शिवपाल सिंह यादव के राजनीतिक सफर पर एक नजर

134

देश के खांटी राजनेताओं में शुमार किए जाने वाले मुलायम सिंह यादव की उंगली पकड़कर राजनीति सीखने वाले शिवपाल सिंह यादव पिछले दो दशकों से उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक अहम जगह रखते हैं। भले ही उनकी शुरुआती पहचान मुलायम के छोटे भाई की रही लेकिन बहुत जल्द इससे आगे निकलते हुए वो एक मजबूत नेता बन गए।

समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव के उभार से पहले शिवपाल ना सिर्फ पार्टी संगठन बल्कि टिकट बंटवारे का काम भी देखते रहे हैं। 06 अप्रैल 1955 को सैफई में जन्में शिवपाल सिंह यादव ने जब होश संभाला तो बड़े भाई मुलायम प्रदेश की राजनीति में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। 1974 में उन्होंने इंडरमीडिएट की परीक्षा पास की और 1977 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीपीएड किया। जब तक शिवपाल ने पढ़ाई पूरी कि बड़े भाई मुलायम राजनीति में पहचान बना चुके थे।

शिवपाल ने बड़े भाई मुलायम की उंगली पकड़ ली और धीरे-धीरे राजनीति का ककहरा सीखने लगे। मुलायम सिंह अपनी राजनीति के चलते कभी दिल्ली तो कभी लखनऊ जाते रहते और शिवपाल क्षेत्र में लोगों के बीच क्षेत्र में घूमकर सोशलिस्ट पार्टी के कार्यक्रमों में भाग लेते और भाई मुलायम का प्रचार करते। चुनावों में पर्चें बांटने से लेकर बूथ-समन्वयक तक की जिम्मेदारी उन्होंने निभाई है। मधु लिमये, चौधरी चरण सिंह, जनेश्वर मिश्र जैसे बड़े नेताओं की सभाएं करवाने की जिम्मेदारी भी अक्सर मुलायम सिंह भाई शिवपाल को ही सौंप देते थे। शिवपाल यादव सक्रिय राजनीति में आए 1988 में। 1988 से 1991 और फिर 1993 में वो जिला सहकारी बैंक (इटावा) के अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद 1995 से लेकर 1996 तक वे इटावा के जिला पंचायत अध्यक्ष रहे।

इसी बीच 1994 से 1998 के बीच शिवपाल यादव उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक के भी अध्यक्ष बने। 1996 में मुलायम सिंह ने जसवंतनगर विधानसभा से उन्हें से विधानसभा का चुनाव लड़ाया। उन्होंने बड़े अंतर से चुनाव जीता। वो 1996 से लगातार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 20 साल से विधानसभा के सदस्य शिवपाल समाजवादी पार्टी के संगठन को मजबूत करने वाले नेता के तौर पर जाने जाते हैं।

पार्टी कार्यकर्ताओं में शिवपाल अपने अच्छे बर्ताव के लिए भी मशहूर रहे हैं। मुलायम सिंह और अखिलेश यादव की सरकार में वो कई अहम मंत्रालयों के मंत्री रहे हैं। वो उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विपक्ष रहे हैं। शिवपाल लंबे समय तक प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से पार्टी पर अखिलेश यादव की पकड़ मजबूत होने के बाद शिवपाल यादव किनारे कर दिए गए हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव उनको राजनीतिक करियर के लिहाज से काफी अहम माने जा रहे हैं।

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी जिसकी स्थापना समाजवादी पार्टी के पूर्व राजनेता शिवपाल सिंह यादव ने उसे छोड़कर २९ अगस्त २०१८ को की। जिसके बाद उन्होंने समाजवादी मूल्यों की रक्षा के लिए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाने का फैसला किया। वर्तमान समय में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड एक राजनीतिक दल है। वहीं पार्टी का कैम्प कार्यालय उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित है। जबकि स्थाई कार्यालय लखनऊ के गोमती नगर में स्थित है।

शिवपाल सिंह यादव जब से अपनी अलग पार्टी बनाई है तब से लोगों का हुजूम उनसे लगातार जुड़ रहा है।मुलायम सिंह यादव के नक्शे कदम पर चलने वाले प प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव जिस व्यक्ति से एक बार मुलाकात करते हैं वह उनका हो जाता है और उनके वह हो जाते हैं।छोटे-छोटे दलों से मिलकर प्रदेश में शिवपाल सिंह यादव एक नया विकल्प तैयार करने में लगे हैं । आगामी विधानसभा चुनाव तक वह प्रदेश को एक नया विकल्प देने जा रहे हैं।