कपालभाति के अद्भुत फायदे

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योगासन से करने से हमरा शरीर स्वास्य्थ रहता है , हम अपने डेली रूटीन ने योग करते है तो बीमारी पास नहीं फटकेगी योगासन से बहुत फायदे हैद्य योगासन में से एक योगासन कपालभाति हैद्य शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनता हैद्य योग एक ऐसा उपाय है जिससे शारीरिक और मानसिक मजबूती मिलती है। कपाल का अर्थ होता है खोपड़ी और भाति यानी हल्का करना, अर्थात सांसों के जरिए अपने दिमाग और शरीर को हल्का करना। कपालभाति के दौरान श्वास प्रक्रिया को इस प्रकार नियंत्रित किया जाता है कि शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह तेज होता है। इससे हमारी बॉडी का स्ट्रैस रिलीज होता है और हम लाइट फील करते हैं।कपालभांति की प्रक्रिया के दौरान हमारी बॉडी का प्यूरिफिकेशन होता है और शरीर के टॉक्सिन या वेस्ट मैटर रिलीज हो जाते हैं। इससे हमारा शरीर जीवंतता आती है और हम पहले की तुलना में अधिक ऊर्जावान महसूस करते हैं।

बीमारियों से लड़ने में सहायक…

कपालभाति हमारे फेफड़ों की सफाई और इन्हें मजबूत बनाने का काम करता है। इस कारण हम कई सांस संबंधी कई बीमारियों और एलर्जी से बचे रह सकते हैं। कोरोना वायरस भी हमारे श्वशन तंत्र पर अटैक करता है। ऐसे में कपालभाति हमारे फेफड़ों और श्वसन तंत्र की वायरस से लड़ने की क्षमता बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है।

कपालभाति प्राणायाम करने की विधि…..

1. एक शांत जगह पर सुखासन ;पालथी लगाकर बैठनाद्ध में बैठें और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।

2. सबसे पहले सांसों को सामान्य स्थिति में रखें। फिर नाक के दोनों सुरों की मदद से गहरी सांस लें। सांस अंदर खींचते वक्त आपका पेट फूलना चाहिए। जैसे पेट में हवा भर रही हो।

3. अब हल्के आउट बर्स्ट की तरह सांस छोड़ें। यानी तेजी से सांस छोड़नी है और सांस छोड़ते वक्त पेट को अंदर की तरफ खींचना है।

4. यानी जब सांस लेते हैं तो पेट बाहर की तरफ आना चाहिए और जब तुरंत तेजी से सांस छोड़ी जाए तो पेट अंदर की तरफ आना चाहिए। इस दौरान कमर और गर्दन एकदम सीधी रहनी चाहिए।

5. जब आप कपालभाति करना शुरू करें तो शुरुआती स्तर पर 65 से 70 बार सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया करनी चाहिए। जिसे दिनों में धीरे.धीरे बढ़ाकर आप 95 से 105 पर ले जाएं।

6. कपालभाति लगातार 1 मिनट तक कर सकते हैं। इसके बाद नाक के जरिए गहरी सांस लें और मुंह से धीरे.धीरे छोड़ें। इस दौरान मन और शरीर को शांत करने का प्रयास करें।

7. अपनी सुविधा और अनुभव के आधार पर आप इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं। इस दौरान यदि आपको चक्कर आने की समस्या या सिर में भारीपन का अहसास हो तो अपने साथ जबरदस्ती ना करें और प्रक्रिया को यहीं रोक दें।जो लोग नियमित रूप से कपालभाति करते हैंए उनका ना केवल श्वसन तंत्र बल्कि पेट की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं

8. नियमित रूप से कपालभाति करने से हमारे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। इससे दिमाग में ऑक्सीजन का फ्लो बढ़ता है और ब्रेन को अधिक एनर्जी मिलती हैए जिससे एकाग्रता बढ़ती है और हमें मेडिटेशन करने में भी मदद मिलती है।

कपालभाति प्राणायाम के लाभ…..

यह चयापचय प्रक्रिया को बढ़ाता है और वजन कम करने में मदद करता है।
नाड़ियों का शुद्धिकरण करता है।
पेट की मासपेशियों को सक्रिय करता है जो कि मधुमेह के रोगियों के लिए अत्यंत लाभदायक है।
रक्त परिसंचरण को ठीक करता हैद्ध और चेहरे पर चमक बढ़ाता है।
पाचन प्रकिया को अच्छा करता है और पोषक तत्वों का शरीर में संचरण करता है।
आपकी पेट कि चर्बी फलस्वरूप अपने.आप काम हो जाती है।
मस्तिष्क और तांत्रिक तंत्र को ऊर्जान्वित करता है ।

मन को शांत करता है कपालभाति करते समय क्या नही करना चाहिए…..


1. यदि आप हर्नियाए मिर्गीए स्लिप डिस्कए कमर दर्दए अथवा स्टेंट के मरीज़ हैं तो यह प्राणायाम न करें। यदि आपकी कुछ समय पूर्व पेट की सर्जरी हुई है तब भी यह प्राणायाम न करें।

2. महिलाओं को यह प्राणायाम गर्भावस्था के दौरान अथवा उसके तुरंत बाद नही करना चाहिए। मासिक धर्म के दौरान भी यह प्राणायाम नही करना चाहिए।

3. हाइपरटेंशन के मरीजों को यह प्राणायाम किसी योग प्रशिक्षण के नेतृत्व में ही करना चाहिए।