तुलसा कर आई चारों धाम

146

विष्णु पुराण के अनुसार,रविवार,एकादशी, द्वादशी,चंद्र ग्रहण,सूर्य ग्रहण और शाम के समय में तुलसी नहीं तोड़ना चाहिए. इसके अलावा एकादशी के दिन तुलसी तोड़ने से घर में गरीबी आती है। शास्त्रों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति बिना नहाएं- धोएं तुलसी तोड़ता है तो भगवान विष्णु उस पत्ते को स्वीकार नहीं करते हैं।

रेनू सिंह

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और समय का बहुत महत्व है. शादी से लेकर घर में कोई छोटा भी छोटा काम शुभ मुहूर्त देखकर किया जाता है। इसी के साथ इन पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली हर एक चीज का अपना महत्व है। उसी तरह हर भगवान की अलग-अलग चीजों से पूजा की जाती है और उसका अपना महत्व होता है। ऐसी ही एक मान्यता है कि रविवार के दिन तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए।तुलसी के पौधे को लेकर कई तरह की मान्यताएं है जैसे कि गुरुवार को तुलसी का पौधा लगाना चाहिए, इसे घर के बाहर नहीं बल्कि बीच आंगन में लगाना चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि रहती है।ऐसी मान्यता है कि रविवार के दिन तुलसी के पत्ते को नहीं तोड़ना चाहिए, लोगों का मानना है कि रविवार के दिन भगवान विष्णु का प्रिय वार होता है और तुलसी भी भगवान विष्णु को प्रिय होती है इसलिए इस दिन तुलसी को नहीं तोड़ना चाहिए।

तुलसा कर आई चारों धाम, जाने कहां लेगी विश्राम।

पहला विश्राम हरिद्वार में पायो ,जहां पर हरि करें स्नान।

तुलसा नही लेगी विश्राम।तुलसा कर आई चारों धाम, जाने कहां लेगी विश्राम।

दुसरा विश्राम, गोवर्धन मैं पायो।जहां कान्हा गिरवर उठाए,तुलसा ना लेगी विश्राम।

तुलसा कर आई चारों धाम, जाने कहां लेगी विश्राम।

तीजा विश्राम बंसीवट मैं पायो, जहां पर कान्हा बंसी बजाए,तुलसा ना लेगी विश्राम।

तुलसा कर आई चारों धाम, जाने कहां लेगी विश्राम।चौथा विश्राम मधुवन मैं पायो,जहां पर कान्हा रास रचाए, तुलसा नही लेगी विश्राम।

तुलसा कर आई चारों धाम, जाने कहां लेगी विश्राम।

पूरो विश्राम वृंदावन में लीनो,वहां मिल गए शालिग्राम,तुलसा वहीं लेगी विश्राम।

तुलसा कर आई चारों धाम, जाने कहां लेगी विश्राम।