बुंदेलखंड,किसानों की कब्रगाह में तब्दील-अजय कुमार लल्लू

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बुंदेलखंड के दौरे पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, आत्महत्या किये किसानों के परिजनों से की मुलाकात, पूरे बुंदेलखंड को भाजपा सरकार ने किसानों की कब्रगाह में तब्दील कर दिया है।

पूरा बुंदेलखंड पलायन और पानी की मार से टूट चुका है: प्रदीप जैन आदित्य

किसान विरोधी नीतियों और कर्ज की मार खाकर किसान आत्महत्या को मजबूर हैः शिवनारायण परिहार

  • डा0 उमा शंकर पाण्डेय

झांसी/लखनऊ, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू बुंदेलखंड के दौरे पर हैं, पार्टी द्वारा चलाए जा रहे संगठन सृजन अभियान की बैठकों में शामिल हुए, साथ ही साथ बुंदेलखंड के झांसी जिले पहुंचे अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आर्थिक तंगी की वजह से आत्महत्या  कर रहे किसानों और मजदूरों के परिजनों से मिले।

प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि पूरे बुंदेलखंड को सरकार ने किसानों की कब्रगाह में तब्दील कर दिया है। सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते किसान आत्महत्या को मजबूर है। गरीब विरोधी नीतियों के कारण मजदूर आत्महत्या करने को विवश हैं। युवा विरोधी नीतियों के चलते बेरोजगारी की मार खाए नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं। झांसी दौरे पर पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष ने जारी बयान में कहा कि बुंदेलखंड में बेमौसम बारिश से मूंग, उड़द, मूंगफली की फसलें बर्बाद हो गई। किसानों को एक पाई की भी मुआवजा राशि मयस्सर नहीं हुई।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पीड़ित किसानों ने उन्हें बताया कि प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत किसानों को एक पैसा की बीमा राशि का भुगतान नहीं हुआ है। गलत नीतियों के कारण अन्ना जानवरों का प्रकोप बहुत तेजी से फैला है। किसान दिन-रात, दोपहरी, चैकीदारी करने को मजबूर है। अजय कुमार लल्लू ने बताया कि कई पीड़ित किसानों ने उन्हें बताया कि बुंदेलखंड में निजी नलकूप लगाने पर सरकार द्वारा 63 हजार रुपए अनुदान देने का प्रावधान था। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी एक भी किसान को फूटी कौड़ी नहीं मिली है।

उन्होंने दर्जनों गांवों का भ्रमण किया, अजय कुमार लल्लू ने पहला उदाहरण देते हुए कहा कि बीते दिनों चिरगांव ब्लॉक के बेरबई ग्राम के किसान प्रेम नारायण रैकवार ने कर्ज के कारण मौत को गले लगा लिया। पीड़ित परिजनों का कहना कि प्रेमनारायण लाकडाउन में फरीदाबाद से पैदल गांव आये थे। उनके चार भाई हैं, पूरा परिवार मजदूरी पर आश्रित है। डेढ़ बीघा खेती है, उड़द की खेती थी। सूखे -ओलावृष्टि से फसल बर्बाद हो गई। उन्होंने अपनी बेटी की शादी किया था, 2 लाख साहूकार से कर्ज लिया व 50 हजार बैंक से कर्ज लिया है।

  साहूकार व बैंक से कर्ज चुकाने का चैतरफा दबाव था, पीड़ित ने तहसील से लेकर जिलाधिकारी से भी गुहार लगाई लेकिन किसी ने सुधि नहीं ली मजबूरन रैकवार ने मौत को चुना। परिजनों का यह भी कहना है कि सरकार की तरफ से अब तक न कोई मुआवजा मिला और न ही किसी तरह की और आर्थिक मदद मिली।

उन्होंने दूसरी दुःखद आत्महत्या का जिक्र करते हुए बताया कि जनपद झांसी के गुरसराय ब्लॉक के ग्राम शहपुरा खुर्द के किसान स्व. लोकेंद्र सिंह कर्ज के बोझ व सरकारी मशीनरी के दबाव के कारण बेबस हो गए थे। परिजनों का कहना है कि उनके ट्रैक्टर से एक दुर्घटना हुई थी जिसके एवज में कोर्ट ने 5 लाख दंड दिया। खेत बेचकर आधा रुपया चुकता किया था। बैंक में 50 हजार का कर्ज था, फसल बर्बाद हो चली थी। सरकारी बाबू हर रोज तंग करता था, मानसिक दबाव में थे। अंत में उन्होंने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

प्रदेश अध्यक्ष ने जारी बयान में बताया कि जनपद झांसी के मऊरानी तहसील के छोटी सुजारी ग्राम सभा के राघवेंद्र सिंह लोधी ने फसल बर्बादी, साहूकारों के कर्ज व आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या कर जीवन लीला समाप्त कर ली। वे तीन भाई थे, छह बच्चों के पिता के साथ वे कुल तीन भाई थे, दो बीघे की खेती थी। परिजनों का कहना है कि उनके मरने के बाद सरकारी अमला आया तो, लेकिन किसी तरह की कोई मदद न उस वक्त मिली न अब तक सरकार की तरफ से कुछ मिला।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह है भाजपा सरकार की हकीकत। देश का अन्नदाता आत्महत्या कर रहा है और प्रधानमंत्री मोर के साथ वीडियो शूट करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी टीम 11 की फर्जी बैठकों से फुर्सत तक नहीं है।

दौरे पर साथ रहे प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में पूरे बुंदेलखंड के लिए श्री राहुल गांधी जी की पहल पर बुंदेलखंड पैकेज दिया गया। जगह-जगह मंडियां बनीं। फसलों की खरीद शुरू हुई। पानी के लिए कई तरह की योजनाओं की पहल हुई लेकिन आज पूरा बुंदेलखंड पलायन और पानी की मार से आंसू बहा रहा है। किसान आत्महत्या को मजबूर है। पलायन के कारण गांव के गांव खाली हो चुके हैं।

किसान कांग्रेस अध्यक्ष शिवनारायण परिहार ने कहा कि बुंदेलखंड में आये दिन किसान आत्महत्या कर रहा है। बेमौसम बारिश, गलत सरकारी नीतियों और कर्ज की मार खाकर किसान आत्महत्या को मजबूर है। कोरोना के बाद बाहर कमाने गए लोग भी वापस आ गए हैं इससे किसानों पर और भार बढ़ गया है। दौरे में प्रदेश महासचिव राहुल रॉय, प्रदेश सचिव राहुल रिछारिया, जिला अध्यक्ष भगवानदास कोरी समेत दर्जनों नेता उपस्थित थे।