वीआरएस मांगने वाले अफसरों की विजिलेंस रिपोर्ट तलब

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लखनऊ- वीआरएस मांगने वाले 3 आईएएस अफसरों की विजिलेंस रिपोर्ट तलब.रेणुका कुमार, जूथिका पाटणकर और विकास गोठलवाल में व्यक्तिगत कारणों से किया है आवेदन.5 साल में इनकी तैनाती वाले विभागों से भी मांगी जाएगी एनओसी.नियुक्ति एवं कार्मिक विभागो में मांगी एनओसी.1982 बैच के आईएएस अधिकारी रेणुका कुमार अगले साल जून में है रिटायरमेंट.

वीआरएस का मतलब Voluntary Retirement Scheme से है. इस योजना के तहत कर्मचारी रिटायरमेंट की तारीख से पहले ही रिटायर हो सकता है. ये योजना प्राइवेट और पब्लिक दोनों सेक्टर की कंपनियों में लागू होता है. कुछ कंपनियां इस योजना को कर्मचारियों की संख्या कम करने के लिए भी लागू करती है.

केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस भेजे जाने पर अभी तक उन्होंने नहीं किया ज्वाइन.कौशल विकास एवं उद्धम मंत्रालय में अपर सचिव जूथिका पाटणकर का रिटायरमेंट जनवरी 2024 में है.विकास गोठलवाल की सेवा फरवरी 2038 तक की है.गोठलवाल 13 सितंबर 2021 से स्टडी लीव पर चल रहे हैं.

उत्तर प्रदेश कैडर के तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों द्वारा एक सप्ताह के भीतर सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मांग के बाद नौकरशाही अटकलों से घिर गई है. यह शायद पहली बार है कि कुछ दिनों के भीतर एक के बाद एक तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने वीआरएस की मांग की है. ये तीन अधिकारी हैं- रेणुका कुमार (1987 बैच) , जुथिका पाटनकर (1988) और विकास गोथलवाल (2003).