धनतेरस पर घर लाने से बढ़ती है शुभता,नहीं होती धन की कमी

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धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं, इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। धनतेरस के सन्दर्भ में एक लोक कथा प्रचलित है कि एक बार यमराज ने यमदूतों से पूछा कि प्राणियों को मृत्यु की गोद में सुलाते समय तुम्हारे मन में कभी दया का भाव नहीं आता क्या। दूतों ने यमदेवता के भय से पहले तो कहा कि वह अपना कर्तव्य निभाते है और उनकी आज्ञा का पालन करते हें परन्तु जब यमदेवता ने दूतों के मन का भय दूर कर दिया तो उन्होंने कहा कि एक बार राजा हेमा के ब्रह्मचारी पुत्र का प्राण लेते समय उसकी नवविवाहिता पत्नी का विलाप सुनकर हमारा हृदय भी पसीज गया लेकिन विधि के विधान के अनुसार हम चाह कर भी कुछ न कर सके।

एक दूत ने बातों ही बातों में तब यमराज से प्रश्न किया कि अकाल मृत्यु से बचने का कोई उपाय है क्या। इस प्रश्न का उत्तर देते हुए यम देवता ने कहा कि जो प्राणी धनतेरस की शाम यम के नाम पर दक्षिण दिशा में दीया जलाकर रखता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। इस मान्यता के अनुसार धनतेरस की शाम लोग आँगन में यम देवता के नाम पर दीप जलाकर रखते हैं। इस दिन लोग यम देवता के नाम पर व्रत भी रखते हैं।

धनतेरस के दिन दीप जलाकर भगवान धन्वन्तरि की पूजा करें। भगवान धन्वन्तरि से स्वास्थ और सेहतमंद बनाये रखने हेतु प्रार्थना करें। चांदी का कोई बर्तन या लक्ष्मी गणेश अंकित चांदी का सिक्का खरीदें। नया बर्तन खरीदें जिसमें दीपावली की रात भगवान श्री गणेश व देवी लक्ष्मी के लिए भोग चढ़ाएं। कहा जाता है कि समुद्र मन्थन के दौरान भगवान धन्वन्तरि और मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था, यही वजह है कि धनतेरस को भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है । धनतेरस दिवाली के दो दिन पहले मनाया जाता है।

कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस बार धनतेरस की तिथि 12 नवंबर रात 9 बजकर 30 मिनट से आरंभ होगी जो 13 नबंवर को शाम 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। 12 नबंवर को त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल में आरंभ होगी इसलिए धनतेरस 13 नवंबर को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन घर में मां लक्ष्मी का पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के समय इस दिन भगवान धनवंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। माना जाता है कि यह कलश पीतल की धातु का था। इसलिए इस दिन पीतल के बर्तन खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। इसके अलावा भी लोग कई नई चीजों की खरीददारी करते हैं। तो चलिए जानते हैं कि किन चीजो को धनतेरस के दिन अवश्य खरीदना चाहिए। जिससे घर में समृद्धि आती है।

धनतेरस के दिन घर में गोमती चक्र खरीदकर लाएं। गोमती चक्र मां लक्ष्मी को प्रिय है। धनतेरस की शाम को उसे मां लक्ष्मी की पूजा में रखें। अगले दिन इसे अपने धन रखने के स्थान पर रख दें।

वैसे तो हर कोई बहुत सारी चीजें इस दिन खरीदता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन धनिया खरीद कर लाना बहुत शुभ होता है। धनतेरस वाले दिन धनिया लाकर मां लक्ष्मी को पूजा के समय अर्पित करें। मान्यता है कि इससे घर में धन की वृद्धि होती है। अर्पित किए गए धनिया को गमले या भूमि में बो देना चाहिए। इससे वर्ष भर आपके घर में धन की कमी नहीं रहेगी। …

धनतेरस पर झाड़ू खरीदकर लाना बहुत शुभ होती है क्योंकि झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। इस दिन झाड़ू लाकर उससे दिवाली के अगले दिन घर की सफाई करें। इससे घर की सारी नकारात्मकता बाहर निकल जाती है।

मां लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमांए धनतेरस के दिन ही घर में ले आनी चाहिए। लेकिन प्रतिमाएं खरीदते समय ध्यान रखें कि मां लक्ष्मी खड़ी हुई मुद्रा में न हो। लक्ष्मी जी की मूर्ति कमल पर विराजमान मुस्कुराती हुई हो। लक्ष्मी जी के हाथ से जो सिक्के गिर रहे हो वे किसी पात्र में गिरते हुए दिखाए गए हो। गणेश जी की मूर्ति में ध्यान रखें की उनकी सूंड़ बांयी तरफ होनी चाहिए।

धनतेरस के दिन से ही दिवाली के त्योहार का आरंभ माना जाता है इसलिए धनतेरस पर भी बहुत सारे पारंपारिक मिट्टी के दिए लाकर अपने घर को रोशन करें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

एक पौराणिक कथा है कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र मंथन से धन्वंतरि प्रकट हुए थे तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वंतरि कलश लेकर प्रकट हुए थे। कहते हैं कि तभी से धनतेरस मनाया जाने लगा। धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की भी परंपरा है।