भारत में रूसी वैक्सीन का उत्पादन, आरडीआईएफ और पैनेसिया बायोटेक ने शुरू किया

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रूसी वैक्सीन देश में कोरोना वैक्सीन की किल्लत के बीच अच्छी खबर आई है। रूस की कोविड वैक्सीन स्पुतनिक-V का देश में अगस्त से उत्पादन शुरू हो सकता है। रूस में भारतीय राजदूत बाला वेंकटेंश वर्मा ने शनिवार को यह जानकारी दी। स्पुतनिक-V का उत्पादन शुरू होने से देश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम में तेजी आएगी।

रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) और पैनेसिया बायोटेक ने स्पुतनिक-वी का भारत में उत्पादन शुरू कर दिया है। भारत की पैनेसिया बायोटेक अब हर साल देश में 10 करोड़ डोज बना सकेगी। बता दें, रूस द्वारा विकसित यह कोरोना रोधी वैक्सीन कोरोना के खिलाफ बड़ी कारगर मानी गई है। 

आरडीआईएफ ने बयान में कहा कि पैनेसिया बायोटेक द्वारा बनाई गई वैक्सीन का पहला बैच क्वालिटी कंट्रोल्स के लिए, स्पुतनिक वी को विकसित करने वाले रूस के इंस्टीट्यूट गैमेलिया को भेजा जाएगा। फुल स्केल प्रॉडक्शन इस साल गर्मियों में शुरू होने की उम्मीद है। पैनेसिया बायोटेक कई तरह की दवाओं और वैक्सीन की उत्पादन करती है। इसकी स्थापना 1984 में हुई थी और यह 1995 में पैनिसिया बायोटेक लिमिटेड के नाम से सूचीबद्ध हुई थी।

91.6 फीसद कारगर है स्पुतनिक-वी (Sputnik V)

आरडीआईएफ के सीइओ किरिल दिमित्रीदेव ने विश्वास जताया है कि पैनेसिया बायोटेक में स्पुतनिक वी का प्रॉडक्शन शुरू होना, महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में मदद के लिए अहम कदम साबित होगा। रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन पहली और दूसरी डोज में दो अलग-अलग एडेनोवायरस इस्तेमाल करती है। यह वैक्सीन 65 देशों में रजिस्टर हो चुकी है। चिकित्सा क्षेत्र की प्रमुख पत्रिका लैंसेट के अनुसार स्पुतनिक वी, कोविड19 पर 91.6 फीसद कारगर है।

Rdif And Panacea Biotec Launch The Production Of Sputnik V In India -  Sputnik V: आरडीआईएफ और पैनेसिया बायोटेक ने शुरू किया रूसी वैक्सीन का भारत  में उत्पादन - Amar Ujala Hindi

जून तक भारत को मिलेगी 50 लाख डोज

रूस की सॉवरन वेल्थ फंड, रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) इस वैक्सीन के लिए फंडिग करती है। खास बात ये है कि उसने भारत की 5 पांच कंपनियों से इसके प्रोडक्शन के लिए समझौता किया है। भारत को अभी तक स्पूतनिक V की 2,10,000 डोज मिल चुकी है। वहीं मई के अंत तक 30 लाख डोज और मिलेगा जिसे भरकर इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं जून तक यह संख्या बढ़कर 50 लाख डोज हो जाएगी।

स्पुतनिक का उत्पादन 3 चरणों में किया जाएगा

भारत में स्पुतनिक का उत्पादन 3 चरणों में किया जाएगा। सबसे पहले, रूस से आपूर्ति – पूरी तरह से निर्मित – जो पहले ही शुरू हो चुकी है। दूसरा, आरडीआईएफ थोक में वैक्सीन भारत भेजेगा। यह उपयोग के लिए तैयार होगा लेकिन इसे भारत में विभिन्न बोतलों में भरना होगा। तीसरे चरण में रूसी पक्ष भारतीय कंपनी को प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करेगा और भारतीय कंपनी इसका पूरी तरह से भारत में उत्पादन करेगी। इन तीनों को मिलाकर लगभग 85 करोड़ डोज होंगी।

बता दें कि भारत अभी सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित कोविशील्ड व भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई कोवाक्सिन के जरिए टीकाकरण कर रहा है। अब देश में तीसरी वैक्सीन स्पूतनिक-वी की भी टीकाकरण में मदद मिल सकेगी। इससे देश की बड़ी आबादी का जल्द से जल्द टीकाकरण कर इस महामारी पर काबू पाया जा सकेगा।

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