योग में है ठंड से बचाव के उपाय

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योग गुरु के0 डी0 मिश्रा

योग में है ठंड से बचाव के अचूक उपाय, कभी भी कहीं भी करें ये आसन और दूर भगाएं कंपकपी,योग में शरीर को गर्म रखने के लिए कई आसन हैं जिनके अभ्यास से ठंड नहीं लगती
कड़ाके की ठंड पड़ रही है, बाहर निकलने पर बच्चे-बुजुर्ग और युवा ठंड की चपेट में आ रहे हैं।

  • गुनगुने पानी का सेवन करें।
  • केसर-कस्तूरी मिला गुनगुना पानी पीएं।
  • गुड़ खाकर गुनगुना पानी भी पी सकते हैं।
  • सोंठ और गुड़ मिश्रित लड्डू खाएं।
  • ठंड से बचने को पीठ पर गर्म पानी की थैली रखें, इससे फेफड़े में ठंड नहीं लगती।
  • नाक में तेल डाल सकते हैं।
  • पेट साफ न होने से ठंड अधिक लगती है, इसलिए हरी सब्जी का सेवन करें।

अक्सर कई बार ऐसी जगह पर होते हैं, जहां कंपकपी छूट रही होती है लेकिन अलाव आदि नहीं मिलता है। ऐसे में योग में कई ऐसे आसन है, जो शरीर को गर्म करके ठंड से बचाव करते हैं। शरीर को गर्म रखने के लिए कई प्रकार की यौगिक क्रियाएं अपनाई जा सकती हैं, जिनसे सर्दी को शीर्षासन करा भगा सकते हैं। आइए आपको योगाचार्यों की जुबानी ठंड से बचाव के अचूक उपाए बताते है।

सूर्यभेदी प्राणायाम बढ़ाता शरीर का तापमान –

योग गुरु डॉ. रविंद पोरवाल का कहना है कि सूर्यभेदी प्राणायाम का अभ्यास करने से शरीर का तापमान बढ़ता है। इसमें दाहिने नाक के छिद्र से सांस भर कर बाएं से छोड़ते हैं। ऐसा करने से शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है। इस प्राणायाम को कम से कम पांच मिनट करना चाहिए। इसी तरह अश्व चालन आसन का अभ्यास करना चाहिए।

इसमें पैर के पंजे एवं हाथ की हथेलियों के बल पर सामने की ओर देखते हुए फूंफकार वाली गहरी सांस लेते और छोड़ते हुए चलना चाहिए।

इस आसन का अभ्यास एक मिनट से अधिक नहीं करना चाहिए। इससे हाथ-पैर के तलवों और अंगुलियों की गलन ठीक होती है। इसी तरह षट्कर्म की क्रिया भस्त्रिका करना चाहिए। इसमें लोहार की धौकनी की तरह लंबी और गहरी सांस तेजी से लेना और छोडऩा होता है। इससे शरीर के रोम-रोम में गर्मी पैदा होती है, जो ठंड के प्रकोप से रक्षा करती है।

भस्त्रिका प्राणायाम से शरीर को मिलती गर्मी –

प्राणायाम तीन प्रकार के होते हैं। इसमें शरीर को गर्मी देने वाले, शरीर को ठंडा रखने वाले और शरीर को ताकत देने वाले हैं। बहुत से ऐसे विशेषज्ञ है, जिन्हें इसकी जानकारी ही नहीं है। इसलिए कई बार गलत क्रियाएं कराने लगते हैं। भस्त्रिका प्राणायाम से शरीर को गर्मी मिलती है। इन आसनों को पांच मिनट से अधिक नहीं करना चाहिए।

सूर्य भेदी प्राणायाम दायीं नासिका से करते हैं। माना जाता है कि दायीं नासिका सूर्य नाड़ी से जुड़ी होती है। इसे सूर्य स्वर कहते हैं। इसलिए इसका नाम सूर्यभेदी प्राणायाम है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर के अंदर गर्मी उत्पन्न होती है। इसका सर्दियों नियमित अभ्यास करना चाहिए। इसके अलावा एक ही जगह पर तेजी से कदम चलाते हुए सांस लेना और छोडऩा चाहिए। ऐसा 5-15 मिनट तक करना चाहिए।

इस बात का जरूर रखें ध्यान – योग के आसन करने में कुछ सावधानी बरतने की जरूरत होती है। अगर किसी को उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) की समस्या है तो उसे इन आसनों को नहीं करना चाहिए। वह गहरी सांस लेकर छोड़ सकते हैं।

ठंड में इसका रखें ध्यान –

गुनगुने पानी का सेवन करें। केसर-कस्तूरी मिला गुनगुना पानी पीएं। गुड़ खाकर गुनगुना पानी भी पी सकते हैं। सोंठ और गुड़ मिश्रित लड्डू खाएं। ठंड से बचने को पीठ पर गर्म पानी की थैली रखें, इससे फेफड़े में ठंड नहीं लगती। नाक में तेल डाल सकते हैं। पेट साफ न होने से ठंड अधिक लगती है, इसलिए हरी सब्जी का सेवन करें।