उत्तम स्वास्थ्य का आनंद

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आज हर सफल व्यक्ति खुद को जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बनाने में लगा हुआ है। खुद को ऐसे मुकाम पर ले जाने की कोशिश करने में लगा है जहाँ उसका जीवन खुशहाली से भरपूर हो, अपनी ज़िन्दगी को बेहतर बनाने के लिए वह नए तरीके ढूंढता है और नए सोंच को अपनाता रहता है।

इस कामयाबी या अपने सपनो को पाने में कई लोग सफल हो जाते है किन्तु कई ऐसे लोग भी होते है जो अपने जीवन में सफलता पाकर भी खुश नहीं रहते,उनके पास दौलत होती है, परिवार होता है, इज्जत होती है तथा अपने ऐशो-आराम की हर चीज को खरीदने के वे काबिल भी होते है। लेकिन उनके पास जो चीज नहीं होती वह है-अच्छी सेहत।जब वे खुद को स्वस्थ ही नहीं रख पाते तो ऐसी सफलता तथा धन – दौलत उनके किसी काम की नहीं रहती।

उत्तम स्वास्थ्य का आनंद लेने के लिए हमें कुछ पहलुओं की ओर ध्यान देना ज़रूरी है जैसे हम किन खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, किन व्यक्तियों का संग रखते हैं, किस प्रकार की तस्वीरों व कार्यक्रम को देख व पढ़ कर ग्रहण करते हैं, समय की कितनी कद्र करते हैं एवं किस प्रकार के लोगों का आदर करते हैं। ऐसा अनंत सुझाव सदियों से हमारे लोक साहित्य का एक विभिन्न अंग रहा है परन्तु आज के इस आधुनिक युग में हम में से कईयों ने इस बुद्धिमत्ता का त्याग कर दिया है। यह कालजयी सलाह हमारे लोक साहित्य में सदियों से चली आ रही है परन्तु इस आधुनिक समय में हममें से बहुत सारे लोग इस बुद्धिमत्तापूर्ण बात को खारिज कर दिया है।

आज की तेज़ी से दौड़ने वाली दुनिया में, समय की कमी  होने के कारण,समाज हमें अस्वस्थ जीवनशैली अपनाने को मजबूर कर रहा है। हर कोई एक स्वस्थ जीवन जीने में समझौता कर रहा है। आज हम फास्ट फूड और चीनी से भरे हुए जलपान का सेवन करते हैं, कम सोते हैं, कम व्यायाम करते हैं, कम वार्तालाप परन्तु अधिक चिंताएं करते हैं – जैसे बच्चों की शिक्षा,अपना खर्चे आदि। हममें से बहुत इस जीवन की यात्रा में  तीव्र गति से दौड़ लगा रहे हैं।

हम यह जानते हैं कि यह तीव्र जीवनशैली ज़्यादा देर तक नहीं चल सकती ,यदि हम भाग्यशाली हैं तो हम किसी व्यायामशाला के सदस्य बन कर, योगाभ्यास कर के या ध्यानयोग का अभ्यास कर के बेहतर स्वास्थ्य बनाए रख सकते हैं । परन्तु हम मे  से बहुत से लोग थक-हार कर  टेलीवीजन के सामने पड़े सोफे पर शिथिल चलचित्र की बेहोशी में डूब जाते हैं।

लेकिन यहाँ हमारे पास विकल्प है —

  1. ताकत से भरा हुआ, स्वस्थ एवं गुणकारी भोजन खाएं।
  2. परिवार एवं मित्रों के संग , गुणवत्तापूर्ण समय बिताएं।
  3. स्वयं के संग कुछ समय व्यतीत करें, चाहे किसी  बगीचे में निःशब्द बैठ कर या किसी खलिहान में धुप और ताज़ी हवा का आनंद लेते हुए ।
  4. हम मानव जंतु हैं मानव मशीन नहीं जो कि  निरंतर क्रिया करते रहें। जब हम सदा कार्य में व्यस्त होने की लत का त्याग कर दें, उपलब्धियों के पीछे दौड़ना छोड़  दें तथा सदा मसरूफ़ हना छोड़ कर आराम से बैठ कर साँस लेने का समय निकालें तो हम पाएंगे कि हम अपने शरीर को स्वस्थ होने का एवं संतुलित अवस्था को पुनः पाने का एक अवसर प्रदान कर रहे हैं।

अपने अस्त-व्यस्‍त जीवन से एक कदम पीछे हटकर अपने आपको अलग कर खुद को साक्षी होकर देखना यह एक बहुत बड़ी चुनौती होकर रह गई है। वह थोड़ा सा अंतराल हमें किसी भी विषय-वास्तु में फंसने और भावनाप्रधान बनने से बचा सकता  है।तो इस अवसर को ज़ब्द करते हुए याद रखें की  अपने जीवन के आप ही कर्ता-धर्ता हैं।