धन तेरस-धर्म का बाजारीकरण

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कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। वे अमृत मंथन से उत्पन्न हुए। जन्म के समय उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। यही कारण है कि धनतेरस के दिन भगवान को प्रसन्न करने के लिए बर्तन खरीदा जाता है।


बाजार हर युग की आवश्यकता रही है। लेकिन बाजारवाद माल का उत्पादन कर लोगों में अपने मीडिया के माध्यम से व प्रलोभन देकर लोगों को उनके द्वारा उत्पादित माल खरीदने के लिए प्रेरित करता है। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में जहां पर पूरे देश में मानसून से उत्पादित होने वाली मुख्य फसल के आगमन के समय धनतेरस के शुभ मुहूर्त के नाम पर किसान की जेब का पैसा जल्दी से जल्दी निकलवाकर बाजार में लाने व किसान की फसल ओने पौने दाम में खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त का षड्यंत्र होता रहा है।
बाजार को धर्म से जोडकर व्यापारी व मिडिया के लोग किसानो व मजदुरो को ऐसे गुमराह करते है जैसे धनतेरस के शुभ मुहुर्त में सामान खरीदने पर साल भर कमाना ही नहीं पडेगा । जैसे टी वी पर दिखाया जाता है की धन तेरस को सुबह दस बजे से रात ग्यारह बजे तक खरीदारी का शुभ मुहुर्त है।

घंटे दो घंटे का नही। और कोई काम हो तब मिनटो मे मुहुर्त बताते है लेकिन यहां दिन भर का इसलिये बताते है ताकि व्यापारियो को अधिक से अधिक लाभ हो।बाजार सज गये है।करोडो की बिक्री के आसार।लोगो मे खरीदारी के प्रति भारी उत्साह।नकली व अनुपयोगी चीजे बेचने का शुभ दिन हो गया है धन तेरस।कोई टी वी वाला यह नही कहता है की बाजार मे नये मुंग,मोठ,बाजरी व चंवला आ गये है इनको किसान के घर जाकर खरीदना बहुत ही शुभ है।कोई टी वी वाला यह नही कहता है की बाजार मे नये मुंग,मोठ,बाजरी व चंवला आ गये है इनको किसान के घर जाकर खरीदना बहुत ही शुभ है।

इनका काम है धर्म के नाम पर लोगो मे डर पैदा कर के व्यापारीयो को लाभ पहुंचाना।यही कारण है की बाजार में रिडेक्शन के सामान की दुकाने सज गई है। शुभ दिन को घर में सामान लाने के लिये लोगो ने पुर्ण तैयारीयां कर रखी है। धनतेरस को बाजार में इतनी भीड रहती है की न तो व्यापारी के पास भाव ताव करने का समय रहता है और ने ही वस्तु को दिखाने का.इसलिये आओ, खरीदो,पैसे देवो और जाओ.माल कैसा है ।घर जाकर देखो ।आप को खरीदना ही है तो दिपावली के बाद ठोक बजाकर माल खरीदो बहुत शुभ है.यह तो व्यापारीयो और धर्म के नाम पर गुमराह करने वालो ने धनतेरस को अपने धन्धे से जोड दिया ।

धनतेरस पर बाजार से सामान खरीदने पर आपका धन व्यापारी के पास जाता है,धनतेरस पर धन का आगमन व्यापारी के होता है आपके यहा नही।असल में तो इस दिन नये मुंग,मोठ,चवला,बाजरा और तिल खरीद कर बारह महिने का स्ट्रोक करके किसान व अनाज की पुजा करनी चाहिये.घर में पेट भरने को अनाज आ जाये और अन्नदाता किसान के दर्शन हो जाये इससे अधिक शुभ क्या हो सकता है।