इको ग्रीन कंपनी कूड़ा निस्तारण में पूरी तरह फेल

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  • इको ग्रीन कंपनी कूड़ा निस्तारण में पूरी तरह फेल ।
  • नौबत ये है कि कम्पोस्ट और कोयला बनाने के बजाय रोजाना करीब 600 टन कचरा शहर की सड़कों, खाली प्लॉट और तालाब में सड़ रहा ।
  • इको ग्रीन करीब 1600 टन कूड़े में सिर्फ 1000 टन ही प्लांट ले जा रही है, जहां पूरी तरह निस्तारण नहीं होने से वहां कचरा रखने की जगह नहीं बची ।
  • प्लांट परिसर में कचरे का पहाड़ खड़ा हो गया ।
  • राजधानी में कूड़े के निस्तारण की जिम्मेदारी ईकोग्रीन कम्पनी को दी गई थी।
  • नगर निगम ने इसके लिए मोहान रोड के शिवरी गांव में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाया है। प्लांट शुरू होने के साथ नगर निगम ने बड़े-बड़े दावे किए थे ।
  • प्लांट में ऑपरेशन शुरू होने के बाद शहर में कहीं कचरा नहीं दिखेगा। कूड़े से खाद, जलाने वाला कोयला बनाया जाएगा ।
  • मगर अब उसका पूरा सिस्टम फेल हो गया है। कम्पनी न घर-घर से कूड़ा उठा पा रही है, न निस्तारण कर पा रही है ।
  • स्वास्थ्य अधिकारी सुनील रावत के मुताबिक राजधानी में करीब 1600 टन कचरा रोज निकल रहा है, लेकिन इसमें 1000 टन का ही निस्तारण हो रहा ।
  • पार्षदों ने शुरू किया इकोग्रीन भगाओ लखनऊ बचाओ अभियान ।

लखनऊ में कूड़े के निस्तारण की ज़िम्मेदारी ईकोग्रीन कम्पनी को दी गई है। नगर निगम ने इसके लिए मोहान रोड के शिवरी गांव में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाया है। प्लांट शुरू होने के साथ नगर निगम ने बड़े-बड़े दावे किए थे। प्लांट में ऑपरेशन शुरू होने के बाद शहर में कहीं कचरा नहीं दिखेगा। कूड़े से खाद, जलाने वाला कोयला बनाया जाएगा। मगर अब उसका पूरा सिस्टम फेल हो गया है। कम्पनी न घर-घर से कूड़ा उठा पा रही है, न निस्तारण कर पा रही है। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने करीब 20 दिन पहले शिवरी प्लांट का ज़ायजा लिया तो यहां पूरे प्लाण्ट में कूड़े का पहाड़ मिला, जो और ऊंचा हो गया है। घर-घर से कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां अब कूड़़ा खाली प्लॉटों में गिरा रही हैं। नदी और झील तालाब पाट रही हैं। नगर स्वास्थ्य अधिकारी सुनील रावत के मुताबिक लखनऊ में करीब 1600 टन कचरा रोज निकल रहा है, लेकिन इसमें 1000 टन का ही निस्तारण हो रहा है।