिकॉर्न बनी हैं। चीन में 301 स्टार्टअप कंपनियां यूनिकॉर्न हैं। भारत में स्टार्टअप में 100 अब यूनिकॉर्न बन चुके हैं। ब्रिटेन इस मामले में भारत से काफी पीछे है। ब्रिटेन में केवल 9 कंपनियां ही स्टार्टअप बन पाई हैं। बेंगलूरु में सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न हैं।”

भारत में यूनिकॉर्न का स्टेटस

भारतीय स्‍टार्टअप परिवेश यूनिकॉर्न की संख्‍या के लिहाज से दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है। 5 मई 2022 तक 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं, जिनका कुल मूल्‍यांकन 332.7 अरब डॉलर से है। वर्ष 2021 के दौरान यूनिकॉर्न की संख्या में भारी उछाल दर्ज किया गया था। इस दौरान कुल 44 स्टार्टअप यूनिकॉर्न 93 अरब डॉलर के कुल मूल्यांकन के साथ यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुए। वर्ष 2022 के पहले चार महीनों के दौरान भारत में 18.9 अरब डॉलर के कुल मूल्यांकन के साथ 14 यूनिकॉर्न तैयार हुए हैं। अमेरिका में 487 स्टार्टअप कंपनियां यूनिकॉर्न बनी हैं। चीन में 301 स्टार्टअप कंपनियां यूनिकॉर्न हैं। भारत में स्टार्टअप में 100 अब यूनिकॉर्न बन चुके हैं। ब्रिटेन इस मामले में भारत से काफी पीछे है। ब्रिटेन में केवल 9 कंपनियां ही स्टार्टअप बन पाई हैं। बेंगलूरु में सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि स्टार्टअप की दुनिया में भारत नंबर एक की पोजिशन पर पहुंचेगा। सच माने तो स्टार्टअप के बढ़ते आंकडों को देखकर पीएम मोदी का ये सपना सच होता दिख रहा है। वर्ष 2021 में 4 कंपनियां 10 अरब डॉलर से भी ज्यादा मूल्यांकन के साथ स्टार्टअप बनने में सफल हुई हैं जिनमें- फ्लिपकार्ट, पेटीएम, बायजू और ओयो रुम्स शामिल हैं।

माना जा रहा हा कि जिस तेजी के साथ देश में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ है इससे ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि चार वर्षके भीतर तकरीबन 150 स्टार्टअप यूनिकॉर्न हो सकती है और जितनी ज्यादा यूनिकॉर्नस कंपनियां होगी उतना ही निवेश भारत में आएगा और लोगों को रोजगार मिलेगा। वर्ष 2022 में मात्र 45 दिनों में 8 यूनिकॉर्नस कंपनियों का आना एक बहुत बड़ी कामयाबी का रुप है जो कई देशों के लिए सपने के जैसा है, यही कारण है कि यूनिकॉर्नस कंपनी के अंदर भारत की ये बड़ी कामयाबी आने वाले समय में भारत में विकास की रफ्तार को और भी तेजी से बढ़ाने वाला है।

हमारे देश की चार कम्पनियां एक अरब डालर से ज्यादा के क्लब में शामिल हो चुकी हैं। देश के स्टार्टअप हब की बात करें तो भारत की सिलीकॉन वैली बेंगलुरू शहर में सबसे ज्यादा 18 यूनीकार्न निकले। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली 14 यूनीकार्न के साथ दूसरे और भारत की वित्तीय राजधानी मुम्बई 8 यूनीकार्न के साथ तीसरे नम्बर पर रही। भारतीय स्टार्टअप क्षेत्र निवेशकों को अब ज्यादा आकर्षित करने लगा है। भारत देश में न तो प्रतिभाओं की कमी है और न ही नए विचारों की। अधिकतर सफल स्टार्टअप के संस्थापकों के पास उनके कार्य क्षेत्र का अच्छा खासा अनुभव है। पिछले वर्ष हर तेरहवां यूनीकार्न भारतीय था। यानी 8 दिन पर हमारे देश में एक स्टार्टअप यूनीकार्न बना। 10 वर्ष पहले एक अरब डालर का निवेश बहुत बड़ी बात होती थी जबकि आज के दौर में इतना निवेश ​ सामान्य हो चुका है। इस समय देश में सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारी की है। कोरोना की मार से प्रभावित अर्थव्यवस्था सम्भलने में अभी समय लगेगा। बेहतर यही होगा कि युवा नए विचारों के साथ आगे आएं।

सरकार ​डिजिटल इंडिया की पहल स्टार्टअप शुुरू करने वालों को कम ब्याज पर ऋण और अभिनव सोच वालों को आगे आने के लिए प्रोत्साहित कर रही है लेकिन युवाओं को जागरूक करने का काम भी बहुत जरूरी है। भारत में लगभग 100 से ज्यादा स्टार्टअप यूनीकार्न बनने को और अग्रसर हैं। इससे नए उद्यम तो स्थापित होंगे ही साथ ही राेजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इससे अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी। भारत में उद्यमशीलता इकोसिस्टम से संबंधित एक विशेष विषय वस्तु को समर्पित रहे। इसी के साथ भारत सरकार उन सभी स्टार्टअप प्रेमियों से मार्ग नामक प्लेटफॉर्म में प्रवेश करने की अपील कर रही है जो उद्यमशीलता तथा उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने के राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूरा करते हैं। यह देश में आगामी व्यवसायों को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने पर ध्यान देने के साथ अपनाया गया है।

[/Responsivevoice]

भारत में स्टार्टअप्स की सफलता