ब्‍लड शुगर कंट्रोल करेगी अदरक

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योगगुरु के0 डी0 मिश्रा

अदरक एक ऐसी सामग्री है जिसका उपयोग भारतीय व्यंजनों में किया जाता है. इसमें मौजूद तेज सुगंध विभिन्न खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों को स्‍ट्रॉन्‍ग टेस्‍ट देती है. वास्तव में, अदरक एक आम घटक है जिसे लंबे कई बीमारियों के घरेलू उपचारों  में उपयोग किया जाता है. अदरक वास्तव में आयुर्वेद  का खजाना है. हालांकि यह आमतौर पर अल्‍टी और अपचन जैसी बीमारियों के लिए एक हर्बल उपचार के रूप में प्रयोग की जाती है, यह ब्‍लड शूगर के लेवल को कंट्रोल  करने और डायबिटीज को कंट्रोल  करने में मदद के लिए भी जानी जाती है. डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैनक्रिया इंसुलिन उत्पन्न करने में सक्षम नहीं होती. अदरक इंसुलिन के उत्पादन को ठीक करके डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद करती है.

अदरक एक आम घटक है जिसे लंबे कई बीमारियों के घरेलू उपचारों में उपयोग किया जाता है. अदरक वास्तव में आयुर्वेद का खजाना है. अदरक एक ऐसी सामग्री है जिसका उपयोग भारतीय व्यंजनों में किया जाता है. इसमें मौजूद तेज सुगंध विभिन्न खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों को स्‍ट्रॉन्‍ग टेस्‍ट देती है. वास्तव में, अदरक एक आम घटक है जिसे लंबे कई बीमारियों के घरेलू उपचारों में उपयोग किया जाता है.

अदरक वास्तव में आयुर्वेद का खजाना है. हालांकि यह आमतौर पर अल्‍टी और अपचन जैसी बीमारियों के लिए एक हर्बल उपचार के रूप में प्रयोग की जाती है, यह ब्‍लड शूगर के लेवल को कंट्रोल करने और डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद के लिए भी जानी जाती है. डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैनक्रिया इंसुलिन उत्पन्न करने में सक्षम नहीं होती. अदरक इंसुलिन के उत्पादन को ठीक करके डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद करती है.

ब्‍लड शुगर को कंट्रोल करती है अदरक…..

जर्नल ऑफ़ एथनिक फूड्स में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, अदरक का सेवन करने से टाइप-1 मधुमेह रोगियों में ए 1 सी के लेवल और फास्टिंग सीरम ग्लूकोज के लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है. ए 1 सी एक आम मधुमेह टेस्‍ट है जो आपके औसत ब्‍लड शुगर के लेवल की दो से तीन महीने की अवधि की जांच करता है.

अदरक में ब्‍लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने की ताकत होती है. असल में, अदरक ऐसे एंजाइमों को रोकता है जो पूरे कार्बोस के मेटाबोलिज्‍म और इंसुलिन संवेदनशीलता को प्रभावित करते हैं, जिससे मांसपेशियों में अधिक ग्लूकोज अवशोषण होता है.अदरक एक कम ग्लाइसेमिक फूड है, इसलिए डायबिटीज रोगी इसे आसानी से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. प्लेसबो समूह की तुलना में, अदरक पाउडर ने टाइप -2 मधुमेह वाले वयस्कों में ग्लाइसेमिक नियंत्रण में सुधार करने में मदद की, ये लोग इंसुलिन पर नहीं थे.

  — अदरक
सामग्री
थोड़ा सा कद्दूकस किया हुआ अदरक
एक कप पानी
कैसे सेवन करें?
एक पैन में कद्दूकस किए हुए अदरक को पानी में उबालें.
फिर पांच से दस मिनट बाद इस पानी को छान लें.
इसके बाद पानी को ठंडा कर तुरंत पी लें.
कितनी बार पिएं ?
आप इसे रोज़ एक या दो बार पी सकते हैं। अगर, आपको अदरक ऐसे पीना पसंद नहीं, तो आप इसे अपनी पसंदीदा सब्ज़ी में दाल सकते हैं.
कैसे फायदेमंद है?
जब आप हर रोज़ अदरक का सेवन करेंगे तो इससे आपका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहेगा। अदरक की यह प्राकृतिक एंटीडाइबेटिक प्रकृति मधुमेह वाले लोगों के लिए बहुत मददगार साबित हो सकती है.

मधुमेह से बचाव….

एक वक़्त था जब डायबिटीज़ आनुवंशिक बीमारी हुआ करती थी या फिर उम्र अधिक हो जाने पर ही हुआ करती थी, लेकिन आज की इस जीवनशैली के कारण मधुमेह किसी को भी हो सकता है. इसलिए, यह ज़रूरी है कि समय रहते इस पर ध्यान देकर, अपनी कुछ आदतों को बदलकर और अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव कर इस बीमारी से बचा जा सकता है और जिन्हें पहले से ही मधुमेह हैं, वो इसे नियंत्रित कर सकते हैं. नीचे हम ऐसी ही कुछ चीज़ों के बारे में बता रहे हैं.

वजन को नियंत्रण में रखें –

 हमेशा अपने वज़न का ध्यान रखें. मोटापा अपने साथ कई बीमारियों को लेकर आता है और डायबिटीज़ भी उन्हीं में से एक है. अगर आपका वज़न ज़रूरत से ज़्यादा बढ़ा हुआ या कम है, तो उस पर तुरंत ध्यान दें और वक़्त रहते इसे नियंत्रित करें.

तनाव से दूर रहें – 

मधुमेह होने के पीछे तनाव भी ज़िम्मेदार होता है। इसलिए, यह ज़रूरी है कि अपने मन को शांत रखें और उसके लिए आप योगासन व ध्यान यानी मेडिटेशन का सहारा लें.

नींद पूरी करें – 

पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेने से या नींद पूरी नहीं होने से भी कई बीमारियां होती हैं, डायबिटीज़ भी उन्हीं में से एक है, इसलिए समय पर सोएं और समय पर उठें.

धूम्रपान से दूर रहें – 

धूम्रपान से न सिर्फ लंग्स पर असर होता है, बल्कि अगर कोई मधुमेह रोगी धूम्रपान करता है, तो उसे ह्रदय संबंधी रोग होने का ख़तरा बढ़ जाता है.

व्यायाम करें – 

शारीरिक क्रिया स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है, क्योंकि अगर कोई शारीरिक श्रम नहीं होगा, तो वज़न बढ़ने का ख़तरा बढ़ जाता है और फ़िर मधुमेह हो सकता है. इसलिए, जितना हो सके व्यायाम करें, अगर व्यायाम करने का मन न भी करें तो सुबह-शाम टहलने जरूर जाएं, योगासन करें या सीढ़ियां चढ़ें.


टिप्स…….

सही आहार – 

शुगर के मरीज़ों को अपने खान-पान का ख़ास ध्यान रखना चाहिए। शुगर में परहेज करने के लिए जितना हो सके बाहरी और तैलीय खाद्य पदार्थों से दूर रहें, क्योंकि इससे वज़न बढ़ने का ख़तरा रहता है और फिर मधुमेह। सही आहार अपनाएं, प्रोटीन व विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों को अपने डाइट में शामिल करें.

सही मात्रा में पानी पीएं – 

आपने एक कहावत तो सुनी ही होगी कि ‘जल ही जीवन है’। हमारे शरीर को पानी की सख्त ज़रूरत होती है, क्योंकि एक व्यस्क के शरीर में 60 प्रतिशत पानी होता है. सबसे ज़्यादा पानी एक शिशु और बच्चे में होता है. पानी से कई बीमारियां ठीक होती हैं. मधुमेह के रोगियों के लिए भी पानी बहुत आवश्यक है, इसलिए, जितना हो सके पानी पीएं.

नियमित रूप से जांच –

 अपने ब्लड शुगर लेवल को जानने के लिए नियमित रूप से अपना डायबिटीज़ टेस्ट कराते रहें और उसका एक चार्ट बना लें, ताकि आपको अपने डायबिटीज़ के घटने-बढ़ने के बारे में पता रहे.

कम मीठा खाएं – 

ज़्यादा मीठा न खाएं, खासकर पेस्ट्री व केक जैसी चीज़ें. अगर आपको मीठा बहुत पसंद है, तो कोशिश करें कि घर में बनी कम मीठे वाली मिठाई ही खाएं और वो भी सीमित मात्रा में.अगर आपको डायबिटीज़ नहीं है, तो आप एक स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर आगे भी अपने डायबिटीज़ होने की आशंका को रोक सकते हैं. इसके अलावा, जिन्हें मधुमेह है वो भी ऊपर दिए गए इन टिप्स को अपनाकर अपनी बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं.

यूं तो हम लोग अक्सर अदरक वाली चाय पीना पसंद करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कच्ची अदरक खाने के क्या फायदे हैं. जानिए, कुछ ऐसे फायदों के बारे में जो शायद आपने अब तक ना सुने हो.

अदरक खाने के ये फायदे ….

डायबिटीज मरीज अगर सुबह उठकर अदरक का पानी पीएं तो उनका शुगर लेवल कंट्रोल हो सकता है.ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करने में अदरक फायदेमंद हैं.खाने के बाद अदरक चबाने से पाचनतंत्र अच्छा होता है और खाना आराम से डायजेस्ट होता है.माइग्रेन के कारण सिरदर्द है तो थोड़ी सी अदरक पीसकर उसे पानी के साथ लेना चाहिए. इससे सिरदर्द में आराम मिलेगा.गर्म पानी में अदरक उबालकर उसमें कुछ बूंदे नींबू और शहद की डालकर पीएं. कफ से आराम मिलेगा.दांत में दर्द है तो अदरक के छोटे से टुकड़े को दर्द की जगह पर मसाज करें. चाहे तो अदरक के पानी के गार्गल भी कर सकते हैं.उल्टी या मितली होने या मॉर्निंग सिकनेस से बचने के लिए अदरक खाना फायदेमंद है.भूख ना लगने की समस्या हो तो अदरक का सेवन करे.