पिछले माह खोदे गये गढ़ढों में नये पौधों का रोपण

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लखनऊ। मुख्य उद्यान विषेशज्ञ मलिहाबाद लखनऊ राजीव कुमार वर्मा ने बताया कि आम- पिछले माह खोदे गये गढ़ढों में नये पौधों का रोपण। पिछेती प्रजातियों में फसल की तुड़ाई, छटाई, ग्रेडिंग व विपणन का कार्य नये पौधों में पत्ती काटने वाले कीट की रोकथाम हेतु कार्बरिल का भुरकाव करें, रेड रस्ट एवं सूटी मोल्ड रोग से बचाव हेतु कापर आक्सीक्लोराइड (3 ग्राम/ली0) पानी के साथ छिड़काव करें, फलमक्खी से बचाव करनें हेतु ग्रसित फलों को प्रतिदिन इकट्ठा करके नश्ट करते रहे, 8-10 फोरोमोन ट्रेप प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें। फेरोमोन टेªप हेतु इथाइल अल्कोहल$मिथाइल यूजीनाल$मैलाथियान 50 प्रतिषत ई0सी0 के 6ः4ः1 के घोल में 5×5×1.5 मिमी0 के प्लाई के टुकड़ों को 48 घण्टों तक शोधित कर लगायें। एक माह बाद पलाई के टुकड़े को बदल देना चाहिए।


केला- नये बाग हेतु रोपाई का कार्य स्वस्थ पुत्ती को छोड़कर शेष सभी की कटाई एवं पौधों में स्टेकिंग तथा जल निकास का प्रबंध।
नींबू वर्गीय फल-नये बागों का रोपण एवं निराई-गुड़ाई, सिट्रस कैंकर की रोकथाम हेतु ब्लाइटाक्स 3-4 ग्राम प्रति ली0 पानी में घोलकर छिड़काव, कीट की रोकथाम हेतु डाइमेथोएट 2 मिली0प्रति ली0 पानी की दर से छिड़काव।

अमरूद- फल सड़न रोकने हेतु मैंकोजेब 0.2 प्रतिशत का छिड़काव, फलों की तुड़ाई तथा विपणन, तना छेदक कीट की रोकथाम करें, नये पौधों का रोपण करें।


आंवला- नये पौधों के रोपण का कार्य तथा एफिड की रोकथाम हपेतु डाइमेथोएट 2 मिली0 प्रति ली0 पानी की दर से छिड़काव।

पपीता- अधिक बारिश होने पर पेड़ के पास पानी न भरने दें, इसलिए पेड़ के चारों तरफ 30 सेमी0 की गोलाई में मिट्टी की चढ़ाई का काम करें।

फूलगोभी- फूलगोभी की अगेती फसल की सिंचाई एवं निराई-गुड़ाई, फसल को कीड़ों से बचाव हेतु मैलाथियान 1मिली0 प्रति ली0 पानी का छिड़काव, मध्यकालीन गोभी की बुवाई हेतु नर्सरी की तैयारी करें।


मिर्च- मिर्च की रोपाई खेत तैयार करके (उर्वरक डालकर) 45×45सेमी0 की दूरी पर करें।


भिण्डी- भिण्डी की निराई-गुड़ाई व विपणन, 50किग्रा0 प्रति हे0की दर से खड़ी फसल में यूरिया देना, पीतशिरा मोजेक की रोकथाम हेतु कार्बरिल 4ग्राम प्रति ली0 या0 डाइमेथोएट 2 मिली0प्रति ली0 पानी के साथ घोल बनाकर छिड़काव करें।


देशी गुलाब से एक साख वाले पौधों को जिनमें आगे बडिंग किया जाना है। क्यारियों में एक फीट की दूरी (फ्लोरीबन्डा 70सेंमी0 की दूरी) पर लगाना, कल्लों को तोड़ना एवं निराई।


बैंगन- बैंगन की रोपाई हेतु खेत तैयार करते समय 150 किग्रा0 अमोनियम सल्फेट, 500 किग्रा0 सुपर फास्फेट तथा 125 किग्रा0 एम0ओ0पी0 प्रति हेक्टयर की दर से मिलना तथा पौधे को 60×45 या 60×60 सेंमी0 पर रोपण उसके तुरन्त बाद सिंचाई, बैंगन में फल बेधक कीट के नियंत्रण हेतु 10 फेरोमोन टेªप प्रति हेक्टेयर की दर से लगाकर नर कीट पकड़ कर नष्ट करें, नीमगिरी 4प्रतिशत(40 ग्राम नीमगिरी का चूर्ण) 1ली0 पानी में घोल बनाकर 10 दिन के अन्तराल पर छिड़काव करें, एजाडिरेक्टिन 0.15 प्रतिशत की 2.5 ली0 मात्रा को 500-600 ली0 पानी में घोलकर छिड़काव करें, ट्राइकोगामा के 2-3 कार्ड प्रति हेक्टेयर की दर से 10 दिन के अन्तर पर लगायें।